Child Prevention Act-2012 के तहत दर्ज हुए 4 cases
अगर सिटी की बात करें, तो पिछले एक साल में यहां प्रिवेंशन ऑफ चाइल्ड सेक्सुअल एयूजमेंट एक्ट-2012 के तहत तीन डिफरेंट पुलिस स्टेशन में एक-एक केस दर्ज हुआ था। इसके अलावा वेडनसडे को टेल्को थाना में चौथा केस दर्ज किया गया। इस तरह के मामले में कई प्रोविजंस व गाइडलाइंस भी हैैं, लेकिन इसे प्रॉपर तरीके से फॉलो नहीं किया जाता। हालांकि एसएसपी का मानना है कि इस मामले में पुलिस सभी रूल्स व गाइडलाइंस को फॉलो करती है।
दर्ज हुआ मामला
प्रिवेंशन ऑफ चाइल्ड सेक्सूअल एयूजमेंट एक्ट-2012 के तहत चौथा केस टेल्को थाना में दर्ज हुआ। इसमें मृतका के फैमिली मेंबर्स द्वारा कोई इनिशियेटिव नहीं लिया गया है। टेल्को थाना एरिया स्थित ज्योतिनगर में क्लास 7 की स्टूडेंट कविता सिंह की संदिग्ध स्थिति में मौत हो गयी थी। उसके साथ रेप की आशंका जतायी गई थी, लेकिन उसकी मां ने इससे इंकार किया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसके साथ रेप की बात प्रूव होने के बाद वेडनसडे को पुलिस ने खुद ही इस मामले में 376, 377, 304, 201, 34 आईपीसी 4/8 प्रीवेंशन ऑफ चाइल्ड सेक्सुअल एयूजमेंट एक्ट के तहत केस दर्ज किया है।
पहले के मामले की तो मुझे जानकारी नहीं है प्रिवेंशन ऑफ चाइल्ड सेक्सुअल एयूजमेंट एक्ट के तहत मामले दर्ज किए जाते हैं। इस मामले में सीआईडी का भी गाइडलाइन है और उसे फॉलो किया जा रहा है।
-रिचर्ड लकड़ा, एसएसपी, ईस्ट सिंहभूम
पुलिस जेनरली 376 के तहत केस दर्ज करती है। सुपरविजन करते वक्त सीनियर पुलिस ऑफिसर को यह देखना चाहिए कि प्रिवेंशन ऑफ चाइल्ड सेक्सुअल एयूजमेंट एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ है कि नहीं।
-सुधीर कुमार पप्पू, सीनियर एडवोकेट, सिविल कोर्ट, जमशेदपुर
कविता सिंह के मामले में उसके पैरेंट्स द्वारा केस नहीं दर्ज कराया गया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद इस मामले में प्रिवेंशन ऑफ चाइल्ड सेक्सुअल एयूजमेंट एक्ट 2012 के तहत केस दर्ज कर जांच की जा रही है।
-थाना प्रभारी, टेल्को