जनसुविधा और लोकवाणी केंद्र संचालकों के डूब चुके हैं हजारों रुपये

आगरा। अगर आप विवाह रजिस्ट्रेशन कराने के लिए जा रहे हैं तो आप उलझन में फंस सकते हैं। आपके पैसे ऑनलाइन आवेदन के फेल्ड होने पर फंस सकते हैं और आपकी लाख शिकायत के बाद भी वह वापस नहीं होंगे। मैरिज रजिस्ट्रेशन के ऑनलाइन आवेदन में फिलहाल ऐसा ही हो रहा है। सुविधा के लिए दंपत्ति विवाह रजिस्ट्रेशन कराने के लिए जाता है, लेकिन सुविधा के बजाय उलझन में फंस रहे हैं। अधिकांश दंपत्तियों की रजिस्ट्रेशन के लिए जमा होने वाली फीस डूब रही है। इनके साथ ही जनसेवा केंद्र स्वामी भी हजारों रुपये डूबने की चपेट में आ चुके हैं।

ये है प्रक्रिया

अगर आपकी शादी वर्ष 2019 में हुई है और वर्ष 2019 के खत्म होने से पहले ही आप मैरिज रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं तो आपको महज दस रुपये मात्र ऑनलाइन फीस जमा करनी होगी। लेकिन अगर आपकी शादी को एक साल से या फिर दो चार या इससे अधिक साल हो गए हैं तो आपको मैरिज रजिस्ट्रेशन के लिए 50 रुपये प्रतिवर्ष के हिसाब से फीस जमा करानी होगी।

ऑन लाइन ही होती है फीस जमा

विवाह रजिस्ट्रेशन के लिए आपको ऑनलाइन ही आवेदन करना होगा और इसकी फीस भी ऑनलाइन ही जमा करानी होती है, जिसका प्रिंट संबंधित रजिस्ट्रार के कार्यालय में सबमिट किया जाता है। इसके बाद दंपत्ति को विवाह रजिस्ट्रेशन का प्रमाण पत्र जारी किया जाता है।

केस 1

बल्केश्वर निवासी रुचिका पत्नी आकाश राजपूत की शादी पिछले साल हुई है। ये दंपत्ति सदर तहसील में रजिस्ट्रेशन कराने के लिए पहुंचा। ऑनलाइन आवेदन कर जब फीस जमा की तो रजिस्ट्रेशन फेल्ड हो गया। फीस वापस नहीं हुई। ऐसा दो बार हुआ। तीसरी बार में रजिस्ट्रेशन हो सका। दो बार की फीस बेकार चली गई।

केस 2

सोनी पत्नी विष्णु निवासी चारबाग शाहगंज की शादी इसी साल 29 जनवरी को हुई है। इनका भी दो बार का मैरिज रजिस्ट्रेशन फेल्ड हो गया और फीस वापस नहीं हुई। हालांकि तीसरी बार में इनका रजिस्ट्रेशन सक्सेशफुल हो गया।

मेरा जनवाणी केंद्र है। मेरे यहां पर वकीलों के माध्यम से दंपत्ति रजिस्ट्रेशन कराने के लिए पहुंचते हैं। दंपत्ति उसी स्थिति में फीस का भुगतान करता है, जब उसे रसीद मिल जाती है। अगर प्रोसेसिंग फेल हो जाती है, तो वह पैसे देने से मना कर देता है। इस प्रकार से मेरे अभी तक करीब 15 हजार रुपये डूब चुके हैं।

वीरेंद्र, लोकवाणी केंद्र संचालक

मेरे संज्ञान में इस तरह का कोई मामला नहीं आया है। अगर किसी की फीस वापस नहीं हो रही है, तो इस संबंध में जानकारी दें।

निरंजन कुमार

एआईजी स्टाम्प

कोई भी अधिनियम, कानून या फिर शासनादेश लागू होता है तो वह पास्ट से प्रभावी न होकर वर्तमान से लेकर भविष्य के लिए लागू होता है। जबकि विवाह रजिस्ट्रेशन कानून गत वर्षो से लागू कर दिया गया है।

रवि चौबे

अधिवक्ता