- शहर को जलभराव से बचाने के लिए नगर निगम की तैयारी अधूरी

-कूड़ा करकट और सिल्ट से अटे पड़े शहर के 150 नाले

Meerut: मानसून ने दस्तक दे दी है, वहीं नगर निगम के सारे दावों की कलई खुल कर सामने आ गई है। मानसून को लेकर पूरी तैयारी करने का दावा करने वाले नगर निगम की नकारापन का आलम यह है कि शहर के आधे से अधिक नाले कूड़ा करकट और सिल्ट से अटे पड़े हैं। नतीजा शहर मानसून की एक बारिश भी बर्दाश्त नहीं कर पाया और गली-मोहल्लों से लेकर मुख्य मार्ग तक पानी में डूब गए।

सिल्ट से अटे पड़े नाले

शहर में नगर निगम के 281 नालें हैं। नगर निगम की ओर से हर साल बरसात से पूर्व इन नालों की सफाई की जाती है। इस बार भी नालों की सफाई को लेकर निगम प्रशासन की ओर से बड़े-बड़े दावे किए थे, लेकिन निगम के दावों की पोल उस समय खुल गई जब दो दिन पूर्व मानसून ने न केवल शहर को आइना दिखा दिया, बल्कि नगर निगम की ओर से की गई सारी तैयारियों की पोल पट्टी भी खोल कर रख दी। इस संबंध में जब नगर निगम के रिकार्ड खंगाले गए तो परिणाम चौकाने वाले दिखाई पड़े। नगर निगम की ओर से केवल अभी तक 141 नालों की सफाई कराई गई, जबकि 140 नाले अभी भी कूड़े से अटे पड़े हैं।

निगम में तीन हजार सफाई कर्मी

शहर में पसरी गंदगी और अटे पडे़ सौ से अधिक नालों की दुर्दशा का यह आलम तो तब है जब नगर निगम की फौज में तीन हजार से अधिक सफाई कर्मी शामिल हैं। नगर निगम में यदि स्थाई सफाई कर्मचारियों की संख्या 1076 है और संविदा पर काम कर रहे सफाई कर्मचारियों की संख्या 2208 है। बावजूद इसके शहर के नाले कूड़े की मार से दम तोड़ रहे हैं। हालांकि दो माह पूर्व निगम की ओर से नालों का सफाई कार्य शुरू तो किया गया, लेकिन कमजोर इच्छा शक्ति और लचर व्यवस्था के चलते बारिश ने सबकी कलई खोल दी।

ये नाले हुए साफ

-शास्त्रीनगर की कोठी से बिशन चौक तक

-हनुमानपुरी क्षेत्र स्थित नाला सफाई

-वार्ड 18 में शराब मिल के पीछे वाला नाला

-वार्ड 41 छिपी टैंक स्थित नाला

-थापर नगर बच्चा पार्क

-वार्ड 18 स्थित नाला

-डीआईजी पीएसी नाला

-शास्त्रीनगर की कोठी से गौतमनगर

-वार्ड 52 फूलबाग स्थित नाला

-सर्किट हाउस वाला नाला

-आबू नाले की सफाई

-लिसाड़ी रोड का नाला

-वार्ड दो ब्रह्मापुरी नाला

फैक्ट फीगर ---

तीन कैटेगरी में बांटे गए हैं शहर के नाले

-जेसीबी बड़ी पोकलेन मशीनों द्वारा सफाई वाले

-छोटी पोकलेन मशीनों द्वारा सफाई वाले

-नगर निगम कर्मचारियों द्वारा सफाई वाले

नाले संख्या लंबाई साफ नाले साफ नालों की लंबाई सफाई प्रतिशत

37 51,900 20 24,600 47.39

98 75,700 57 42,800 56.53

146 90,250 64 37,750 41.26

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281 2,17,850 141 1,05,150 48.26

नालों की लंबाई मीटर में लिखी गई है

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ऐसे तो खत्म नहीं होगी वाटर लॉगिंग

- आधा से अधिक शहर झेल रहा वाटर लॉगिंग की मार

- नगर निगम ने चिह्नित किए 39 इलाके पर कार्रवाई कहीं नहीं

-पांच सालों में एक भी इलाका नहीं उबरा वाटर लॉगिंग की मार से

रूद्गद्गह्मह्वह्ल: शहर वाटर लॉगिंग की समस्या से उबर नहीं पा रहा है। आज भी आधा से अधिक शहर में हल्की सी बारिश ही कहर बरपा देती है। वाटर लॉगिंग वाले क्षेत्रों की सबसे बड़ी समस्या यह है कि वहां पानी की निकासी का कोई उपाय नहीं है। मानसून आते ही यहां के लोगों को जल भराव और गंदगी का डर सताने लगता है। वहीं, दूसरी ओर नगर निगम की ओर से ऐसे क्षेत्रों में पिछले पांच सालों से सिवाय सूची बनाने के कोई विकास कार्य नहीं किया गया है। खुद नगर निगम का ऑफिस भी वाटर लॉगिंग का शिकार है।

