- चर्चा पर अड़ा विपक्ष, सपा का वाकआउट, वेल में आए कांग्रेस सदस्य

- विधानसभा में पारित हुआ बजट, विपक्ष का कटौती का प्रस्ताव गिरा


बजट का भी हो निजीकरण

दरअसल सपा सदस्यों का कहना था कि अगर घाटे की वजह से बिजली विभाग को निजी हाथों में दिया जा रहा है तो सरकार का बजट भी घाटे का है, उसका भी निजीकरण कर देना चाहिए। सरकार के फैसले से हालात ऐसे हो गये है कि एमडी स्तर के अधिकारी इस्तीफा दे रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी ने कहा कि बिजली विभाग के कर्मचारी हड़ताल पर हैं लेकिन सरकार को इससे कोई लेना देना नहीं है। प्रदेश सरकार पूंजीपतियों के हाथ बिक चुकी है। नेता बसपा दल लालजी वर्मा ने कहा कि लाइन लॉस रोकने के लिये विभाग अपनी काबलियत का इस्तेमाल करता, इसे निजी हाथों में देने की क्या जरुरत पड़ गयी। इस पर चर्चा होनी चाहिए। वहीं नेता कांग्रेस दल अजय कुमार 'लल्लू' ने तत्काल निजीकरण व्यवस्था समाप्त करने की मांग की।

नहीं पड़ेगा फर्क, बढ़ेगा निवेश
वहीं ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि आगरा में बिजली वितरण की व्यवस्था निजी हाथों में देकर सरकार इसे आजमा चुकी है, वहां की कामयाबी को देखते हुये अन्य पांच शहरों में इसे लागू करने का फैसला लिया गया। इससे निवेश भी बढ़ेगा। अकेले लखनऊ में ही 950 करोड़ का निवेश होगा। इस मद के लिये बजट में आवंटित पैसा जो बचेगा उसे ग्रामीण इलाकों में लगाया जायेगा। फ्रेंचाइजी का चयन पारदर्शी तरीके से केंद्र सरकार के मानक के तहत होगा। यह व्यवस्था 20 वर्षो के लिये लागू रहेगी। बिजली विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के पास विकल्प होगा, वह चाहे तो प्रतिनियुक्ति पर कंपनी के अधीन कार्य करे या अपना तबादला कहीं और करा ले। उनके वेतन और प्रमोशन पर इसका कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

सभी विभागों का बजट पारित
सोमवार को विधानसभा में सभी विभागों का बजट एक साथ पारित हो गया। नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी ने बजट पर कटौती प्रस्ताव पेश करते हुये कहा कि योगी सरकार हर कार्य को कहती है कि पहली बार हुआ है। यह भी विधानसभा के इतिहास में पहली बार हुआ कि व्यवस्थित सदन में एक साथ एक दिन में सभी विभागों का बजट पास हुआ है। तंज कसा कि लाखों छात्रों का बोर्ड परीक्षा छोड़ना, भर्ती पर रोक लगाना, शिक्षकों की भर्ती परीक्षा को मुश्किल बनाना और रोजगार मांगने वालों को लाठियों से पिटवाने का कार्य भी पहली बार इस सरकार में हुआ है।

कटौती प्रस्ताव पर बल दिया

मंत्री सदन से गैरहाजिर हैं, लेकिन सरकार बजट पास करा रहीं है। इस पर संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष का कार्यालय गलत आकड़ों का केंद्र बन गया है। इस पर दोनों के बीच नोक-झोंक भी हुई। बसपा दल के नेता लालजी वर्मा और कांग्रेस के नेता अजय कुमार लल्लू ने भी कटौती प्रस्ताव पर बल दिया और सरकार की नीयत पर सवाल उठाये। संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने विपक्ष के आरोपों को बेबुनियाद ठहराते हुए कहा कि सरकार हर क्षेत्र मे काम कर रही है। प्रदेश में बदलाव नजर आ रहा है।

एक करोड़ मीटर खरीदेगी सरकार
ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने सदन में बताया कि सरकार एक करोड़ बिजली का प्रीपेड मीटर मंगवा रही है। इन्हें सरकारी विभागों के साथ सौभाग्य योजना के तहत लगवाया जायेगा। उन्होंने कहा कि विभाग 72 हजार करोड़ के घाटे में है। सिर्फ सरकारी विभागों का 10 हजार करोड़ रुपये का बिल बकाया है। प्रीपेड मीटर लगने के बाद बिजली चोरी पर लगाम लगेगी। एक साल में सभी सरकारी विभागों में प्रीपेड मीटर लगा दिये जाएंगे। मंत्री, विधायक, डीएम और एसपी के आवास पर भी प्रीपेड मीटर लगेगा।

सरकारी अस्पतालों में बायोमीट्रिक हाजिरी
प्रदेश के सभी सरकारी चिकित्सालयों में दिसंबर के अंत तक बायोमीट्रिक कार्ड से उपस्थिति दर्ज करने की व्यवस्था लागू कर दी जाएगी। यह घोषणा सोमवार को विधानसभा में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने की।