RANCHI: टीबी के पेशेंट छोटे बच्चों को अब कड़वी दवाई नहीं खानी पड़ेगी। ऐसे बच्चों के लिए सेंट्रल ट्यूबरक्यूलोसिस डिपार्टमेंट ने अब फ्लेवर्ड दवाइयां उपलब्ध करा दी हैं। इसके तहत बीमार बच्चों को स्ट्राबेरी, मैंगो और आरेंज फ्लेवर की दवाइयां खाने के लिए मिलेंगी। टीबी डिपार्टमेंट के डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम को-आर्डिनेटर राकेश राय ने बताया कि रिवाइज्ड नेशनल ट्यूबरक्यूलोसिस कंट्रोल प्रोग्राम (आरएनटीसीपी) के तहत कई बदलाव किए जा रहे हैं। इसमें बच्चों को कड़वी दवाई से मुक्ति दिलाने के साथ ही पेशेंट्स को हर दिन दवा खिलाने की भी योजना तैयार की गई है।

न्यूट्रीशन फूड देने की तैयारी

टीबी डिपार्टमेंट के डॉट व टीबी एचआइवी को-आर्डिनेटर आशीष ने बताया कि सेंट्रल डिपार्टमेंट से पेशेंट्स को न्यूट्रीशन फूड देने की तैयारी की जा रही है। इसके तहत टीबी पेशेंट्स को न्यूट्रीशन डाइट दिया जाएगा या फिर इसके बदले पेशेंट को डाइट की राशि उपलब्ध कराई जा सकती है। फिलहाल इस पर अधिकारी मंथन कर रहे हैं। चूंकि टीबी पेशेंट्स को दवा के साथ अच्छा खाना भी जरूरी होता है। तभी पेशेंट जल्दी रिकवर करता है।

अब हर दिन खिलाई जाएगी दवा

आरएनटीसीपी के तहत टीबी से ग्रसित मरीजों को अब हर दिन टीबी की दवा खिलाई जाएंगी। एक जुलाई से यह व्यवस्था देशभर के डॉट सेंटरों पर लागू हो जाएगी। आशीष की मानें, तो टीबी के वायरस के जींस में लगातार बदलाव आते रहते हैं। ऐसे में हर दिन दवा खिलाने से वायरस को खत्म करने में मदद मिलेगी। वर्तमान में मरीजों को हफ्ते में तीन दिन दवाई खिलाई जाती है।

रांची में मरीजों का चल रहा इलाज

गवर्नमेंट हास्पिटल : क्क्87

प्राइवेट हास्पिटल : क्क्89

मेडिकल ड्रग रजिस्टेंट : फ्7

पेडियाट्रिक : ब्7

वर्जन

सरकार ने नई गाइडलाइंस तय की है, जिसके तहत मरीजों को हर दिन दवा खिलाई जाएंगी। इसके लिए डॉट सेंटर्स और इसके अंतर्गत काम करने वाले लोगों को ट्रेनिंग भी दी जा रही है, ताकि टीबी के मरीजों को दवा खिलाने में कोई चूक न हो। न्यूट्रीशन फूड देने का उद्देश्य है कि टीबी के मरीज गरीब तबके के ज्यादा लोग होते हैं। ऐसे में उन्हें न्यूट्रीशन बहुत जरूरी है। फिलहाल इस पर विचार किया जा रहा है।

-डॉ। वीबी प्रसाद, डीटीओ, रांची