- एग्जाम की वजह से राखी नहीं बंधवा पाए स्टूडेंट्स

- राखी के दिन भी हुआ पॉलिटेकनिक टेस्ट

PATNA: बहना ने भाई की कलाई से प्यार बांधा है रेशम की डोरी से संसार बांधा हैचारों तरफ यही गाना बजता रहा। रंग-बिरंगी राखी लेकर आई बहना। राखी बंधवा ले मेरे वीर। कॅरियर ने इस राखी को जैसे पछाड़ दिया। लगभग हजार युवा नहीं बंधवा सके राखी। संडे की वजह से राखी की धूम ज्यादा रही, पर रविवार को भी पॉलिटेकनिक, इंजीनियरिंग व मेडिकल की हैंड राइटिंग टेस्ट की वजह से बाहर से आए स्टूडेंट्स को कलाइयों का सूनापन सालता रहा। कइयों के लिए ये पहली बार था, जब कलाई को बहना का प्यार नसीब नहीं हुआ। ये और बात है कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद एडमिशन प्रोसेस में बोर्ड अपनी तेजी दिखा रहा है। रविवार को राखी होने के बावजूद स्टूडेंट्स को बुलाया गया।

स्टेट भर से आए थे स्टूडेंट्स

पॉलिटेकनिक के लिए 900 स्टूडेंट्स की हैंड राइटिंग टेस्ट हुई, जबकि बीसीईसीई (एलई) इंजीनियंिरग व बीसीईसीई (एलई) मेडिकल की हैंड राइटिंग टेस्ट हुई। इस एग्जाम के लिए सूबे भर से हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स आईएएस भवन पटना पहुंचे थे। बिहार पॉलिटेकनिक में एडमिशन के लिए क् से क्म्00 रैंक वालों का हैंड राइटिंग टेस्ट लिया गया। सिग्नेचर मिलाया गया। फोटो लिए गए और पैसेज लिखवाया गया।

टेस्ट में दो मुन्नाभाई धराए

ऐसे मुन्नाभाई लगातार पकड़ा जा रहे हैं, जो अपनी जगह दूसरे को बैठाकर एग्जाम पास करने की मंशा रखते हैं। सूचना पदाधिकारी उमाशंकर प्रसाद ने बताया कि ऐसे दो स्टूडेंट्स पकड़े गए, जिन्होंने अपनी जगह दूसरे को बिठा कर एग्जाम पास करने का दुस्साहस किया। दोनों पर एफआईआर हुआ और अरेस्टिंग भी। क्क् अगस्त से क्फ् अगस्त तक डीसीईसीई (एल ई) की हैंड राइटिंग टेस्ट होनी है।

भ्0 स्टूडेंट्स ने लॉक खोलने की गुहार लगाई

पॉलिटेकनिक में एडमिशन के लिए आए भ्0 स्टूडेंट्स ने बीसीईसीई को लिख कर दिया कि भूलवश वे अपनी रैंक का अुनमान नहीं लगा सके और एप्लीकेशन में एक ही ब्रांच को चूज किया। इसके बाद लॉक कर दिया गया है। अब इन्हें डर सता रहा है कि अच्छा रैंक होने के बावजूद इनके एडमिशन की संभावना नहीं दिख रही है, इसलिए लॉक को खोला जाए। स्टूडेंट्स ने आई नेक्स्ट को बताया कि नेट से फॉर्म भरने का एक्सपीरिएंस उनके पास नहीं होने की वजह से ऐसी गलती हुई है। साइबर कैफे वाले ने इस तरह से उनका फॉर्म भर दिया है। सही सूचना भी उन्हें नहीं मिल पाई थी।

मैं रक्षाबंधन नहीं मना पाया। कल शाम ही भागलपुर से पटना आना पड़ा एग्जाम की वजह से। पहली बार ऐसा हुआ कि मैं अपनी बहन से राखी नहीं बंधवा पाया।

आलोक कुमार, भागलपुर

राखी का प्यार इस बार मिस कर गया। बहन हर साल प्यार से राखी बांधती थी, इस बार भी सोचा था मिलकर मनाएंगे रक्षा बंधन, लेकिन बोर्ड को ये मंजूर नहीं था इसलिए पटना आना पड़ा।

रामउग्रे, सीवान

सोचा था इस बार भी बहन से राखी बंधवाऊंगा, लेकिन कहां पता था कि एग्जाम का डेट आज ही पड़ जाएगा। कॅरियर का सवाल है आना पड़ा, जिसकी कलाई पर राखी देख रहा हूं मन में कसक हो रही है।

रंजन कुमार गुप्ता, भागलपुर

अफसोस हो रहा है कि राखी में घर पर नहीं हूं। बहन की बहुत याद आ रही है। साल में एक बार तो राखी आती है, वह भी एग्जाम की भेंट चढ़ गई। क्या करें कॅरियर का सवाल है।

मंदीप शर्मा, बेगूसराय

हर साल बहन से राखी बंधवाता रहा हूं, लेकिन इस साल नहीं बंधवा पाया। राइटिंग टेस्ट देने पटना आना पड़ा। बहन की याद खूब आ रही है। बार-बार राखी बंधी हाथों की ओर नजर चली जा रही है।

चद्रलोक राजू, भागलपुर