RANCHI : कलेक्ट्रेट से पूरे जिले के लॉ एंड ऑर्डर की मॉनिटरिंग होती है, लेकिन वहीं की सिक्योरिटी ताक पर है। डीसी, एसएसपी और एसडीओ समेत कई प्रशासनिक अफसरों के यहां दफ्तर हैं, लेकिन इसकी सबसे कमजोर कड़ी यहां की सुरक्षा व्यवस्था है। काम के सिलसिले में हर दिन यहां हजारों लोग आते हैं। कलेक्ट्रेट कैंपस में दिनभर गहमागहमी रहती है। बगल में ही सिविल कोर्ट भी है, लेकिन यहां पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था नहीं है। कलेक्ट्रेट आने जाने वालों की सुरक्षा भी भगवान भरोसे है।

अंदर घुसने के हैं कई रास्ते

डीसी ऑफिस का हाल यह है कि यहां चारों ओर से आसानी से घुसा जा सकता है। कलेक्ट्रेट में आने के लिए लोगों को न तो किसी तरह के सुरक्षा कवच से गुजरना होगा और न ही किसी से इजाजत लेनी की जरूरत होगी। ए ब्लॉक से आराम से घुस सकता है, बी ब्लॉक से भी घुस सकता है। इसके अलावे कचहरी की ओर से भी रास्ता है जो पिछे वाले गेट से लोग आते जाते हैं, वह हमेशा खुला रहता है। इसके अलावे सिविल कोर्ट से भी डीसी ऑफिस पहुंचने का रास्ता हमेशा खुला रहता है।

-नहीं होती है मॉनिटरिंग

डीसी ऑफिस में आने-जाने वालों की गतिविधियों की कोई मॉनिटरिंग नहीं होती है। छह होमगार्ड के जवानों के भरोसे पूरा कैम्पस है। जिसमें नीचे की सुरक्षा दो जवानों के भरोसे हीं है। चार जवान ऊपर रहते हैं। कैम्पस में गेट के बाहर होमगा‌र्ड्स तैनात रहते हैं, गेट के भीतर बैरियर लगाकर खड़े स्टैंड कर्मचारी लोगों के वाहनों को पार्किग में खड़े करने के लिए जोर- जबरदस्ती करते हैं, लेकिन इसे रोकने वाला कोई नहीं है।

-गेट पर नहीं है मेटल डिटेक्टर

डीसी ऑफिस तक पहुंचने के लिए दो मेन रास्ता है, एक का रास्ता ब्लॉक ए में जाता है जहां डीसी बैठते हैं, ब्लॉक बी में एसएसपी बैठते हैं। लेकिन दोनो मेन गेट से कैंपस में जाने वालों की जांच के लिए कोई इंतजाम नहीं है। यहां कहीं भी मेटल डिटेक्टर नही लगा है, जिस कारण लोग आसानी से आते जाते हैं। अगर कोई गलत नियत से भी इस कैम्पस में जहां जाना चाहे जा सकता है।

-सीसीटीवी कैमरा भी बना शोपीस

बी ब्लॉक में कई जगह पर सीसीटीवी खराब पड़ा है। लाखों रूपए खर्च करने के बाद भी यहां के सीसी टीवी कभी भी काम नहीं करते हैं, जबकि एसएसपी तीसरी तल्ला पर बैठते हैं। हर जगह कॉरीडोर में सीसीटीवी लगा हुआ दिख रहा है, लेकिन किसी का तार निकला हुआ है तो किसी का सीसा फुटा हुआ है।

- एक्स्ट्रा फोर्स की तैनाती नहीं

भीड़भाड़ वाले इस कैंपस में कोई एक्स्ट्रा फ ोर्स नहीं है। जिला पुलिस के चार जवानों की भी नियुक्ति की गई है लेकिन वो कभी भी दिखते नही है। धरना- प्रदर्शन को रोकने के लिए कलेक्ट्रेट चौकी पर तैनात दरोगा और सिपाहियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है, यहां पर कोई मेटल डिटेक्टर तक नहीं लगा है।