-आरटीओ के सीज वाहनों को थाने में खड़ा करने की जगह नहीं

-पुलिस का दावा, कार्रवाई टालने के लिए जगह की कमी का बहाना

Meerut। शहर में डग्गामार वाहनों की संख्या पर लगाम नहीं लग पा रही है। मुश्किल यह है कि ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट द्वारा सीज डग्गामार वाहनों को खड़ा करने के लिए थानों में जगह उपलब्ध नहीं है। यही नहीं, थानेदार ऐसे वाहनों को थाने में खड़ा कराने से साफ इंकार करते हैं। जिसके चलते डग्गामार वाहनों को महज चालान करके ही छोड़ना पड़ता है। यह मुश्किल ट्रैफिक पुलिस के अधिकारियों की है।

क्या है मामला

बीते दिनों एटा में स्कूल बस की सड़क दुर्घटना के बाद शहर में भी ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने डग्गामार स्कूल वाहनों के खिलाफ अभियान शुरू किया है। ट्रैफिक पुलिस ने बीते चार दिनों में महज छह डग्गामार वाहनों को ही सीज किया है, जबकि 66 ऐसे वाहनों को चालान के बाद छोड़ दिया गया।

कटघरे में पुलिस

एआरटीओ प्रवर्तन दीपक शाह ने बताया कि अधिकांश थाने पहले से फुल हैं। जबकि आरटीओ द्वारा सीज गाडि़यों को थानेदार थाना परिसर में खड़ा करने से मना करते हैं। ऐसे विभाग के पास इतनी अधिक संख्या में वाहन खड़े करने के लिए जगह नहीं है। ऐसे में जगह के अभाव में आरटीओ महज चालान कर वाहनों को छोड़ देता है।

बॉक्स

नहीं चला अभियान

मंगलवार को ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की ओर से स्कूली डग्गामार वाहनों के खिलाफ कोई अभियान नहीं चलाया गया। ऐसे में खटारा और डग्गामार स्कूली वाहन पूरा दिन शहर की सड़कों पर भर्राटा भरते रहे।

वर्जन

खटारा वाहनों के खिलाफ अभियान जारी है। चुनावी ड्यूटी होने के चलते हालांकि अभियान थोड़ा सुस्त है। लेकिन सीमित संसाधनों के साथ पुरजोर प्रयास किया जा रहा है।

-दीपक शाह, एआरटीओ प्रवर्तन मेरठ

आरटीओ द्वारा सीज वाहनों को खड़ा करने के लिए पुलिस लाइन में जगह आवंटित है। जबकि थानों में ऐसे वाहनों के खड़े करने की व्यवस्था है। यदि कोई थानेदार वाहनों को खड़ा करने को मना करता है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।

-आलोक प्रियदर्शी, एसपी सिटी मेरठ