एक अन्य बच्चा भी मिला

पुलिस गिरफ्त में आई महिला का नाम सीमा उर्फ आशा है। वह हुसैन बाग बांकर गंज की रहने वाली है। उसके पति का नाम आबिद है। महिला का कहना है कि यह बच्चा उसके जानकार का है और इसका नाम उसने फुरकान रखा है। वह किसी हद तक मानने को तैयार नहीं थी कि उसने बच्चे को किडनैप किया है। महिला की गोद में एक अन्य बच्चा भी मिला है। यह बच्चा किसका है पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है।

बच्चे लाकर बेचती है!

कोतवाली पुलिस को सूचना मिली थी कि बाकर गंज के हुसैन बाग में एक महिला के पास संदिग्ध बच्चा है। सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची और महिला के पास बच्चे को पाया। पुलिस ने जब महिला से पूछताछ की तो उसने संतोषजनक जवाब नहीं दिया। पुलिस ने महिला से पूछा कि ये बच्चा किसका है और यह उसके पास कैसे आया तो उसने जवाब दिया कि बच्चा उसका है। जब पुलिस ने उससे 21 मई को डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में जाने के बारे में पूछा तो महिला ने इस बात को स्वीकार कर लिया। वहां के लोगों ने पुलिस को बताया कि यह महिला कुछ दिन पहले ही इस बच्चे को अपने साथ लाई थी। यह महिला इसी तरह से बच्चे लाकर बेंचने का काम करती है। कुछ माह पूर्व भी इसके पास एक बच्चा देखा गया था जो बाद में दिखाई देना बंद हो गया था।

मां ने की बच्चे की पहचान

बच्चे की पहचान के लिए पुलिस ने चौकी में बच्चे की मां व परिवार के अन्य लोगों को भी बुला लिया। जहां पर बच्चे की मां ने उसे पहचान लिया। उसके बाद पुलिस महिला व बच्चे को कोतवाली में लेकर आ गई। सूचना पाकर मौके पर एसपी सिटी शिव सागर सिंह भी पहुंचे और महिला से पूछताछ की। महिला ने पुलिस को बताया कि वह बच्चे को दो दिन पहले अपनी बहन के घर लेकर भी गई थी लेकिन उसकी बहन ने यह कहकर वापस कर दिया था कि क्या उसे भी फंसाएगी और जहां से बच्चा लाई है वहीं वापस करके आ।

कैसे हुआ था किडनैप

किडनैप हुए बच्चे का नाम अमित है। अमित का बड़ा भाई सुमित डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में पेट की बीमारी के कारण एडमिट था। 21 मई को अमित अपनी बहन शालिनी के साथ हॉस्पिटल में खेल रहे थे। तभी दोनों को कोई व्यक्ति अपने साथ चीज खिलाने के बहाने लेकर गया था। वहां से एक व्यक्ति अमित को अपने साथ लेकर चला गया था लेकिन शालिनी को छोड़ गया था। शालिनी के वापस आकर परिजनों को अमित के किडनैप होने की सूचना दी थी। उस वारदात के बाद पुलिस ने अपहरण का केस रजिस्टर्ड कर बच्चे की बरामदगी के लिए कई टीमें बनाई थीं।

उम्मीदें छोड़ दी थीं

अमित की मां शिवरानी के साथ पिता सुशील व बहन ज्योति अमित के वापस मिलने पर काफी खुश हैं। सभी ने उसकी वापसी की लगभग सारी उम्मीदें छोड़ दी थीं। घटना के बाद से वह काफी चिंता में रहती थी। वह हॉस्पिटल, पुलिस स्टेशन, एसपी, एसएसपी व जहां भी हो सका वहां अपने बच्चे की बरामदगी के लिए पहुंचे। उसने तो लगभग सारी उम्मीद खो दी थी।

बच्चे को बरामद कर लिया गया है। महिला अपने बयान बदल रही है। शुरुआती जांच में बच्चे की ब्रिकी की बात सामने आई है। महिला से पूछताछ कर उसके साथियों की तलाश की जा रही है।

- शिव सागर सिंह, एसपी सिटी, बरेली

सीरियस कंडीशन में निकाला हॉस्पिटल से

एक तरफ एक मां अपने बच्चे से बिछडऩे के दुख से उभर भी नहीं पाई थी कि दूसरी ओर उसके बीमार बच्चे को डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल से देर शाम जबरन डिस्चार्ज कर दिया गया। जिक्र कर रहे हैं डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल से किडनैप हुए अमित के बड़े भाई सुमित की, जिसका ऑपरेशन 16 दिन पहले डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में किया गया था। सुमित को ऑपरेशन के दौरान लगे टांकों में पस पड़ गया है। सुमित की अब जीडी हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया है।

जमकर हुई कहासुनी

पीडि़त परिवार का आरोप था कि सुमित के ऑपरेशन के 16 दिन बाद भी उसके घाव नहीं भर रहे है। टांकों में पस पड़ गया है। बावजूद इसके की सुमित की तीमारदारी पर ध्यान दिया जाता। हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन ने आनन-फानन में सुमित को डिस्चार्ज कर दिया। शाम 5 बजे समाज सेवा मंच ने मौके पर पहुंचकर सीएमएस डॉ सुधांशु से प्रकरण का कारण जानना चाहा। सेवा मंच के पदाधिकारी और एडमिनिस्ट्रेशन के बीच कहा सुनी हुई।

जीडी हॉस्पिटल में एडमिट

सेवा मंच के नदीम ने बताया कि सुमित की हालत काफी सीरियस बनी हुई थी और हॉस्पिटल प्रबंधक ने उसे डिस्चार्ज कर दिया। सुमित को सीरियस कंडीशन में जीडी हॉस्पिटल में डॉ। गोपाल दत्त की कस्टडी में एडमिट किया गया है। समाज सेवा मंच सुमित की मेडिसिन का खर्चा उठा रही है, जबकि डॉ गोपाल दत्त सुमित का फ्री इलाज कर रहे है। फिलहाल सुमित आइसीयू में एडमिट है।