दोनो के मेल के आदान प्रदान को देख बनाई फेक आईडी

वियतनाम में हुए एक मुकदमा, साइबर लेगी इंटरपोल की मदद

आगरा। हैकर एक के बाद एक व्यापारियों को निशाना बना रहे हैं। इस बार वियतनाम के हैकरों ने केमिकल कारोबारी को निशाना बना लिया। वियतनाम के निर्यातक का 36 लाख रूपये का पेमेंट हैकर हजम कर गए। इधर, जब पार्टी का फोन केमिकल कारोबारी के पास आया तो उसके होश उड़ गए। मामले में आईजी से शिकायत की। साइबर सेल मामले में इंटरपोल की मदद ले रही है।

वियतनाम से मंगवाते हैं माल

खंदारी स्थित एमीनेंट अपार्टमेंट निवासी अनूप अग्रवाल का केमिकल का काम है। वह वियतनाम की पार्टी से माल खरीदते हैं। दोनों मेल पर बात करते हैं। वियतनाम के हैकर ने दोनों की ईमेल आईडी की हूबहू दूसरी ईमेल आईडी बना ली। हैकर ने आईडी पर मेन इन मिडिल अटैक कर दिए। हैकर दोनों को अलग-अलग मेल भेजने लगे। दोनों कारोबारियों से किसी को इस बात की भनक तक नहीं लगी।

करा लिया रुपया जमा

हैकरों ने 20 जून से लेकर 30 जून तक तीन बार में 58 हजार यूएस डॉलर, करीब 36 लाख 91 हजार रुपये दूसरे खाते में जमा करा लिए। यहां से कारोबारी अनूप अग्रवाल ने माल मंगवाया और पेमेंट किया। हैकर ने दोनों की फेक आईडी बना रखी थीं। अनूप अग्रवाल को मेल किया कि उनकी कंपनी का विलय दूसरी कंपनी में हो गया है। अब पेमेंट इस खाते में करें। शातिरों ने दूसरा अकाउंट नंबर दे दिया। उधर वियतनाम के निर्यातक को मेल कर जीएसटी का बहाना लगा कर पेमेंट में देरी होने का हवाला दिया।

व्हाट्सअप से खुली पोल

7 जून को अनूप अग्रवाल के पास व्हाट्सअप पर मैसेज आया कि आपका पेमेंट नहीं आया। इस पर उन्होने कहा कि वह बराबर रुपये भेज रहे हैं। इस पर दोनों का माथा ठनका। दोनों ने मेल आईडी चेक की तो पता चला कि उनमें मामूली सा अंतर है। इसके बाद वियतनाम के कारोबारी ने वहां पर मुकदमा पंजीकृत कराया। मंगलवार को पीडि़त आईजी कार्यालय शिकायत लेकर पहुंचे थे। आईजी की साइबर सेल मामले की जांच कर रही है। टीम का वियतनाम की पुलिस से संपर्क नहीं हो सका है इसके लिए वह इंटरपोल की मदद लेगी।