खुलेआम लग रहा चूना  
नियम-कानून, कंज्यूमर प्रोटेक्शन, फेयर ट्रेड प्रैक्टिस ये सारी बातें यहां बेमानी लगती हंै। आप कितने भी काबिल हों इनके चंगुल में फंसे तो जेब कटनी ही है। जी हां, बात सिटी की, खासकर यहां के साकची बाजार और इस बाजार में दुकानदार के रूप में बैठने वाले सेंधमारों की हो रही है। साकची में कई फ्रूटसेलर पूरे पैसे लेकर फलों के वजन में करीब आधे तक का चूना लगा रहे हैं। इस बात का जायजा लेने के लिए हमने खुद साकची के कुछ फ्रुट शॉप्स से द्वारा बेचे जाने वाले फ्रूट्स के वजन की जांच की। उन फलों का वजन इलेक्ट्रॉनिक वेट मशीन पर चेक करने पर जो सच सामने आया वो हैरान कर देने वाला था।

दाम एक किलो का, सामान 550 ग्र्राम
गोलमुरी के रहने वाले रंजीत कुमार ने थर्सडे को आई नेक्स्ट टीम के सामने साकची बाजार से 60 रुपए प्रति किलो की रेट से आधा किलो सेब खरीदा। इस दौरान दुकानदार बगैर पूछे बार-बार सही वेट दिए जाने की बात कह रहा था। सेब खरीदने के बाद उसका वजन पास के ही एक दुकान में इलेक्ट्रॉनिक वेट मशीन पर किया गया। वेट मशीन का इलेक्ट्रॉनिक स्केल उस आधे किलो सेव का वजन सिर्फ 275 ग्र्राम बता रहा था।
इस गोरखधंधे से आप भले ही हैरान हों पर हमने जहां वजन चेक किया उस दुकानदार और आसपास मौजूद लोगों को कोई हैरानी नहीं हुई। सभी ने कहा कि ये गोरखधंधा यहां के लिए रोज की बात है। वजन में आधे तक की कमी की बात से आप भी समझ गए होंगे कि महंगाई की बोझ तले आम आदमी को किस तरह खुलेआम चूना लगाकर उनके बोझ को और बढ़ाया जा रहा है।

180 त्न हो जाती है कीमत
बाजार में फल आप चाहे जिस रेट पर खरीदें आपके थैले में पहुंचते-पहुंचते उसकी कीमत 80 परसेंट से ज्यादा बढ़ जाती है। एक एग्जांपल से इस बात को आसानी से समझा जा सकता है। थर्सडे को साकची बाजार में अंगूर का रेट 120 रुपए प्रति किलो था। अब अगर एक किलो की खरीदारी पर कोई ठग दुकानदार आपको सिर्फ 550 ग्र्राम सेब दे तो आपके लिए उस सेब का वास्तविक मूल्य करीब 218 रुपए प्रति किलो हो जाता है। ये रेट अंगूर के ओरिजनल रेट से करीब 81 परसेंट ज्यादा है।

बढ़ी demand से हुई चांदी
 छठ पर्व के मौके पर फल की डिमांड कई गुना बढ़ गई है। वजन में हेराफरी कर फल बेचने वाले दुकानदारों के लिए ये एक सुनहरा मौका साबित हो रहा है। पूजा के लिए फल खरीदने वाले लोगों को भी ये दुकानदार उल्लू बना रहे हैं। फलों की आसमान छूती कीमतों के चलते पहले से ही लोग काफी परेशानी में हैं। ऐसे में वजन में आधे तक की कटौती के कारण लोगों की परेशानियां और भी बढ़ गई हंै।

नहीं है rules की परवाह
लीगल मेट्रोलॉजी एक्ट के तहत तराजू, बाट सहित वेट और मेजरमेंट में इस्तेमाल किए जाने वाले सभी इक्वीपमेंट्स के लिए स्टैैंडर्ड निर्धारित किए गए हैं, लेकिन कस्टमर को चूना लगाने वाले इन दुकानदारों को ना तो किसी रूल्स की परवाह है और न ही किसी कार्रवाई का डर। कई दुकानदारों द्वारा वेट के लिए यूज किए जाने वाले इक्वीपमेंट्स का कोई स्टैैंडर्ड नहीं होता। कई जगहों पर तो बिना स्केल वाले तराजू और बाट के रूप में पत्थरों का यूज किया जाता है। ये सारी कालाबाजारी खुलेआम होने के बावजूद वेट एंड मेजरमेंट डिपार्टमेंट इस पर रोक लगाने में असमर्थ है। ज्यादातर स्ट्रीट वेंडर्स को पता भी नहीं होता वेट एंड मेजरमेंट डिपार्टमेंट है क्या चीज, और इसका काम क्या है।

'मैंने आधा किलो सेब खरीदा लेकिन  वजन कराने पर यह सिर्फ 275 ग्र्राम निकला। ये तो खुलेआम लूट है.'
-रंजीत कुमार, गोलमुरी

'कस्टमर्स को दिन दहाड़े चूना लगाया जाता है। ऐसा करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.'
-जयप्रकाश चौधरी, बिरसानगर

Report by: abhijit.pandey@inext.co.in