-आसमान पर प्याज

-शहर में अस्सी रुपए की कीमत पर पहुंचा प्याज, महंगाई से लोग परेशान

-गायब हो रहा सब्जी का स्वाद, मुनाफाखोर उठा रहे तंगी का फायदा

ALLAHABAD: प्याज की बढ़ती कीमतों ने लोगों की आंखों से आंसू निकालना शुरू कर दिया है। दिन दूने और रात चौगुने बढ़ते दामों की वजह से प्याज अब खाने की थाली से गायब होने लगा है। जिससे आम जनता परेशान हो रही है। प्याज की तंगी का फायदा उठाकर मुनाफाखोर भी अपना उल्लू सीधा करने से बाज नहीं आ रहे हैं। थोक मंडी से फुटकर मंडी तक प्याज के दाम दोगुने होते जा रहे हैं।

मुट्ठीभर रुपए में गिनती के प्याज

शहर की फुटकर बाजारों में हालात यह हैं कि लोगों को प्याज खरीदने से पहले दस बार सोचना पड़ रहा है। मुट्ठीभर रुपए देने के बाद उन्हें गिनती के प्याज मिल रहे हैं। महज दो दिनों के भीतर प्याज के दाम उछलकर सत्तर से अस्सी रुपए प्रतिकिलो हो गए हैं। आगे चलकर इसके सैकड़ा मारने की संभावना जताई जा रही है। इतना सब होने के बावजूद प्रशासन अभी तक परिस्थितियों से अनजान बना हुआ है।

मुनाफाखोरों की चांदी

मौके का फायदा उठाने में मुनाफाखोर जरा भी पीछे नहीं हैं। मुंडेरा थोक मंडी में इस समय प्याज की कीमत 45 से 50 रुपए प्रतिकिलो है। रोजाना जहां ढाई सौ टन प्याज की डिमांड होती है, वहीं वर्तमान में पचास से साठ टन प्याज ही आयात हो रहा है। उसकी क्वालिटी भी बहुत अच्छी नहीं है। ऐसे में मुनाफाखोर प्याज को फुटकर मंडी में मनचाहे दामों पर बेच रहे हैं। उनका मुनाफा प्रतिकिलो 30 से 35 रुपए पहुंच रहा है।

ऊंचा बिकेगा नासिक का प्याज

मध्य प्रदेश से आवक कम हो जाने की वजह से व्यापारियों ने नासिक से प्याज मंगाना शुरू कर दिया है। वहां पर प्याज की मौजूदा कीमत 55 से 60 रुपए प्रतिकिलो है। यहां तक आने का भाड़ा पांच रुपए प्रतिकिलो तय है। ऐसे में अगर नासिक का प्याज पूरी तरह से आयात होने लगा तो कीमत सौ रुपए के पार जा सकती है। अगर मुनाफाखोरों पर लगाम लग जाए तो कीमतों में अधिक उछाल से बचा जा सकता है।

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सुस्त पड़ा मंडी प्रशासन

पिछले दिनों प्याज कीमत में उछाल आने के बाद डीएम कौशलराज शर्मा ने मंडी परिषद को जमाखोरी के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। चंद छापेमारी के बाद परिषद के अधिकारी-कर्मचारी शांत बैठ गए। अगर इस बार प्रशासन नहीं जागा तो लोगों को प्याज से तौबा करनी पड़ सकती है, क्योंकि जिस तरह से प्याज के दामों में उछाल बना हुआ है वह माथे पर चिंता की लकीरें पैदा करने के लिए काफी है।

वर्जन

प्याज की कीमतों में लगाम लगाने का लोकल स्तर पर कोई रास्ता नहीं बचा है। केंद्र सरकार जब तक आयात नहीं करेगी पब्लिक को महंगा प्याज खाना पड़ेगा। नासिक में प्याज की कीमत ज्यादा है, जिससे महंगाई को बढ़ावा मिल रहा है।

सतीश कुशवाहा, अध्यक्ष, मुंडेरा हरी सब्जी मंडी

प्याज की कीमत बढ़ने में दुकानदारों का कोई दोष नहीं है। कुछ व्यापारी थोक मंडी से माल उठाने के बाद उसे फुटकर बाजारों में ऊंचे दामों पर बेच रहे हैं। आवक कम होने से छोटे व्यापारियों को खरीदारी में दिक्कत हो रही है।

ननकू सिंह, सब्जी विक्रेता, तेलियरगंज