क्लीनिकल स्टेब्लिशमेंट एक्ट 2010 का विरोध
भासा के महासचिव डॉ। अजय ने बताया कि वे सब सेंट्रल गवर्नमेंट क्लीनिकल स्टेब्लिशमेंट एक्ट 2010 के विरुद्ध स्ट्राइक पर जा रहे हैं। इसके लागू होते ही छोटे क्लिनिक वालों को काफी लॉस उठाना पड़ेगा। साथ ही कॉरपोरेट हॉस्पीटल को फायदा होगा। सीनियर-जूनियर के अलावा स्ट्राइक में प्राइवेट नर्सिंग होम वाले भी शामिल रहेंगे. 

गाइनी इमरजेंसी रहेगी खुली हुई
डिलेवरी केस के लिए आप कहीं भी आ-जा सकते हैं। इसे इमरजेंसी के तौर पर ट्रीट किया जाएगा। डिलेवरी पेन होने पर किसी भी नर्सिंग होम में जा सकते हैं। वहां उसका इलाज भी होगा.

रेगुलेटरी बॉडी से परेशानी
दरअसल यह पूरा मामला नेशनल कमीशन फॉर ह्यूमन रिसोर्सेज फॉर हेल्थ नाम की संस्था रेगुलेटरी बॉडी के आने से हुआ है। सेंट्रल गवर्नमेंट की ओर से यह संस्था मेडिकल वर्क के लिए रिस्पांसबल होगा। इसके साथ ही तमाम तरह की मेडिकल काउंसिल पर ताला लगा दिया जाएगा। दुखद बात है कि टीम में मेडिकल प्रोफेशनल की जगह नन-प्रोफेशनल को कुर्सी पर बिठाया जाएगा.