आई इम्पैक्ट-

- आई नेक्स्ट की खबर का असर, नहीं दिखाई दिए सीटों के सौदागर

- आरपीएफ की टीम ने संभाली जिम्मेदारी

- केवल विकलांगों को ही विकलांग कोच में जाने की दी गई इजाजत

ALLAHABAD: देर से ही सही, लेकिन रेलवे और जीआरपी के अधिकारियों की नींद खुलने से प्रयागराज एक्सप्रेस के विकलांग कोच को बेचने वाले जीआरपी के जवानों का खेल खत्म हो गया। जीआरपी के अधिकारियों ने जहां विकलांग कोच बेचने के मामले में जांच का आदेश दिया है, वहीं आरपीएफ के अधिकारियों को सख्त हिदायत दी गई है कि किसी भी कीमत पर विकलांग कोच में सौदेबाजी का खेल नहीं होना चाहिए.आदेश के पालन में सोमवार को प्रयाग राज एक्सप्रेस के विकलांग कोच के पास आरपीएफ के जवान तैनात रहे। जिन्होंने सामान्य लोगों को विकलांग कोच में चढ़ने भी नहीं दिया।

पूरा हुआ मकसद

विकलांगों को उनका अधिकार दिलाने और इलाहाबाद जंक्शन पर चल रहे अवैध वसूली के खेल को खत्म करने के लिए आई नेक्स्ट ने शनिवार को जंक्शन पर स्टिंग किया। जिसमें यह खुलासा किया गया कि किस तरह से जीआरपी के जवान प्रयाग राज एक्सप्रेस के विकलांग कोच को बेचते हैं। पैसेंजर्स से बदसलूकी करते हैं और उन्हें गालियां देते हुए वसूली करते हैं। संडे को खबर छपने के बाद, संडे की रात भी जंक्शन पर खेल जारी रहा। मंडे को जब एक बार फिर जंक्शन पर चल रहे खेल की खबर छपी तो अधिकारियों में हड़कंप मचा।

विकलांग कोच के पास नहीं दिखे जीआरपी जवान

संडे तक जहां प्रयागराज एक्सप्रेस के विकलांग कोच के पास जीआरपी के जवान डटे रहते थे। सीटों की सौदेबाजी करते थे। वहीं सोमवार को जीआरपी के जवान गायब रहे। बल्कि आरपीएफ के जवान डंडा लेकर तैनात रहे। विकलांग कोच में उसी को प्रवेश दे रहे थे, जिसके पास विकलांगता का सर्टिफिकेट था, या फिर जो वास्तव में विकलांग था। सामान्य लोगों को कोच में घूसने नहीं दिया गया। पहले से कोच में जो सामान्य लोग बैठे हुए थे, उन्हें आरपीएफ इंस्पेक्टर और एसी के साथ ही जवानों ने बाहर उतारा।

इन्हें मिल गया हक

सौदेबाजी खत्म होने के बाद विकलांगों को उनका हक मिल गया। विकलांग आराम से कोच में बैठे और इलाहाबाद से दिल्ली के लिए रवाना हुए। उन्हें न तो भगाया गया और न ही भीड़ में धक्का खाते हुए सफर करने को मजबूर होना पड़ा। जंक्शन पर चल रहे खेल का खुलासा होने और अधिकारियों द्वारा इसे गंभीरता से लेने के बाद सख्त हिदायत दिए जाने से जीआरपी के जवानों में हड़कंप मचा रहा।