RANCHI : मेयर अपने शहर का फ‌र्स्ट पर्सन होता है। सोमवार को रांची नगर निगम के मेयर का इलेक्शन हुआ। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच कुल 901 बूथों पर वोटिंग हुई, लेकिन वोटिंग परसेंटेज बहुत कम रहा। दोहपर 3 बजे तक सिर्फ 17.72 परसेंट ही वोटिंग हुई, जो अभी तक की रिकॉर्ड कम वोटिंग है। रांची मेयर पद के लिए कुल 14 कैंडीडेट्स मैदान में थे। लोकसभा इलेक्शन में जिस तरह लोगों ने उत्साह दिखाया था, वैसा उत्साह मेयर इलेक्शन में नहीं दिखा। लोकसभा इलेक्शन में रांची में रिकॉर्ड 58.76 परसेंट वोटिंग हुई थी। रांची मेयर इलेक्शन में लोग अपने वोटिंग राइट का इस्तेमाल आराम से कर सकें, इसके लिए गवर्नमेंट से लेकर प्राइवेट ऑफिसेज तक में छुट्टी दी गई थी। स्टेट इलेक्शन कमीशन से लेकर डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन तक ने वोटिंग के लिए अभियान चलाया था, लेकिन इसके बावजूद मेयर इलेक्शन में वोटिंग परसेंटेज कम रहा। कई बूथों पर तो वोटर्स नहीं होने के कारण मतदानकर्मी टाइम पास करते हुए खर्राटे भी भरते नजर आए।

वोटर को तरसते रहे बूथ

सोमवार को हुए रांची मेयर इलेक्शन को लेकर सुबह में इक्का-दुक्का लोग ही पोलिंग बूथ पर दिखाई दे रहे थे। कुछ बूथों पर तो सुबह 10 बजे तक एक भी वोट नहीं पड़ा था। हालांकि, सुबह का मौसम ठीक था, फिर भी लोग पोलिंग बूथ तक नहीं आए। इलेक्शन लड़ रहे विभिन्न कैंडीडेट्स के सपोर्टर्स वोटिंग स्लिप देने के लिए वोटर्स का इंतजार करते नजर आए। डिस्ट्रिक्ट रिटर्निग ऑफिसर सह रांची डीसी विनय कुमार चौबे और रांची एसएसपी प्रभात कुमार ने सुबह 10 बजे रांची नगर निगम क्षेत्र के कई बूथों का दौरा कर वहां का जायजा लिया। लेकिन, ज्यादातर पोलिंग बूथ पर वोटर्स को न देखकर यह पूछने पर मजबूर हो गए कि आखिर लोग वोट करने क्यों नहीं आ रहे हैं। सोमवार को लोगों को दफ्तरों से छुट्टी इसलिए दी गई थी कि लोग रांची के लिए योग्य मेयर चुनने के लिए वोट कर सकें, लेकिन लोगों ने इस छुट्टी के दिन को पिकनिक डे बना लिया।

इन वीआईपी ने की वोटिंग

सीएम हेमंत सोरेन, झारखंड हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस आर बानुमति, रांची के एमएलए सीपी सिंह ने मेयर इलेक्शन में वोट किया, लेकिन रांची के पूर्व सांसद सुबोध कांत सहाय, गवर्नर डॉ सैयद अहमद ने अपने वोटिंग राइट का इस्तेमाल नहीं किया।

कम वोटिंग से कैंडीडेंट्स को मिली निराशा

कम वोटिंग होने से मेयर पोस्ट के लिए इलेक्शन लड़े ज्यादातर कैंडीडेट्स निराश नजर आए। खासकर बड़ी पॉलिटिकल पार्टीज के सपोर्ट से जो लोग मेयर पोस्ट के लिए चुनाव मैदान में थे, वे ज्यादा निराश दिखे। खासकर रांची नगर निगम के मेन शहरी क्षेत्र में वोटिंग कम होने और ग्रामीण क्षेत्रों से सटे पोलिंग बूथों पर वोटिंग अधिक होने से कुछ कैंडीडेट्स का समीकरण बनता, तो कुछ का बिगड़ता दिखा। लोकसभा इलेक्शन में मोदी लहर पर सवार होकर रांची लोकसभा क्षेत्र के साथ ही रांची विधानसभा क्षेत्र में लीड लेनेवाली बीजेपी के कैडर वोटर मेयर इलेक्शन में नजर नहीं आए। इससे बीजेपी समर्थित कैंडीडेट आशा लकड़ा और उनके सपोर्टर्स की धड़कनें तेज हो गई हैं। हालांकि कम वोटिंग से बरसा गाड़ी, नवीन लकड़ा और रमा खलखो भी चिंतित नजर आए। हालांकि, अभी भी मेयर पोस्ट के लिए मुख्य मुकाबल चार कैंडीडेट्स के बीच है। इनमें बीजेपी समर्थित आशा लकड़ा, आजसू समर्थित बरसा गाड़ी, टीएमसी समर्थित नवीन लकड़ा और कांग्रेस समर्थित पूर्व मेयर रमा खलखो के बीच मुकाबल होगा।