प्राधिकरण की सेवाओं को शत प्रतिशत ऑनलाइन करने की कवायद

पांच विस्तृत सेवाएं भी होंगी ऑनलाइन, मुख्यालय के निर्देश पर कंपनी ने दिया प्रजेन्टेशन

Meerut। प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए अब ऑनलाइन आवेदन करिए। मेरठ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष साहब सिंह ने इस प्रक्रिया को एक सप्ताह में लागू कराने के निर्देश दिए हैं। मंगलवार को शासन के निर्देश पर सॉफ्टवेयर कंपनी के प्रतिनिधि ने एमडीए सभागार में विभिन्न ऑनलाइन प्रक्रियाओं पर प्रजेंटेशन दिया।

नहीं लगाना होगा चक्कर

आगरा से आए सॉफ्टवेयर कंपनी कम्प्यूटर केंद्र के चीफ कंसल्टेंट जीपी अग्रवाल ने एमडीए सभागार में आयोजित वर्कशॉप में एमडीए के सभी अधिकारियों को विभिन्न ऑनलाइन प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी दी। गत दिनों शासन के निर्देशों के अनुपालन में कंपनी के प्रतिनिधि ने मेरठ का दौरा किया। यहां प्रजेंटेशन के दौरान अग्रवाल ने पीएमएवाई के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया की जानकारी दी। प्रक्रिया के तहत ऑनलाइन अप्लाई के साथ-साथ ई-चालान जमा करके आवेदन रजिस्ट्रेशन फीस जमा कर देगा। उसे बैंक या एमडीए के चक्कर नहीं लगाने होंगे। वहीं दूसरी ओर एमडीए रजिस्टर्ड आवेदन को वेरीफिकेशन के लिए ऑनलाइन ही डूडा को ट्रांसफर कर देगा। रजिस्ट्रेशन से लेकर अलाटमेंट तक इस ऑनलाइन प्रक्रिया से आवेदक को चक्कर नहीं काटने होंगे।

शत-प्रतिशत ऑनलाइन प्रक्रिया

जनहित गारंटी योजना के तहत सरकारी विभागों के शत-प्रतिशत डिजिटलाइजेशन की दिशा में यूपी गर्वमेंट प्रयास कर रही है। वहीं आवास एवं शहरी विकास विभाग ने आगामी 3 महीने के प्रदेश के सभी विकास प्राधिकरणों को शत प्रतिशत डिजिटल करने का टॉस्क लिया है। इस दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए प्रमुख सचिव शहरी आवास नितिन रमेश गोकर्ण ने 5 विभिन्न ऑनलाइन सेवाओं को लागू कराने के निर्देश प्राधिकरणों को दिए हैं। शासन के निर्देश पर परामर्शदात्री संस्था कम्प्यूटर केंद्र के चीफ कंसल्टेंट ने मंगलवार को एमडीए सभागार में विभिन्न 5 ऑनलाइन सेवाओं के बारे में प्रजेंटेशन दिया। ऑनलाइन नक्शा अप्रूवल के सफल परीक्षण के बाद अब प्राधिकरण की कुल 8 सेवाओं को आने वाले दिनों में ऑनलाइन कर दिया जाएगा जिसमें 3 सेवाएं पूर्व से प्रचलित हैं। इस दौरान सचिव राजकुमार, चीफ इंजीनियर दुर्गेश श्रीवास्तव, एटीपी गोर्की आदि अधिकारी मौजूद थे।

यह सेवाएं होंगी ऑनलाइन

1-डुप्लीकेट आर्डर रिक्वेस्ट

प्राधिकरणों द्वारा समय-समय पर आदेश जारी किए जाते हैं.अब पूर्व में जारी आदेश को जनसामान्य और प्राधिकरण आसानी से ऑनलाइन प्राप्त कर सकेगा।

2-रिफंड मैनेजमेंट सिस्टम

प्राधिकरणों द्वारा अपनी संपत्तियों में आवंटियों का आवंटन निरस्त होने के बाद रिफंड एक बड़ी समस्या होती है। इसके लिए ऑनलाइन पोर्टल पर रिफंड मैनेजमेंट सिस्टम प्रभावी तौर पर लागू किया जा रहा है।

3-एप्लीकेशन फॉर फ्रीहोल्ड

संपत्ति के फ्री होल्ड होने पर अब आवेदन को प्राधिकरण में आकर एप्लीकेशन नहीं देना होगा। यह ऑनलाइन जमा हो सकेगा।

4-म्यूटेशन मैनेजमेंट

म्यूटेशन (नामांतरण) की प्रक्रिया अब ऑनलाइन होगी। इससे न सिर्फ प्राधिकरण में आवेदकों की भीड़ कम होगी बल्कि भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगेगा।

5-रजिस्ट्रेशन फॉर अलॉटमेंट

प्राधिकरण की खाली पड़ी संपत्ति का ब्योरा इस पोर्टल पर होगा। नई संपत्ति रजिस्ट्रेशन भी आवेदक यहां कर सकेगा।

जनहित गारंटी अधिनियम के तहत प्राधिकरण सभी योजनाओं और प्रक्रियाओं को ऑनलाइन कर रहा है। इस संबंध में शासन के निर्देश पर आयोजित कार्यशाला के बाद सभी अधीनस्थों को शत-प्रतिशत इंप्लीमेंट के निर्देश दिए गए हैं।

साहब सिंह, एमडीए, वीसी