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KANPUR : जाजमऊ में एक बार फिर टेनरी में टैंक सफाई के दौरान लापरवाही में एक सफाईकर्मी की जान चली गई, जबकि उसके तीन साथी अस्पताल में जिंदगी-मौत के बीच झूल रहे हैं। ये पहला मौका नहीं जब टेनरी में मजदूरों के साथ ऐसा हुआ है। इससे पहले भी एक साल में 12 से ज्यादा मजदूरों की मौत हो चुकी है। संडे को हुई घटना के बाद साथियों ने परिजनों को कर्मी की मौत की जानकारी दी तो वे इतना भड़क गए कि उन्होंने एनटू रोड पर हंगामा कर जाम लगा दिया। सीओ ने फोर्स के साथ वहां पहुंचकर किसी तरह लोगों को शांत कराया। इसके बाद शव को पोस्टमार्टम भेजा गया। परिजनों ने टेनरी मालिक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने और मुआवजा देने की मांग की है।

दम घुटने से हुई मौत
जाजमऊ अशरफाबाद निवासी अशफाक टेनरी मालिक है। उनकी गज्जूपुरवा में इंपैक्ट नाम से टेनरी है। रविवार को मैनेजर अबू नासिर ने टैंक की सफाई के लिए छह सफाई कर्मी अनशिल, अमित, राहुल, रोहित, शिवम और मंगल को बुलाया था। जिसमें अनशिल, अमित, राहुल और शिवम के साथ टैंक में उतर गया था, जबकि शिवम और मंगल टैंक के बाहर खड़े थे। इस बीच शिवम और मंगल जहरीली गैस का झोंका लगा तो वे चिल्लाते वहां से भागकर फैक्ट्री गेट पर पहुंच गए। आसपास के लोगों ने मुंह में मास्क पहनकर टैंक के अंदर देखा तो पता चला कि चारों सफाईकर्मी नीचे बेहोश पड़े है। आनन-फानन में टेनरी कर्मी और इलाकाई लोग किसी तरह चारों को बाहर निकालकर नर्सिगहोम ले गए तो वहां पर अनशिल को मृत घोषित कर दिया गया।

कोई भी नहीं लगाए था मास्क
मजदूरों के मुताबिक उनको ठेके पर टैंक सफाई का काम दिया जाता है। अनशिल और उनके तीनों साथियों में कोई भी न तो मास्क लगाए था न ही कपड़े से नाक व मुंह बंद किए थे। चारों करीब छह महीने से टेनरी के टैंक सफाई का काम कर रहे थे। जहरीली गैस के रिसाव होने के समय अगर वे मास्क लगाए होते तो शायद उसकी जान बच जाती।

एक साथी आईसीयू, दो रीजेंसी में एडमिट
अनशिल के तीनों साथियों अमित, राहुल और रोहित की हालत गंभीर बनी हुई है। अमित को एक नर्सिगहोम के आईसीयू में रखा गया है, जबकि अन्य दो राहुल और रोहित को रीजेंसी में एडमिट कराया गया है।

बच्चों के सिर से उठा पिता साया
अनशिल बनिया बाजार कैंट का निवासी था। परिवार में मां रूपरानी, पत्नी रजनी, दो बेटी रश्मिी, रागिनी और बेटा ईशान है। इसके अलावा परिवार में दो भाई बउवा और जीतू है। वह भाइयों में सबसे छोटा था। उसकी मौत से पत्नी सदमे में चली गई है। मां रो रोकर बदहवास है। रिश्तेदारों ने उनको संभालने की कोशिश की, लेकिन उसने आंसू नहीं रुक रहे थे।