-वन विभाग, डब्ल्यूटीआई समेत डेढ़ दर्जन टीमों ने की कॉम्बिंग

-घाटमपुर, महाराजपुर समेत तीन नए इलाकों को भी खंगाला

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गंगा बैराज में कटरी के जंगल में छिपे बाघ को ढूढ़ने के लिए वन विभाग समेत डेढ़ दर्जन टीमों ने हर हथकण्डा इस्तेमाल कर लिया, लेकिन वे न तो बाघ को खोज पाए और न ही पग निशान। टीमों ने रोज की तरह रविवार को भी कई घंटे कॉम्बिंग की, लेकिन बाघ का कुछ पता नहीं चला। अब मायूस टीमें बाघ का पता लगाने के लिए उसके देखे जाने या किसी जानवर का शिकार होने का इंतजार कर रही है। तभी उन्हें बाघ की लोकेशन का पता चल पाएगा।

घाटमपुर, महाराजपुर समेत तीन जगहों पर की कॉम्बिंग

गंगा कटरी से अचानक गायब हुए बाघ को ढूढ़ने के लिए एक टीम ने घाटमपुर की खाक छानी, तो दूसरी टीम ने महाराजपुर के सेतुपुर इलाके को खंगाला, लेकिन वहां भी बाघ का कोई निशान नहीं मिला। वहां पर किसी दूसरे जानवर को देखकर लोगों ने बाघ के पग के निशान की अफवाह उड़ा दी थी। वहीं, एक दर्जन टीमों ने गंगा कटरी को खंगाला। टीमों ने अगल-अलग दिशा में कॉम्बिंग की। वे शुक्लागंज से बिठूर तक गए,

अफवाहों की वजह से हाथ से फिसल गया बाघ

गंगा कटरी में बाघ को ढूढ़ने के लिए वन विभाग, डब्ल्यूटीआई समेत डेढ़ दर्जन टीमें डेरा जमाए हैं। टीमों ने शुरुआती तीन दिनों में बाघ की लोकेशन ट्रेस कर ली थी। तीसरे दिन तो हाथियों का बाघ से सामना हो गया था, लेकिन वो टीमों को गच्चा देकर निकल गया। जिसके बाद से टीमें उसका सुराग नहीं लगा पा रही है। टीम की अगुवाई कर रहे डॉ। उत्कर्ष शुक्ला का कहना है कि अफवाहों की वजह से बाघ उनके हाथ से निकल गया। हालांकि उनका ये भी मानना है कि उनकी टीम एक से दो दिन में बाघ को खोज लेगी। उनका कहना है कि तीन दिन बाद से बिठूर, चौबेपुर, फतेहपुर समेत अन्य इलाकों में बाघ को देखे जाने या उसके पग के निशान मिलने की अफवाह उड़ने लगी। जिसकी वजह से उनकी टीमें भ्रमित हो गई। उनको उक्त जगह पर जाकर छानबीन करनी पड़ी। जिससे गंगा कटरी में अपेक्षाकृत कम टीमों ने कॉम्बिंग की और बाघ उनके हाथ से निकल गया।

अब सूचना मिलने का इंतजार कर रही है टीमें

ऑफिसर डॉ। सौरभ सिंघई के मुताबिक टीमें अगली सूचना मिलने तक बाघ की गंगा कटरी में तलाश करेगी। उनके पास इसके सिवाय कोई और रास्ता नहीं है। उन्होंने बताया कि गढ़ी सिलौली के जंगल से भी बाघ भाग गया था, लेकिन टीमें अगली सूचना तक बाघ को वहीं ढूढ़ रही थी। जब टीमों को गंगा कटरी में बाघ के देखे जाने और शिकार करने की सूचना मिली। तभी टीम गंगा कटरी आई थी। इसी तरह अब बाघ की अगली लोकेशन मिलने पर ही टीमें गंगा कटरी से निकलेगी।