प्याज पर राजनीति

पहले भी प्याज के मुद्दे पर एनडीए सरकार केंद्र से जा चुकी है. इस बार प्याज के भाव ऊंचे होने को लेकर एनडीए अपना पुराना हिसाब चुकाने की तैयारी कर रही है. आगामी पांच राज्यों में चुनाव को लेकर प्याज कोई मुद्दा न बन पाए इसलिए सरकार भी सचेत है. बीजेपी इसे चुनावी मुद्दा बनाने की तैयारी कर चुकी है. अपनी चुनावी सभाओं में महंगाई के रास्ते बीजेपी ने प्याज के भाव को भुनाना शुरू कर दिया है.

सरकार सचेत पर असर नहीं

सरकार ने जमाखोरों और कालाबाजारियों पर शिकंजा कसने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं. प्याज के निर्यात पर भी प्रतिबंध की तैयारी है. लेकिन इसका कोई खास असर होता नहीं दिख रहा है. इस निर्देश का असर इतना जरूर हुआ कि 60-70 रुपये से घटकर कुछ दिन तक प्याज के भाव मंदा रहे. पर अब फिर से प्याज के भाव ने जोर पकड़ा लिए हैं. राजधानी दिल्ली में प्याज के भाव 80-90 रुपये किलो तक पहुंच गए हैं वहीं पटना में 100 रुपये किलो बिक रहा है.

Business News inextlive from Business News Desk