-आरओ फिल्टर की वजह से नाली में बह जाता है एक तिहाई पानी
-जंक्शन पर आरओ फिल्टर से निकला जंक्शन धुलाई में हो रहा यूज
ALLAHABAD: शहर में अंधाधुंध जलदोहन और पानी की बर्बादी के कारण पानी का स्टेटा नीचे भागता चला जा रहा है। वहीं स्वच्छ पानी पीने के चक्कर में करीब शहर के करीब दस लाख से अधिक लोग हर रोज करीब 90 लाख लीटर पानी नाली में बहा देते हैं। असल में यह लोग इस बात से नावाकिफ हैं कि शुद्ध पानी दे रहा आरओ प्यूरीफायर जितना पानी साफ करके देता है, उसका तीन गुना पानी बर्बाद कर देता है।
दस लीटर के लिए 30 लीटर पानी बर्बाद
वॉटर प्यूरीफायर टीडीएस कंट्रोल करके औसतत दस लीटर पानी पीने को देते हैं। वहीं 90 फीसदी लोग अंजान हैं कि उनका आरओ दस लीटर पानी के लिए 30 लीटर पानी बर्बाद कर रहा है। भू-जल स्तर गिरने का यही बड़ा कारण है। विभिन्न कंपनियों के आरओ डिस्ट्रीब्यूटर बताते हैं कि इलाहाबाद शहर में करीब दो लाख से अधिक आरओ सिस्टम लग चुके हैं। आरओ लगवाने की होड़ के चलते शहर की कई प्रतिष्ठित दुकानों पर आरओ की बिक्री चार गुनी तक बढ़ गई है।
सैकड़ों अवैध वाटर प्लांट
जिन घरों में प्यूरीफायर का बजट नहीं है, वो भी बाजार से उपलब्ध जार वाला व कैंटर वाला पानी इस्तेमाल कर रहे हैं। शहर में हर गली अैर मोहल्ले में खुल चुके आरओ प्लांट में भी चार लीटर पानी में से तीन लीटर व्यर्थ कर दिया जाता है। लेकिन यहां पानी व्यर्थ करने की मात्रा घरों से ज्यादा है। शहर में सैकड़ों वाटर प्लांट चल रहे हैं। जहां से दुकानों व घरों में आरओ वाटर सप्लाई किया जा रहा है।
जंक्शन से लें मिसाल
इलाहाबाद जंक्शन के प्लेटफार्म एक से लेकर दस तक कुल 8 वाटर वेंडिंग मशीन लगाए गए हैं। यहां प्रतिदिन हजारों लीटर प्यूरीफाइड वॉटर पैसेंजर्स को सस्ते दाम में अवेलेबल कराया जा रहा है। लेकिन यहां प्यूरीफाई होकर निकला पानी बर्बाद होने के बजाय रेलवे के टैंक में जा रहा है। इस पानी का इस्तेमाल ट्रेन के साथ ही रेलवे लाइन वॉशिंग में होता है।
पानी की स्वच्छता को लेकर आम हो या खास हर कोई संवेदनशील है। इससे घरों में आरओ की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, जिसकी वजह से बड़े पैमाने पर पानी बर्बाद हो रहा है। किसी भी आरओ कंपनी ने बर्बाद हो रहे इस जल के बचाव का कोई प्रावधान नहीं किया, जिसके चलते जाड़ों में भी पानी संरक्षण की जरूरत पड़ रही है।
आरएस यादव
एक्सईएन
जलकल विभाग
जलदोहन रोकने के लिए लोगों को लगातार जागरुक किया जा रहा है। इसके बाद भी जलदोहन कम नहीं हो पा रहा है। ये बात सही है कि वाटर प्यूरीफायर की वजह से पानी की बर्बादी बढ़ गई है। लोगों को इसे रोकने का उपाय करना चाहिए।
मनोज श्रीवास्तव
ग्लोबल ग्रीन
02 लाख से ज्यादा आरओ सिस्टम लग चुका है पूरे शहर में
90 लाख लीटर पानी आरओ से निकलकर नालियों में चला जाता है।
40 लीटर पानी के लिए एक घर में 120 लीटर पानी बर्बाद किया जाता है।
40 लीटर शुद्ध पानी यूज होता है एक घर में खाना पकाने से लेकर पीने में
ऐसे बचा सकते हैं पानी
-जिन घरों में पानी स्वत: ही 200 टीडीएस तक है, वहां आरओ की जरूरत नहीं है।
-आरओ निकलने वाले पानी को बर्तन धोने, कपडे़ धोने, पेड़ों में पानी डालने आदि काम में लाया जा सकता है
-200 से ज्यादा फीट बोर का पानी शुद्ध होता है, ऐसे घरों में आरओ जरूरी नहीं।