- ऑनलाइन वेट लिस्टिडेट टिकट्स पर मिलेगा 'विकल्प'

- वेटिंग की कंडीशन में दूसरी ट्रेन में ऑप्शन फिल करने की मिलेगी व्यवस्था

- वहीं टैक्स और टीडीएस को लेकर भी होंगे कई चेंज

GORAKHPUR: फाइनेंशियल इयर 2016-17 खत्म होने को हैं। एक अप्रैल से रेलवे हो या बैंक, इनकम टैक्स हो या फिर रेस्टोरेंट, हर जगह बदलाव की बयार बहेगी। जहां रेलवे टिकट बुक करने वाले आईआरसीटीसी यूजर्स के लिए न्यू रिजर्वेशन पॉलिसी विकल्प लागू होगी, जिसमें वेट लिस्टेड टिकट के बाद भी कंफर्म होने का ऑप्शन मिलेगा, तो वहीं दूसरी ओर इनकम टैक्स लिमिट घट जाने से लोगों को थोड़ा राहत मिलेगी। वहीं बड़ा ट्रांजेक्शन करने वालों को अपनी जेब ढीली करनी पड़ेगी।

फायदा देगा विकल्प

तय शेड्यूल पर अपने डेस्टिनेशन पर पहुंचने वाले गोरखपुराइट्स को एक अप्रैल से काफी राहत मिलेगी। टिकट कंफर्म न होने के बाद भी उन्हें आरामदायक सफर का मौका मिल सकता है। रेलवे एडमिनिस्ट्रेशन एक अप्रैल से अपने ई-टिकट वाले पैेसेंजर्स के लिए विकल्प स्कीम शुरू करने जा रहा है। इसमें पैसेंजर्स का टिकट अगर चार्ट बनने के बाद भी वेटिंग लिस्ट में रहता है, तो उन्हें उस रूट की दूसरी सुविधा, प्रीमियम जैसी ट्रेंस में भी सफर करने का मौका मिल सकता है।

यह है स्कीम

- शुरुआती तौर पर विकल्प स्कीम सिर्फ ई-टिकट के लिए ही उपलब्ध होगी।

- इस स्कीम के तहत, वेटिंग लिस्ट वाले पैसेंजर्स को अपनी लॉगइन के जरिए विकल्प स्कीम में ट्रेंस सेलेक्ट करने का मौका मिलेगा।

-विकल्प में सिर्फ उन्हीं पैसेंजर्स को मौका मिल पाएगा, जिनका नाम चार्ट तैयार होने के बाद भी कन्फर्म नहीं होता है।

-इसके लिए न तो किसी पैसेंजर से कोई एक्स्ट्रा पैसे वसूल किए जाएंगे और न ही फेयर डिफरेंस लेने या देने की सुविधा मिलेगी।

- रेल यात्री को अल्टरनेट ट्रेन में सीट मिलने के बाद उसे उसी ट्रेन का जनरल पैसेंजर माना जाएगा और उन्हें अपग्रेडेशन की भी फैसिलिटी मिलेगी।

- वेटिंग लिस्ट वाले पैसेंजर्स जो विकल्प स्कीम से ऑप्शन चुन रहे हैं, उन्हें चार्ट तैयार होने के बाद पीएनआर स्टेटस चेक करना चाहिए।

- किसी दूसरी ट्रेन से वेटिंग लिस्ट वाले यात्री को नई ट्रेन में जगह मिलने के बाद पहली ट्रेन में बोर्ड करने की इजाजत नहीं मिलेगी।

- जब विकल्प ऑप्शन चूज करने वाला पैसेंजर कैंसिल का विकल्प चुनता है, तो इसके बाद उसे अल्टरनेट अकोमडेशन दे दिया जाता है और वो एक कंफ‌र्म्ड पैसेंजर्स के तौर पर माना जाता है। इसके बाद भी कैंसिलेशन के रूल्स नियमता लागू होंगे।

कुछ यह भी होंगे बदलाव

- 2.5 लाख से 10 लाख रुपए के बीच इनकम वालों का टैक्स 10 फीसद से 5 फीसदी कर दिया जाएगा। सेक्शन 87ए के तहत छूट 5000 रुपए से घटाकर 2500 रुपए कर दी गई है।

- जिन की इनकम 3.5 लाख रुपए से ऊपर हैं, उनके लिए कोई छूट नहीं होगी।

- जिन लोगों की इनकम 50 लाख से 1 करोड़ है, उनपर 10 फीसदी सरचार्ज लगेगा। एक करोड़ रुपए से ऊपर इनकम वालों को 15 फीसद तक सरचार्ज देना होगा।

- इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के अधिकारी 10 साल पुराने उन सभी मामलों की फिर से जांच कर सकता है, जिनकी इनकम और संपत्ति 50 लाख रुपए से अधिक है। मौजूदा वक्त में इसकी सीएम अधिकतम 6 साल है।

- जिन लोगों को 50,000 रुपए से अधिक का किराया मिलता है, उन्हें 5 फीसद एक्स्ट्रा टीडीएस (टैक्स डिडक्शन एट सोर्स) देना होगा।

- एक अप्रैल से सिर्फ एक साल यानि कि करंट इयर का ही इनकम टैक्स रिटर्न भरा जा सकेगा।

बॉक्स

बैंक ट्रांजेक्शन को लेकर कोई जीओ नहीं

पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया और वाट्सएप पर यह न्यूज वायरल हुई है कि एक अप्रैल से कैश और एटीएम ट्रांजैक्शन के नियम में भी बदलाव होगा। इसमें यह बताया जा रहा है कि एक अप्रैल से सिर्फ तीन बार फ्री डिपॉजिट आपके अकाउंट में हो सकेगा, इसके बाद हर डिपॉजिट पर 50 रुपए लगेंगे। मेट्रो सिटी ब्रांच में कम से कम 5000, शहरी ब्रांच में 3000, छोटे शहरों में 2000 और गांवों की ब्रांच में खुले हुए खाते में कम से कम 1000 रुपए रखना जरूरी होगा। वहीं, पांच फ्री ट्रांजेक्शन के बाद 10 रुपए प्रति ट्रांजेक्शन देना होगा। इसके अलावा कुछ और तथ्य हैं, जो शेयर किए जा रहे हैं, मगर एसबीआई के एजीएम अमर सिंह चौधरी ने सभी बातों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि एक अप्रैल से स्टेट बैंक में सिर्फ एक बदलाव हो रहा है कि पांच बैंक्स का एसबीआई में मर्जर हो रहा है। इसमें गोरखपुर स्थित स्टेट बैंक ऑफ पटियाला की ब्रांच का एसबीआई में विलय हो जाएगा। इसके अलावा दूसरे किसी चेंज का जीओ नहीं आया है।