-स्वास्थ्य विभाग की राज्य स्तरीय सलाहकार समिति ने लिया निर्णय

-रिम्स सहित पांच अस्पतालों को कार्निया ट्रांसप्लांट का मिला लाइसेंस

रांची : ब्रेन डेड के बाद नेत्र और किडनी जैसे महत्वपूर्ण अंगों के प्रत्यारोपण की दिशा में सरकार ने ठोस कदम उठाने का फैसला लिया है। सरकार इस मामले में ऑनलाइन निबंधन के लिए साफ्टवेयर विकसित करेगी। खासकर वैसे व्यक्ति, जिन्हें कार्निया ट्रांसप्लांट की जरूरत है और जो नेत्रदान करने को इच्छुक हैं, उन्हें चिह्नित करने और उनका ऑनलाइन निबंधन की दिशा में सरकार पहल करेगी। पिछले दिनों स्वास्थ्य विभाग की प्रधान सचिव निधि खरे की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। सरकार ने वर्तमान में राज्य में प्रतिवर्ष होनेवाले 20 से 25 नेत्र प्रत्यारोपण की संख्या बढ़ाकर कम से कम 250 करने का फैसला लिया है।

तीन महीने का लाइसेंस

राज्य स्तरीय सलाहकार समिति की इस बैठक में बिहार आई बैंक ट्रस्ट, रांची को कार्निया ट्रांसप्लांट के लिए तीन महीने का सशर्त लाइसेंस निर्गत करने पर आम सहमति बनी। ट्रस्ट को इस अवधि में बायो-मेडिकल वेस्ट और पैथोलोजी की व्यवस्था सुदृढ़ करने की नसीहत दी गई। इसी तरह रिम्स, बोकारो जेनरल हास्पिटल, एमजीएम मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल जमशेदपुर तथा एएसजी हास्पिटल जमशेदपुर को पांच वर्षो के लिए लाइसेंस दिया गया। एएसजी हास्पिटल, धनबाद में नेत्र प्रत्यारोपण की आधारभूत सुविधा नहीं रहने के कारण उसे लाइसेंस नहीं देने का फैसला लिया गया।