सूची बनाई पर कार्रवाई नहीं

शहर में भारी जल भराव से प्रभावित इलाकों की पांच साल पूर्व सूची तो तैयार की गई थी, लेकिन आज तक इस सूची में शामिल एक भी क्षेत्र में वाटर लॉगिंग की समस्या पर काम नहीं किया गया। ऐसा तो तब है जब नगर निगम शहर को साफ स्वच्छ और हरा भरा रखने का दावा करने से नहीं चूकता। निगम के रिकार्ड में शहर के ऐसे 39 क्षेत्र हैं जहां न केवल पानी के निकासी की समस्या है, बल्कि हल्की बारिश से यहां का जीवन नारकीय हो जाता है।

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निगम कार्यालय में भी वाटर लॉगिंग

शहर को वाटर लॉगिंग की समस्या से निजात दिलाने का दम भरने वाला नगर निगम अभी खुद तक को जल भराव की समस्या से निजात नहीं दिला सका है। यह चौंकाने वाली बात ही है कि करोड़ों की योजनाओं और कर्मचारियों के इतने बड़े लाव लश्कर के बावजूद बरसात के मौसम में नगर निगम कार्यालय में नाव लगाने जैसे हालात पैदा हो जाते हैं।

वाटर लॉगिंग के मुख्य क्षेत्र --

दिल्ली रोड जोन

-नगर निगम कार्यालय के सामने घंटाघर तक

-मेट्रो प्लाजा से झंडे वाले की दुकान तक

-दिल्ली चुंगी के सामने

-मलियाना

-पिलोखड़ी रोड पर श्याम नगर

-प्रहलाद नगर

-माधवपुरम पुलिस चौकी के सामने

कंकरखेड़ा जोन

-रोहटा रोड

-देव पार्क बागपत रोड

सूरजकुंड जोन

-सोतीगंज दिल्ली रोड से गढ़ रोड के बीच

-कैलाशपुरी नंदन सिनेमा से इंद्रागेट

-जैदी सोसाइटी

-जागृति विहार सेक्टर पांच, छह और तीन

-शास्त्री नगर सेक्टर तीन

-जयदेवी नगर मोड़

-गोला कुआ सूत मार्केट

नालों की सफाई कार्य प्रगति पर है। आधे से अधिक नालों को साफ कर लिया गया है। लंबे समय से नालों की सफाई न होने से सफाई में थोड़ा समय लग रहा है।

-डॉ। प्रेम सिंह, नगर स्वास्थ अधिकारी

जल भराव वाले क्षेत्रों की समस्या को लेकर निगम अफसरों से बात कर योजना तैयार की जाएगी। जल्द ही कार्य योजना तैयार कर ऐसे क्षेत्रों में पानी की निकासी के मार्ग बनाए जाएंगे।

-हरिकांत अहलूवालिया, मेयर

लोगों का दर्द --

बरसात आते ही पूरा क्षेत्र पानी में डूब जाता है। जल भराव के कारण यह के नाली खड़ंजे भी बैठ गए हैं। नगर निगम में कई बार शिकायत की गई पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाई।

-सुरेश लोधी, रोहटा रोड

यहां पानी की निकासी का कोई रास्ता नहीं है। घरों के पानी से ही यहां रास्तों में पानी भर जाता है। पार्षद से कई बार शिकायत की गई, लेकिन बार निराशा ही हाथ लगी।

-शीला, मुल्तान नगर

बरसात के दिनों में यहां दुर्दशा हो जाती है। जल भराव के कारण पूरा क्षेत्र चोक हो जाता है। ऊपर से मच्छर और गंदगी से तमाम बीमारियां पैदा हो जाती हैं।

-अमित खारी, गोला कुआं

पार्षद हर बार यह कह कर वोट मांगता है कि जल भराव की समस्या को खत्म कराया जाएगा, लेकिन कई पार्षद आए और गए पर जल भराव की समस्या जस की तस बनी हुई है।

-राघवेन्द्र, बागपत रोड

जल भराव की समस्या की हद यह है कि यहां से मकान बेचने की फिराक में हैं, लेकिन नीचा पड़ चुके क्षेत्र के चलते यहां कोई खरीदार भी नहीं आता। पूरा जीवन नरक बन गया है।

-मुख्तियार सिंह, जैदी सोसाइटी

नगर निगम कार्यालय पर कई बार धरना-प्रदर्शन किया गया। हर बार जल भराव की समस्या से निजात दिलाने का आश्वासन मिला, लेकिन तीन साल बाद भी समस्या जस की तस है।

-जोनी कुमार, जागृति विहार