पुलिस का ऑनलाइन कनेक्शन

शास्त्रीनगर की एक युवती ने फेसबुक पर पुलिस से छेड़छाड़ की कंप्लेन की। ये मामला पहुंचा सीधे डीआईजी के पास और उन्होंने कार्रवाई के निर्देश दिए। मनचला पकड़ा गया और उसके खिलाफ कार्रवाई की गई। जी हां जनाब, पुलिस से शिकायत करनी है तो थाने जाने की जरूरत नहीं है। आप घर बैठे पुलिस को अपनी समस्या बता सकते है। सिर्फ आपको ईमेल आईडी या फेसबुक-ट्विटर अकाउंट की जानकारी होनी चाहिए।

अधिकारी ऑनलाइन

दरअसल थानेदारों के रवैये से क्षुब्ध पब्लिक थानों की जगह अधिकारी की चौखट पर जाना ज्यादा बेहतर समझती है। ऑफिस में लगने वाली भीड़ को कम करने के लिए पुलिस अधिकारियों ने ईमेल आईडी बना रखी हैं। साथ ही पीआरओ की मेल आईडी भी है। इसके अलावा फेसबुक या ट्विटर पर भी पुलिस से शिकायत कर सकते हैं। दिक्कत ये है कि अभी पब्लिक को पुलिस के मेल, फेसबुक और ट्विटर अकाउंट्स की जानकारी नहीं है, जिस कारण इनमें शिकायतों की आमद न के बराबर है।

समझो पहुंच गए दरबार

फेसबुक पर मेरठ पुलिस उत्तर प्रदेश के नाम से पेज है। इस पर आप एसएसपी दीपक कुमार से डायरेक्ट कंप्लेन  कर सकते हैं। फिलहाल इस अकाउंट में पुलिस से संबंधित न्यूज पेपर्स की कटिंग दिखाई देती हैं। पुलिस का दावा है कि फेसबुक पेज पर मिलने वाली शिकायतों पर बाकायदा एक्शन होता है। यह अलग बात है कि इस अकाउंट पर 28 मई के बाद कोई अपडेट नहीं है। 19 मार्च 2013 को बनाए गए इस पेज से 489 लोग जुड़े हुए है। कमोवेश ट्विटर अकाउंट की भी यही दशा है। यहां 15 मई 2011 के बाद से कोई अपडेट नहीं है।

अधिकारियों की मेल पर

एसएसपी के पीआरओ, डीआईजी के पीआरओ और आईजी के पीआरओ को भी मेल आईडी पर शिकायत की जा सकती है। इसके अलावा आप डीआईजी, आईजी और एसएसपी की पर्सनल आईडी पर भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। यहां आने वाली शिकायत का प्रिंट आउट निकालकर संबंधित थाने को इत्तला की जाती है और शिकायत पर एक्शन के निर्देश दिए जाते हैं। यही नहीं मेरठ ट्रैफिक पुलिस के नाम से भी फेसबुक पर पेज है, जो 4 मई 2011 को बनाया गया था। मगर 29 मई 2012 के बाद से अपडेट नहीं किया गया है, जबकि यहां ट्रैफिक के संबंध में रोजना नई जानकारी दी जा सकती है। पिछले एक साल के दरम्यान ट्रैफिक पुलिस ने कई तरह के अभियान चलाए हैैं, लेकिन इनमें से किसी अभियान की जानकारी फेसबुक पेज पर नहीं है। हम आपको बता दें कि 2011 में तत्कालीन एसएसपी प्रेम प्रकाश ने फेसबुक पर मेरठ पुलिस और मेरठ ट्रैफिक पुलिस के अकाउंट बनवाए थे। मेरठ पुलिस का पेज उनके जाते ही खत्म हो गया।

ये हैं ईमेल आईडी

- proigzonemrt@gmail.com, proigzone.MEERUT@facebook.com, twitter@proigzonemrt

- prodigmrt13@gmail.com, prodigmrt.range@facebook.com, twitter@prodigmrt13

- prosspmrt@yahoo.com, pro.sspmrt@facebook.com, twitter@prosspmrt

'फेसबुक पर मेरठ पुलिस का पेज है। जिसको अपडेट करते रहते हैं। इस पर शिकायतें भी आती हैं। जिन पर कार्रवाई होती है। ये शिकायतें छेड़खानी और एनक्रॉचमेंट की होती है। फेसबुक पर पुलिस के साथी पहले कुछ ही लोग जुड़े हुए थे। लेकिन अब पांच सौ से अधिक लोग जुड़ गए हैं। धीरे-धीरे लोगों को पता चल रहा है तो वे लाइक कर रहे हैं.'

- स्वप्निल मेमगई, आईपीएस

'फेसबुक, जीमेल और ट्वीटर की आईडी को हम देखते हैं। जो भी शिकायत आती है उसको डीआईजी साहब के समक्ष रखते हैं। जिस पर वे कार्रवाई के आदेश करते हैं। फिर संबंधित थाने को भेज देते हैं। जिस पर कार्रवाई होती है.'

- सुधीर कुमार, पीआरओ डीआईजी रेंज