केस-1 टॉल-फ्री पर फोन नहीं होता कनेक्ट

ट्रैवल बिजनेस से जुड़े अजय कुमार ने ई-बे वेबसाइट के माध्यम से फिलिप्स का हेडफोन ऑर्डर किया था। करीब तीन महीने पहले जब फोन की डिलीवरी हुई तो एक तरफ से आवाज ही नहीं आ रही थी। शिकायत पर कम्पनी ने 10 दिन बाद दूसरा सेट भेजा। मगर, उसके दोनों ईयरफोन खराब थे। कम्पनी के टॉल-फ्री नंबर पर दोबारा शिकायत दर्ज कराई, लेकिन नया सेट वापस नहीं मिला। अब तो उनका फोन टॉल-फ्री नंबर पर लगता ही नहीं।

केस-2

सामान वापस भेजा, फिर भी नहीं मिला पैसा

संजीव नगर निवासी विजय मिश्रा ने आस्क मी डॉट कॉम से 5200 एमएच के दो सेट पॉवर बैंक मंगवाए थे। ऑर्डर प्लेस करने के 8 दिन बाद 958 रुपए कीमत के दो चार्जर पार्सल के जरिए आए। डिब्बा खोलकर देखा तो पॉवर सेट 10,400 एमएच के थे। उन्होंने कम्पनी को ऑर्डर वापस कर दिया। मगर, अब तक उनके एकाउंट में पैसा ट्रांसफर नहीं हुआ। टॉल-फ्री नंबर पर कम्प्लेंट की, लेकिन अब तो टॉल-फ्री नंबर पर उनका फोन ही नहीं लगता।

- ऑनलाइन शॉपिंग के नाम पर कस्टमर्स के साथ जमकर हो रही है धोखाधड़ी

- ब्रांडेड कम्पनियों के खराब प्रोडक्ट्स पार्सल के जरिए घरों में हो रहे डिलीवर, कस्टमर्स को हो रही असुविधा

- बुधवार को एनआरआई के साथ हुई घटना, पार्सल बॉक्स में फोन के बजाय निकला पत्थर

kanpur@inext.co.in

KANPUR : अगर आपको भी ऑनलाइन शॉपिंग का शौक है तो जरा अलर्ट हो जाइए। बेशक अपना पसंदीदा सामान ऑर्डर करके घर मंगवाइए, लेकिन पार्सल रिसीव करते वक्त डिलीवरीमैन के सामने खोलकर जरूर चेक कर लें। कहीं ऐसा न हो कि आप पेमेंट भी कर दें और पार्सल के अंदर वह सामान ही न निकले। शहर के कई लोगों को ऑनलाइन शॉपिंग अच्छी-खासी चपत लगा चुकी है। हालत यह है कि अब इन लोगों ने ऑनलाइन शॉपिंग से तौबा कर ली है।

बुक कराया फोन, िनकला पत्थर

ओमान की एक मल्टीनेशनल कम्पनी में कार्यरत एनआरआई वेद प्रकाश त्रिपाठी कुछ दिनों पहले छुट्टियां बिताने अपने घर कानपुर वापस लौटे हैं। पिछले हफ्ते उन्होंने स्नैपडील की वेबसाइट पर एचटीसी कम्पनी का स्मार्टफोन बुक कराया। 5 जुलाई को गुड़गांव स्थित केपी इंटरप्राइजेज को वेद प्रकाश के दबौली स्थित घर के लिए पार्सल भेजा गया। बुधवार 8 जुलाई को घर पर पार्सल डिलीवरी होने पर उन्होंने 10 हजार 749 रुपए का पेमेंट भी किया। मगर, जैसे ही उन्होंने बॉक्स खोला तो वह दंग रह गए। पार्सल में हैंडसेट के बजाय पत्थर का टुकड़ा निकला। इसके साथ बॉक्स में मोबाइल चार्जर रखा था।

डिलीवरी मैन को पकड़ा, तुरंत किया फोन

शुक्र रहा कि डिलीवरी मैन घर की गली क्रॉस नहीं कर पाया था। तभी वेद ने भागकर उसे पकड़ लिया। बॉक्स में पत्थर देखकर डिलीवरीमैन भी घबरा गया। उसने फौरन कम्पनी के अफसरों से वेद प्रकाश की बात कराई। मामले की जानकारी पर कम्पनी अफसरों ने उन्हें हुई असुविधा पर खेद जताया। वेद प्रकाश ने शिकायती पत्र लिखकर डिलीवरी मैन को दिया, जिसके बाद उन्हें फोन का पेमेंट वापस मिल सका।

