- 504 में से 31 मा‌र्क्स पर मिलेगा एडमिशन

- आईआईटी में कटऑफ कम करने के फैसले से मिला लाभ

- 31 नंबर पर पा सकते हैं प्रीपेरेट्री कोर्स में एडमिशन

DEHRADUN: अगर आप एडवांस एग्जाम में अपियर हुए हैं और एग्जाम के रिजल्ट को लेकर टेंस्ड हैं तो घबराइए नहीं, मात्र म् परसेंट मा‌र्क्स पर भी आपके लिए आईआईटी के दरवाजे खुले रहेंगे। एडवांस के कुल भ्0ब् मा‌र्क्स में से मात्र फ्क् नंबर लाने वाले स्टूडेंट्स आईआईटी द्वारा संचालित एक साल के प्रीपेरेट्री कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं। खास बात यह कि इस कोर्स में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स के पास एडवांस एग्जाम में भी अपियर होने का एक्स्ट्रा मौका उपलब्ध होगा। कोर्स में एडमिशन लेने वाले एससी, एसटी और पीएच कैटेगरी कैंडिडेट्स को यह मौका दिया जाएगा।

पिछले दस सालों से काफी हाई

देशभर के सभी ख्0 आईआईटी संस्थान कोर्स संचालित करते हैं। इनमें एडमिशन लेने वाले कैंडिडेट्स को कोर्स पूरा करने पर सेकेंड ईयर में डायरेक्ट एंट्री मिलती है। इस बार एडवांस एग्जाम का लेवल पिछले क्0 सालों की तुलना में काफी हाई देखने को मिला है। यही कारण रहा कि इस बार आईआईटी बॉम्बे ने कॉमन मेरिट लिस्ट में आने के लिए मिनिमम मा‌र्क्स का क्राइटेरिया बदल दिया। पहले जहां भ्0ब् में से कटऑफ में आने के लिए क्77 मा‌र्क्स की जरूरत थी, वहीं अब केवल क्ख्ब् मा‌र्क्स लाने पर ही मेरिट में जगह बन पाएगी।

यह है प्रीपेरेट्री कोर्स

इसी कड़ी में आईआईटी में संचालित प्रीपेरेट्री कोर्सेज के लिए केवल फ्क् नंबर लाने पर भी आईआईटी में एडमिशन संभव होगा। कोर्स उन सीटों के लिए ऑर्गनाइज किया जाता है, जो वेकेंट रह जाती है। नॉर्मली आईआईटी में ओबीसी कैटेगरी की सीट्स खाली रहने की स्थिति में जनरल कैटेगरी के कैंडिडेट्स से फिल किया जाता है, लेकिन एससी, एसटी और विकलांग कोटे की सीट्स किसी अन्य श्रेणी से भरे जाने का प्रावधान नहीं हैं।

एडवांस का भी एक्स्ट्रा मौका

ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन में शामिल होने के लिए ट्वेल्थ एग्जाम के साथ और ट्वेल्थ के बाद एक-एक मौका मिलता है, लेकिन एससी, एसटी और विकलांगता श्रेणी के कैंडिडेट्स को एडवांस में शामिल होने का एक और एक्स्ट्रा मौका मिल सकता है, रैंक कम होने की स्थिति में अगर प्रिप्रेट्री कोर्स में एडमिशन लिया जाता है तो एक एक्स्ट्रा मौका और दिया जाता है। जेईई के ऑनलाइन पोर्टल पर प्रिप्रेट्री कोर्स के लिए अप्लाई करने का ऑप्शन मौजूद रहता है।

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कैटेगरी वाइज मिनिमम मा‌र्क्स

कैटेगरी - मा‌र्क्स

जनरल- क्ख्ब्

ओबीसी- क्क्ख्

एससी- म्ख्

एसटी- म्ख्

जनरल (पीएच)- म्ख्

ओबीसी (पीएच)- म्ख्

एससी (पीएच)- म्ख्

एसटी (पीएच)- म्ख्

प्रीपेरेट्री कोर्स- फ्क्

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एससी, एसटी और विकलांग वर्ग की वेकेंट सीट्स पर एक वर्षीय प्रिप्रेट्री कोर्स संचालित किए जाने का प्रावधान है। कोर्स को सफलता के साथ पूरा करने पर बीटेक में सीधे सेकेंड ईयर में एडमिशन मिलता है। जरा सी मेहनत के साथ मात्र म् परसेंट मा‌र्क्स हासिल करने वाले कैंडिडेट्स भी आईआईटी में ब् साल का कोर्स कर सकते हैं।

--- विपिन बलूनी, एमडी, बलूनी क्लासेज

कोर्स में एडमिशन लेने के लिए मिनिमम मा‌र्क्स क्राइटेरिया काफी कम है। आईआईटी के नए सीएमएल मानक पर गौर करें तो मात्र म् परसेंट मा‌र्क्स पर प्रीपेरेट्री कोर्स में एडमिशन लिया जा सकता है। कोर्स क्लियर होने पर सेकेंड ईयर में एडमिशन मिलता है, लेकिन अगर कोर्स पूरा करने में असफल होते हैं तो एडवांस में अपियर होने का एक एक्स्ट्रा मौका कैंडिडेट्स के पास मौजूद रहता है।

-वैभव राय, एमडी, वीआर क्लासेस