RANCHI : अब आपको जमीन का म्यूटेशन कराने अथवा रसीद कटवाने के लिए सीओ ऑफिस का बार-बार चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। जमीन की रजिस्ट्री होते ही इससे संबंधित सभी दस्तावेज ऑनलाइन सीओ ऑफिस को भेज दिए जाएंगे। इसके बाद रसीद समेत म्यूटेशन के कागजात आपको दे दिए जाएंगे। म्यूटेशन के बाद रसीद कटान की ऑनलाइन योजना शुरू करने की तैयारी चल रही है। रांची के नगड़ी अंचल से इसकी शुरूआत होगी। इसके बाद सभी अंचलों में यह सिस्टम लागू कर दी जाएगी।

यह है सिस्टम

रांची के सब रजिस्ट्रार राहुल चौबे ने बताया कि रजिस्ट्री के बाद जमीन के कागजात संबंधित अंचल ऑफिस भेज दिए जाते हैं। इसके बाद म्यूटेशन की कार्रवाई सीओ स्तर पर शुरू होती है। इस सिस्टम से न सिर्फ समय की बचत हो रही है, बल्कि लोगों को भी बार-बार के चक्कर लगाने से भी निजात मिल गई है। पहले कागजातों को मैनुअल भेजने में काफी समय लग जाता था, जिस कारण म्यूटेशन की प्रक्रिया भी लंबी हो जाती थी।

हो रहा ऑनलाइन म्यूटेशन

अगर रांची जिले की बात करें तो पिछले साल जुलाई से यहां के अंचलों में ऑनलाइन म्यूटेशन सिस्टम शुरू हो चुका है। ऑनलाइन म्यूटेशन की शुरूआत इटकी अंचल से हुई थी। अब ऑनलाइन रसीद काटे जाने के सिस्टम का उद्घाटन नगड़ी अंचल से करने की तैयारी चल रही है। इसके बाद पूरे झारखंड में ऑनलाइन रसीद काटने की प्रक्रिया लागू कर दी जाएगी।

प्रज्ञा सेंटर में भी मिलेगी सुविधा

ऑनलाइन रसीद कटाने की सुविधा प्रज्ञा केंद्रों में भी उपलब्ध होगी। लोग इसके लिए यहां आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए चालान आईसीआईसीआई बैंक में जमा करना होगा। आवेदन करने के बाद तय समय सीमा का अंदर आवेदकों केई-मेल अड्रेस पर रसीद भेज दिया जाएगा। इसके अलावा संबंधित अंचल ऑफिस से भी रसीद प्राप्त किया जा सकता है।

एक जनवरी से नहीं कट रही रसीद

नगड़ी अंचल के सीओ वैद्यनाथ कामती ने बताया कि सरकार की ओर से ऑनलाइन रसीद काटने के निर्देश दिए गए हैं। कहा गया है कि एक जनवरी से मैनुअल रसीद काटने की व्यवस्था बंद कर ऑनलाइन रसीद दिए जाएं। ऐसे में एक जनवरी से रसीद नहीं काटे जा रहे हैं। ऑनलाइन रसीद काटने की योजना का शुभारंभ मुख्यमंत्री करेंगे। इसके बाद ही लोगों को ऑनलाइन रसीद देने का काम शुरू हो पाएगा।

सैकड़ों ऑनलाइन म्यूटेशन के मामले लंबित

रांची जिले में पिछले साल से ऑनलाइन म्यूटेशन सिस्टम लागू हो चुका है। सभी अंचलों में मैनुअल म्यूटेशन नहीं करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। ऐसे में अंचलों में ऑनलाइन म्यूटेशन के आवेदन तो आ रहे हैं, लेकिन निपटारे की प्रक्रिया धीमी होने की वजह से सैकड़ों म्यूटेशन के मामले लंबित हैं। इसकी वजह अंचलों में ऑनलाइन म्यूटेशन के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर व फैसिलिटीज का नहीं होना है।