एकेडमिक सेशन 2016-17 में साबित हुए थे फिसड्डी

तब ऑनलाइन प्रवेश पत्र से लेकर परीक्षा तक में मचा था बवाल

vikash.gupta@inext.co.in

ALLAHABAD: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में न्यू एकेडमिक सेशन 2018-19 में ऑनलाइन एडमिशन का कान्सेप्ट फेल होने का खामियाजा समूची प्रवेश प्रक्रिया को भुगतना पड़ा है। बिना प्लानिंग और होम वर्क के ऑनलाइन एडमिशन लागू किए जाने से शिक्षक और छात्र भी नाराज हैं। लेकिन ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, जब सेंट्रल यूनिवर्सिटी में ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया को लेकर इतनी हाय तौबा मची हो। इससे पहले वर्ष 2016 में भी ऐसा हो चुका है।

होते रहे नए-नए बदलाव

गौरतलब है कि एयू में ऑनलाइन एडमिशन एकेडमिक सेशन शुरू होने के बाद आगे बढ़ सका। इस दौरान रजिस्ट्रेशन, ऑनलाइन फीस पेमेंट, सब्जेक्ट काम्बिनेशन भरे जाने, सर्वर की प्रॉब्लम आदि से पूरे समय स्टूडेंट्स जूझते रहे। हाल ये हुआ कि समय-समय पर एयू को प्रवेश प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए नए-नए फैसले लेने पड़े। इससे प्रवेश कार्य में शामिल शिक्षकों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। हाल ये हुआ कि अभी अगस्त माह में भी एडमिशन की प्रक्रिया जारी है।

छात्रसभा और एबीवीपी ने दी चुनौती

इससे पहले सेशन 2016-17 में भी प्रवेश भवन को ऑनलाइन एडमिशन प्रॉसेस को लेकर भारी विरोध का सामना करना पड़ा था। तब वाइस चांसलर प्रो। आरएल हांगलू ने प्रवेश परीक्षाओं को ऑफलाइन की जगह ऑनलाइन करवाने का निर्णय लिया था। इसके बाद समाजवादी छात्रसभा से जुड़ी तत्कालीन छात्रसंघ अध्यक्ष ऋचा सिंह और एबीवीपी के बाकी पदाधिकारियों की अगुवाई में छात्रों का धड़ा यह आरोप लगाकर लगातार हंगामा करता रहा कि विवि ने बिना किसी तैयारी के यह फैसला लिया है।

टीसीएस को मिली थी जिम्मेदारी

छात्रों के इन आरोपों में सच्चाई तब सामने आ गई, जब अंडर ग्रेजुएट की प्रवेश परीक्षा के दौरान भारी पैमाने पर गलत प्रवेश पत्र जारी किए गए और पूरी परीक्षा ही अफरातफरी के माहौल में हुई। उस समय कई जगहों पर यूजी प्रवेश परीक्षा के दौरान इंटरनेट की प्रॉब्लम के चलते आगे पीछे समय पर परीक्षाएं करवाई गई। हालांकि, राहत वाली बात यह रही कि उस समय विवि ने इस स्थिति के बनने से पहले ही छात्रों को ऑफलाइन परीक्षा का भी आप्शन अवलेबल करवा दिया। नहीं तो हालात और भी विकट बनते। उस समय परीक्षा की जिम्मेदारी टीसीएस को दी गई थी और डायरेक्टर एडमिशन प्रो। बीएन सिंह थे। विवि के इतिहास में वर्ष 2016 की प्रवेश परीक्षा में ही 24 जून को पीजी का पर्चा वाट्सएप पर वायरल हो गया था। हालांकि, बाद में विवि प्रशासन ने पेपर आउट की बात को खारिज करके मामला रफा दफा कर दिया था।

शिक्षक भर्ती आवेदन में भी गड़बड़ी

यही नहीं हाल ही में एयू में रोके गए शिक्षक भर्ती इंटरव्यू के ऑनलाइन आवेदन में भी सेंट्रल यूनिवर्सिटी के एक्सपर्ट फिसड्डी साबित हुए थे। शिक्षक भर्ती के ऑनलाइन आवेदन में डाक्यूमेंट्स समेत सभी विवरणों को दर्ज करवाने को लेकर शिकायतें हुई थीं। आवेदकों का कहना था कि वे सर्वर प्रॉब्लम और आवेदन के पूरे फार्मेट के सही ढंग से वर्क न करने के कारण सबमिट नहीं कर सके हैं। ऐसे में एयू को आवेदन की डेट बढ़ानी पड़ी थी।