- सीसीएसयू में परमानेंट हो या डेली वेजेज कर रहे हैं एक ही काम

- इसके बावजूद सभी को मिलता है अलग-अलग वेतन

Meerut: देश स्वतंत्र हो गया। सबको समानता का अधिकार दे दिया गया। समान कार्य के लिए समान वेतन का प्रावधान किया गया। इसके बाद भी आज तक असमानता खत्म नहीं हुई। यूनिवर्सिटी में भी कुछ ऐसी ही असमानता नजर आती है। जहां परमानेंट कर्मचारी जो काम करते हैं वही काम एक डेली वेजेज कर्मी भी करता है। इसके बाद भी उसको न परमानेंट बनाया गया है और न ही समान वेतन दिया जा रहा है। ऐसे में कहां समानता रह गई। हम आपको बता दें कि यूनिवर्सिटी तो सिर्फ एक उदाहरण है। इस तरह कई अन्य विभागों में भी यही स्थिति है।

यह है सीन

यूनिवर्सिटी में तत्कालीन वीसी आरपी सिंह के समय में साढ़े पांच सौ अस्थायी कर्मचारी रखे गए थे, जिन्हें एक निश्चित दैनिक वेतन देना शुरू किया गया। इनको करीब बारह साल से अधिक हो गए और आज तक परमानेंट का तमगा नहीं मिला। इसके साथ ही यूनिवर्सिटी में करीब डेढ़ सौ पद चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के खाली पड़े हैं, जो आज तक भरे नहीं गए। इसके साथ ही करीब सौ पद तृतीय श्रेणी के कर्मचारियों के खाली हैं। इन सभी पदों पर डेलीवेजेज वाले काम कर रहे हैं, जिनको परमानेंट करने का कोई सीन नहीं बनता।

काम सेम वेतन डिफरेंट

सालों से परमानेंट कर्मचारी रिटायर होते जा रहे हैं और इनकी जगह डेलीवेजेज काम कर रहे हैं। पिछले बारह साल से डेलीवेजेज कर्मचारी एक नियत वेतन पर इन पदों को संभाल रहे हैं, जिन्हें परमानेंट होने की आश है। परमानेंट कर्मचारी इस वक्त अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर बैठे हैं, वहीं इनकी जगह डेलीवेजेज वाले सीट संभाल रहे हैं। इसके बावजूद डेलीवेजेज कर्मचारी को परमानेंट के बराबर या उनके आसपास भी तनख्वाह नहीं दी जा रही। काफी कर्मचारी तो अपने भविष्य को लेकर रोते हैं। जो यहां परमानेंट का सपना देखने उनको कुछ हाथ नहीं लगा।