-सीवीटीएस डिपार्टमेंट के डॉक्टर्स ने जटिल ऑपरेशन कर मरीज को दी नई जिंदगी

LUCKNOW:

केजीएमयू के सीवीटीएस विभाग के डॉक्टर्स ने जटिल ऑपरेशन कर मरीज को नई जिंदगी दी। डॉ। अंबरीश कुमार, डॉ। शैलेंद्र कुमार की टीम ने सिर्फ 80 हजार के खर्च पर मरीज को जटिल समस्या से निजात दिला दी। जबकि प्राइवेट अस्पतालों में ऐसी सर्जरी में न्यूनतम 15 लाख का खर्च आता है। मरीज हार्ट में होने वाली एसेंडिंग एओर्टिक डिसेक्शन की समस्या से पीडि़त थी।

कई माह से थी परेशान

सरोजनी नगर निवासी सुशीला कई माह से सांस फूलने, सीने में दर्द और खांसी की समस्या से पीडि़त थी। लॉरी कार्डियोलॉजी में पता चला कि उसका वाल्व खराब है। वाल्व रिप्लेसमेंट के लिए उसे वीसीटीएस विभाग के डॉ। अंबरीश कुमार के पास 28 अप्रैल को भेजा गया। डॉ। अंबरीश ने बताया कि जांच की गई तो पता चला कि एओर्टिक वाल्व लीक कर रहा है। इसे बदलना होगा।

ओटी में समस्या दूसरी मिली

जब मरीज की सर्जरी शुरू हुई तो पता चला कि समस्या कुछ और है। सर्जरी के दौरान पता चला कि मरीज का वाल्व तो ठीक है लेकिन उसे असेंडिंग एओर्टिक डिसेक्शन की समस्या है। इसमें एओर्टा (हार्ट से शरीर के अंगों में खून ले जाने वाली नली) में दिक्कत थी। इस कारण खून पूरे दबाव के साथ शरीर के अंगों में नहीं जा रहा था।

नहीं थी पहले से तैयारी

डॉ। अंबरीश ने बताया कि ऐसी जटिल समस्या में एक ट्यूब डाली जाती है। जिसका खर्च करीब डेढ़ लाख का होता है। लेकिन इस मरीज में पहले से बीमारी का पता नहीं था तो यह मंगाई नहीं जा सकी थी। इसलिए मरीज को डेक्रोन पैच से ट्यूब ग्राफ्ट बनाया गया और उसे क्षतिग्रस्त हिस्से में लगा दिया गया।

ये हो सकता था खतरा

डॉ। शैलेंद्र कुमार ने बताया कि ऐसी स्थिति में समय से सर्जरी न होने पर मरीज को पैरालिसिस, हाथ काम करना बंद करने, हार्ट अटैक, गुर्दे की नसें खराब होने और गुर्दा फेल होने आदि की समस्या हो सकती है।

इस टीम ने की सर्जरी

सीवीटीएस से डॉ अंबरीश कुमार, डॉ। शैलेंद्र कुमार, डॉ। विकास, डॉ। अजय और एनेस्थीसिया डॉ। दिनेश कौशल, डॉ। गुंजन, डॉ। भरतेश, डॉ। आरिफ, और परफ्यूसनिस्ट मनोज श्रीवास्तव ने अहम रोल अदा किया।