ई-मेल भेजकर मांगी माफी

मामला एनआरआई से जुड़ा होने की वजह से कम्पनी ने घटना को दबाने की पूरी कोशिश की। उन्होंने ई-मेल भेजकर वेद प्रकाश से माफी मांगी है। इसके अलावा कम्प्लेंट रजिस्ट्रेशन नंबर 03581637 एलॉट किया, जिससे भविष्य में इस शिकायत के संबंध में उसे इस्तेमाल किया जा सके। इसके अलावा जल्द ही ऑर्डर किए गए फोन की जल्द से जल्द डिलीवरी का भी आश्वासन दिया।

-

जारी है ऑनलाइन शॉपिंग का विरोध

शहर की बाजारों में बिकने वाले प्रोडक्ट को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर कम कीमत पर मिलने से शहर के व्यापारियों को भी रोजाना करोड़ों का नुकसान हो रहा है। इस कारण शहर के व्यापारी ऑनलाइन शॉपिंग के विरोध में लामबंद हैं। कानपुर महानगर सर्राफा कमेटी के पदाधिकारी पंकज अरोड़ा, पुष्पेन्द्र जायसवाल आदि ने बताया कि ऑनलाइन शॉपिंग के लिए कोई कानून नहीं बनाया गया है। इन्हें टैक्स के दायरे में लाने की कवायद चल रही है। जिससे कस्टमर्स संग फ्रॉड न किया जा सके और फर्जीवाड़ा करने पर दोषी व्यक्ति, फर्म या कम्पनी के पदाधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जा सके।

फर्जी हिट्स का गोरखधंधा

ऑनलाइन शॉपिंग में गड़बड़ प्रोडक्ट्स की डिलीवरी के अलावा फर्जी हिट्स लेने का भी गोरखधंधा शुरू हो गया है। जिससे ब्रांडेड कम्पनियां इनके प्लेटफॉर्म पर आकर अपना सामान ऑनलाइन बेच सकें। कई वेबसाइट्स पर प्रोडक्ट बिक्री के लिए डिस्प्ले तो होता है, लेकिन उसे 'कैश ऑन डिलीवरी' पर मंगवाने के लिए जैसे ही कस्टमर प्रोडक्ट को चूज करता है तो कम्प्यूटर स्क्रीन पर 'प्रोडक्ट नॉट अवेलेबल' डिस्प्ले होता है। जानकारों के अनुसार यह खेल फर्जी हिट्स लेने के लिए रचा जाता है। जिससे कम्पनियों का प्रोफाइल ऑनलाइन फोरम पर बढ़ सके और ज्यादा से ज्यादा कम्पनियां अपना सामान बेचने के लिए इनसे सम्पर्क करें।

-

उपभोक्ता फोरम में नहीं होती शिकायत

ऑनलाइन शॉपिंग में हुए फ्रॉड की शिकायत उपभोक्ता फोरम में दर्ज नहीं होती। यह बड़ी वजह है कि ऑनलाइन प्रोडक्ट्स की डिलीवरी में फर्जीवाड़ा बदस्तूर जारी है। ऐसे में ग्राहक के पास सिवाय कम्पनी के टॉल-फ्री नंबर या वेबसाइट पर हेल्प डेस्क के पास शिकायत करने के अलावा दूसरा रास्ता नहीं बचता। इसी का फायदा उठाकर ऑनलाइन बिजनेस से जुड़ी कम्पनियां कस्टमर्स को लगातार ठग रही हैं।

-

ø मैंने कम्पनी को लिखित में शिकायत की है, जिस पर उन्होंने ई-मेल भेजकर माफी मांगी है। डिलीवरीमैन ने मौके पर ही पैसे वापस कर दिए। अच्छा हुआ कि मैने पार्सल तुरंत देख लिया। वरना मुझे अच्छा-खासा नुकसान हो जाता।

- वेद प्रकाश त्रिपाठी, पीडि़त

ø ऑनलाइन शॉपिंग करते वक्त एहतियात बरतनी चाहिए। बैंक एकाउंट में सेंधमारी की वजह से कई लोग कैश ऑन डिलीवरी का ऑप्शन चूज करते हैं। मगर, तुरंत सामान चेक नहीं करते। इसलिए डिलीवरी मैन के सामने ही पार्सल खोलकर चेक करके तसल्ली कर लें। तभी पेमेंट करें। वरना बाद में कोई क्लेम नहीं बनेगा।

- एडवोकेट सत्येन्द्र शुक्ला, लीगल एक्सपर्ट

--