आई ब्रेकिंग न्यूज

- मामला होटवार स्थित डेयरी फार्म कर्मचारी कॉलोनी का

- इसी जगह उद्योग विभाग बनाएगा टेक्सटाइल पार्क

- एक झटके में छिन गया साढ़े तीन सौ लोगों का आशियाना

- लोगों में हड़कंप, कुछ ने खाली किया मकान

nadeem.akhtar@inext.co.in

RANCHI (8 Apr) : होटवार स्थित डेयरी फार्म के कर्मचारियों की कॉलोनी को पांच दिनों के भीतर खाली करने का आदेश मिला है। ख्भ् एकड़ जमीन में फैले रिहायशी मकानों में करीब फ्भ्0 लोग रहते हैं। इन्हें बिना किसी पूर्व सूचना के एक झटके में ही हटने का आदेश दिया गया है। इस जमीन का राज्य सरकार के उद्योग विभाग ने अधिग्रहण कर लिया है। अब यहां उद्योग विभाग ने 'टेक्सटाइल पार्क' बनाने की तैयारी शुरू की है। पशुपालन विभाग ने कॉलोनी में रह रहे सभी लोगों को अलग-अलग नोटिस जारी किया है। विभाग ने कहा है कि अगर उन्होंने तय समय पर मकान खाली नहीं किया, तो बुलडोजर चलाकर तोड़ ि1दया जाएगा।

डरे सहमे हैं लोग, किराए के मकान पर नजर

इस कॉलोनी में रह रहे लोगों में विभाग द्वारा मिली चिट्ठी से हड़कंप मच गया है। लोग जल्दी-जल्दी किराए का मकान ढूंढ रहे हैं। इन कॉलोनी में अधिकतर होटवार स्थित डेयरी फार्म में काम करने वाले थर्ड और फोर्थ ग्रेड के कर्मचारी और उनके परिजन रहते हैं। कर्मचारियों को मकान में रहने के बदले हर महीने अपनी सैलरी से ख्भ्00 रुपए चुकाने पड़ते थे। अब आसपास में कोई भी मकान म्000 से कम में किराए पर नहीं मिल रहा है। इससे कर्मचारियों और उनके परिजनों में जबर्दस्त आक्रोश है। वैसे कई लोगों ने कानूनी कार्रवाई के भय से मकान खाली भी कर दिया है। शनिवार को इस कॉलोनी से करीब दस परिवारों ने अपना सामान हटाकर दूसरी जगह शिफ्ट कर लिया।

बाक्स

किसी की किडनी खराब, तो कोई लकवाग्रस्त (फोटो है)

होटवार स्थित कॉलोनी में कई घरों पर बुजुर्गो की तबियत ठीक नहीं है। कई लोग तो बिस्तर पर हैं। पैसों का ऐसा अभाव है कि सरकारी अस्पताल में इलाज करा रहे हैं। फार्म के ही कर्मचारी रहे शंकर चौधरी की एक किडनी खराब हो चुकी है। उन्होंने हाल ही में ऑपरेशन कराया है। वे घर छोड़ने की बात से ही इतने परेशान हैं कि बार-बार रो पड़ते हैं। इसी तरह महेंद्र बैठा को हाल ही में पैरालाइसिस का अटैक आया है। जब से नोटिस मिला है, तब से वे दिन भर घर के बारामदे पर ही बैठे रहते हैं। सदमा ऐसा लगा है कि वे किसी से बात भी नहीं करते। उनके परिवार के अन्य सदस्य उन्हें घर छोड़कर जाने के लिए राजी करने में जुटे हैं, लेकिन वे इसके लिए तैयार ही नहीं.

कोट

हमसे हमारा घर छीना जा रहा है। यह सरासर अन्याय है। सरकार को हमें हटाने से पहले वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए थी। अब हम कहां जाएं?

ुशीला देवी

डेयरी फार्म सामने है, जहां सारे कर्मचारी काम करते हैं। आसपास में मकान भी नहीं मिल रहा है। इतनी बड़ी संख्या में लोगों को उजाड़ने से पहले बताया भी नहीं गया।

श्ाीला देवी

70 के दशक से हम लोग यहां रह रहे हैं। अचानक आदेश दे दिया गया कि घर खाली करो, लेकिन हम कहां रहेंगे, इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई।

मला देवी

कई लोग बीमार हैं। चल-फिर नहीं सकते। अचानक उन्हें कहीं और शिफ्ट करना मुश्किल हो रहा है। सरकार कहीं और घर दे देती, तो परेशानी कम हो जाती।

संजय कुमार

कॉलोनी में बसे लोगों को हटाना अमानवीय है। हाई कोर्ट का आदेश है कि किसी को उजाड़ने से पहले बसाने की व्यवस्था करनी है।

राजेश कुमार नायक

नई जगह मकान खोजने पर काफी ज्यादा किराया मांगा जा रहा है। कर्मचारियों की तनख्वाह भी काफी कम है। उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है।

प्रदीप कुमार