-एक साल में स्टेट में 100 नंबर पर किए गए केवल 12 कॉल

-लोगों को इस नंबर पर नहीं मिलता है बेहतर रिस्पांस

-एक साल में स्टेट में दर्ज हुए 48208 आईपीसी केसेज

द्भड्डद्वह्यद्धद्गस्त्रश्चह्वह्म@द्बठ्ठद्ग3ह्ल डायल 100, यह पुलिस का इमरजेंसी नंबर है। कोई भी व्यक्ति जो परेशानी में हो और उसके पास पुलिस का कोई नंबर न हो वह इस नंबर पर कॉल कर सकता है। डायल 100 नंबर एरिया के हिसाब से वैरी करता है और आप जहां रहेंगे वहां यह लोकल कनेक्ट करता है, लेकिन स्थिति यह है कि लोग 100 नंबर पर इमरजेंसी में कॉल करने के बजाय दौड़कर लोकल पुलिस स्टेशन जाना ज्यादा प्रेफर करते हैं। वे इसकी वजह 100 नंबर पर बेहतर रिस्पांस नहीं मिलने को बताते हैं।

बिहार में 101

स्टेट में डायल हंड्रेड की बदतर स्थिति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पिछले एक साल में डायल 100 पर केवल 12 लोगों ने ही कांटेक्ट किया। यानी हर महीने डायल 100 पर एक कॉल किया गया। इससे यह आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि पुलिस इस इमरजेंसी नंबर पर आने वाले कॉल पर कितना रिस्पांस करती है। डायल 100 के मामले में पड़ोसी स्टेट बिहार झारखंड के मुकाबले अच्छा है। वर्ष 2013 में बिहार में इस नंबर पर 101 कॉल किए गए।

नहीं मिलता रिस्पांस

जमशेदपुराइट्स का कहना है कि डायल 100 को लेकर लोगों में अवेयरनेस तो है, लेकिन उसपर कॉल नहीं करना चाहते। उनका आरोप है कि कॉल के बाद बेहतर रिस्पांस नहीं मिलता है। कई बार तो लोग इमरजेंसी में रिंग करते रह जाते हैं। लेकिन दूसरी ओर से कॉल रिसिव नहीं किया जाता। कुछ पॉलिटिकल लीडर्स व सोशल वर्कर्स ने इसकी सच्चाई जानने के लिए भी कॉल किया, तो उन्हें कोई रिस्पांस नहीं मिला।

घटता-बढ़ता रहा क्राइम ग्राफ

जून महीने में नेशनल क्राइम रिका‌र्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा जारी क्राइम डाटा के मुताबिक झारखंड में वर्ष-2012 में क्राइम में 17 परसेंट की कमी आयी, वहीं अगर जमशेदपुर की बात करें, तो यहां 47 परसेंट बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2013 में सिटी में टोटल 3961 क्राइम इंसिडेंट्स हुए। अगर स्टेट कैपिटल रांची की बात की जाए तो वहां वर्ष 2012 में क्राइम में 1.4 परसेंट की गिरावट आई, लेकिन इसके बाद 153.9 परसेंट की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

फीगर स्पीक्स का लोगो

वर्ष-2013 में स्टेट का क्राइम गाफ

कम्प्लेन का प्रकार रिसिव्ड

ओरल 7216

रिटेन 45320

सुओ मोटो बाई पुलिस 1560

डायल 100 12

आईपीसी केसेज 48208

जमशेदपुर-रांची की स्थिति

मर्डर इंसीडेंट्स

सिटी मर्डर अटैम्प्ट टू मर्डर

जमशेदपुर 35 24

रांची 65 14

पुलिस ने लोगों की सुविधा के लिए इमरजेंसी नंबर 100 की तो फैसिलिटी दी है, लेकिन इसपर बेहतर रिस्पांस नहीं मिलता है। ऐसे इसलिए होता क्योंकि वहां किसी जानकार व्यक्ति को जिम्मेवारी नहीं दी जाती है। इमरजेंसी नंबर पर ड्यूटी देने से पहले इस बात को जान लेना चाहिए कि लोगों के फोन कॉल को डील करने वाला व्यक्ति कैसा है।

-अब्बास अंसारी, जुगसलाई

100 नंबर पर लोगों का कॉल नहीं करना पुलिस कंट्रोल रूम की विफलता की पहचान है। मैंने भी कई बार डायल कर इस बात की सच्चाई जानने की कोशिश की, लेकिन अनुभव कड़वा रहा। इस नंबर पर अगर कोई इमरजेंसी में हेल्प लेना चाहे, तो उसे कभी नहीं मिलेगा।

-रामनाथ प्रसाद

ऐसा नहीं है कि लोग अवेयर नहीं है। लोगों को पता है कि इमरजेंसी में 100 नंबर पर डायल करने से पुलिस की हेल्प मिलेगी, लेकिन उनका यह विश्वास उस वक्त टूट जाता है जब उन्हें पुलिस द्वारा कोई रिस्पांस नहीं मिलता है। पुलिस को चाहिए कि इमरजेंसी नंबर की विश्वसनीयता को बनाए रखे।

-सुनील गुप्ता, बागबेड़ा