-विधानसभा चुनाव के लिए 1 नवंबर से को-ऑपरेटिव कॉलेज का भवन अधिगृहित किया गया, 17 से नहीं होगी पढ़ाई

-लोकसभा चुनाव में दो महीने के लिए कॉलेज कैंपस अधिगृहित किया गया था, पूरे साल में 106 दिन ऑफिशियल वैकेशन रहा

-साल में कुल 52 रविवार और दूसरी प्रॉब्लम्स की वजह से पढ़ाई के लिए करीब 100 दिन ही बचे

JAMSHEDPUR : कोल्हान यूनिवर्सिटी (केयू) के विभिन्न कॉलेजों के स्टूडेंट्स अक्सर यह शिकायत करते हैं कि समय पर उनका सिलेबस कंप्लीट नहीं होता। पर इस साल को-ऑपरेटिव कॉलेज में स्थिति कुछ ज्यादा ही खराब हो गई है। इसी साल लोकसभा चुनाव की वजह से कॉलेज में पूरे दो महीने पढ़ाई बाधित रही। अब राज्य विधानसभा चुनाव में भी कॉलेज कैंपस को अधिगृहित किया जाएगा और फिर लगभग डेढ़ महीने पढ़ाई बाधित रहेगी। और हां, पूरे साल का ऑफिशियल वैकेशन अलग से। स्थिति ऐसी है कि इस साल कॉलेज में पढ़ाई के नाम पर सिर्फ 100 दिन ही रहे।

17 से क्लासेस बंद

लोकसभा इलेक्शन में को-ऑपरेटिव कॉलेज कैंपस को 20 मार्च से 20 मई तक यानी पूरे दो महीने चुनाव कार्य के लिए अधिगृहित किया गया था। विधानसभा चुनाव के लिए 1 नवंबर से कॉलेज का भवन अधिगृहित किया जा चुका है, जबकि 17 नवंबर से पूरा कैंपस अधिगृहित कर लिया जाएगा। इसके बाद पढ़ाई पूरी तरह ठप हाे जाएगी।

स्टूडेंट्स का क्या होगा?

कॉलेजेज में साल में 180 दिन क्लास कंडक्ट करना होता है। सिलेबस कंप्लीट करने के लिए इतने दिन की पढ़ाई जरूरी होती है। ऐसे में सिर्फ 100 दिन में क्या और कितनी पढ़ाई हो सकती है इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन का कहना है कि इलेक्शन के बाद छुट्टियों में एक्स्ट्रा क्लासेस कंडक्ट कराया जाएगा, ताकि कोर्स का सिलेबस कंप्लीट हो सके। पर कितने एक्स्ट्रा क्लास कंडक्ट हो पाएंगे और कितनी पढ़ाई होगी यह हर कोई समझ रहा है। जब वर्किंग डे पर ठीक से पढ़ाई नहीं होती, तो छुट्टियों में कितने टीचर्स क्लास लेंगे इसे सहज ही समझा जा सकता है।

वैकल्पिक व्यवस्था के बारे में क्यों नहीं सोचा जाता

को-ऑपरेटिव कॉलेज में स्पेस ज्यादा होने की वजह से चुनाव कार्यो के लिए कैंपस अधिगृहित किया जाता है। यह जरूरी भी है, लेकिन सवाल यह है कि स्टूडेंट्स को होने वाले नुकसान के बारे में गंभीरता से क्यों नहीं सोचा जाता। इसको लेकर यूनिवर्सिटी को भी सोचना चाहिए। स्टूडेंट्स को नुकसान न हो इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जानी चाहिए। इसके लिए टीचर्स को छुट्टियों के दौरान क्लास लेना अनिवार्य कर दिया जाना चाहिए। पर ऐसा नहीं होता बस बोल दिया जाता है और उसके बाद क्या होता है यह सभी जानते हैं।

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- इसी साल लोकसभा चुनाव के कार्यो के लिए ख्0 मार्च से ख्0 मई तक यानी पूरे ख् महीने को-ऑपरेटिव कॉलेज का कैंपस अधिगृहित किया गया था।

- इसी महीने शुरू होने वाले विधानसभा चुनाव में क् नवंबर से ख्भ् दिसंबर तक कॉलेज कैंपस को अधिगृहित किया जा रहा है।

- क्7 नवंबर से ख्भ् दिसंबर तक क्लासेस नहीं हो पाएंगी, यानी फ्9 दिन क्लासेस ठप रहेंगी।

- कोल्हान यूनिवर्सिटी में ख्0क्ब् में कुल क्0म् ऑफिशियल छुट्टियां रहीं।

- सबसे लंबी फ्8 दिनों की पूजा की छुट्टियां थीं।

- ख्0क्ब् में कुल रविवार भ्ख् हैं।

- ऐसे में इलेक्शन की वजह से कैंपस बंद रहने और ऑफिशियल छुट्टियों के साथ रविवार को भी जोड़ दें, तो कुल ख्भ्7 दिन होते हैं।

- इसके बाद कुल क्08 दिन ही पढ़ाई के लिए बचते हैं, जिनमें किसी न किसी वजह से हंगामा और उसकी वजह से कॉलेज को कम से कम 8-क्0 दिन बंद कर दिया जाता है।

- को-ऑपरेटिव कॉलेज का कैंपस ख्भ् दिसंबर को छोड़ा जाएगा जब क्रिसमस की छुट्टियां चल रही होंगी।

- इस तरह को-ऑपरेटिव कॉलेज में इस साल पढ़ाई के लिए करीब क्00 दिन ही बचते हैं।

इस साल दो बार कॉलेज कैंपस को चुनाव कार्यो के लिए अधिगृहित किए जाने की वजह से स्टूडेंट्स की पढ़ाई पर असर तो पड़ा है। इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी। सभी टीचर्स से कहा जाएगा कि वे छुट्टियों में क्लास लें, ताकि कोर्स का सिलेबस कंप्लीट किया जा सके।

- डॉ आरके दास, प्रिंसिपल को-ऑपरेटिव कॉलेज