ALLAHABAD: इलाहाबाद हाई कोर्ट के पांच एडिशनल जस्टिस केजे ठाकर, अशोक कुमार,विवेक चौधरी, एसडी सिंह व एसी शर्मा को बुधवार को चीफ जस्टिस डीबी भोसले ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलायी। चीफ जस्टिस के न्याय कक्ष में आयोजित प्रोग्राम में सभी न्यायमूर्तिगण, न्यायिक अधिकारीगण तथा भारी संख्या में अधिवक्ता मौजूद थे। वकीलों की अधिक संख्या होने के कारण शपथ समारोह के लाइव प्रसारण की भी व्यवस्था की गयी थी।

इलेक्ट्रानिक ट्रांजेक्शन भी एवीडेंस के रूप में स्वीकार्य : जस्टिस मौर्या

इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति रामसूरत राम मौर्या ने कहा कि सूचना तकनीकी कानून 2000 के तहत साक्ष्य अधिनियम में जोड़ी गयी धारा 65 (डी) से इलेक्ट्रानिक ट्रांजेक्शन को भी साक्ष्य के रूप में स्वीकार्य माना गया है। बशर्ते डाटा की मूल रूप में होने को प्रमाणित किया गया हो।

एवीडेंस एक्ट की धारा है महत्वपूर्ण

जस्टिस मौर्या ने कहा कि साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए साक्ष्य अधिनियम की यह धारा महत्वपूर्ण है। जस्टिस मौर्या ने अधिवक्ता परिषद उप्र हाईकोर्ट इकाई द्वारा पुस्तकालय हॉल में आयोजित स्वाध्याय मंडल कार्यक्रम में अधिवक्ताओं को संबोधित करते हुए व्यक्त किया। एएसजीआई शशि प्रकाश सिंह ने स्वाध्याय मंडल के प्रयासों की सराहना की और कहा कि परिषद विभिन्न धाराओं पर सेमिनार आयोजित कर जागरूकता लाने का कार्यय कर रहा है। अध्यक्षता नरसिंह दीक्षित व संचालन महामंत्री प्रमोद कुमार सिंह ने किया। जितेंद्र जादौन ने इलेक्ट्रानिक कम्यूनिकेशन के साक्ष्य अधिनियम के तहत स्वीकार्यता पर विचार व्यक्त किये। सत्य प्रकाश राय, शेषमणि मिश्र, सभाजीत सिंह, विनय सिंह, हरवंश सिंह, उमाशंकर मिश्र, जेएस बुन्देला आदि अधिवक्ता मौजूद थे। अध्यक्ष ने धन्यवाद ज्ञापित किया।