-- another organ transplant in kgmu

- ब्रेन डेड पेशेंट के आर्गन्स का हुआ ट्रांसप्लांट

LUCKNOW: किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी और संजय गांधी पीजीआई के डॉक्टर्स की टीम ने मिलकर बुधवार को एक और ब्रेन डेड पेशेंट के अंगों को तीन अलग अलग मरीजों में ट्रांसप्लांट किया। एक मरीज के अंगों से तीन मरीजों को जीवनदान मिला। पेशेंट की दो किडनी और कार्निया दूसरे मरीजों में ट्रांसप्लांट की गई, जबकि लिवर खराब होने के कारण ट्रांसप्लांट नहीं किया जा सका। सुबह भ् बजे शुरू किए गए ऑपरेशन क्म् घंटे तक चला और अंगों का प्रत्यारोपण सम्भव हो सका।

सुबह भ् बजे शुरू हुआ ट्रांसप्लांट

संतकबीर नगर निवासी इंद्रपति त्रिपाठी (म्भ्) को सोमवार को एक्सीडेंट में हेड इंजरी हो गई थी। उसी दिन डॉक्टर्स ने ट्रॉमा में उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया था। संस्थान में आर्गन ट्रांसप्लांट की यूनिट केसदस्यों ने परिजनों को आर्गन डोनेशन के लिए काउंसिलिंग की। उनकी सहमति के बाद आर्गन ट्रांसप्लांट की तैयारी शुरू हो गई। सबसे पहले कार्निया ट्रांसप्लांट की कार्रवाई हुई। उसके बाद पीजीआई में उनकी दो किडनी को अलग अलग मरीजों में ट्रांसप्लांट किया गया।

लिवर की बिमारी थी

केजीएमयू केडॉ। अभिजीत चन्द्रा के मुताबिक, पेशेंट को लिवर की बीमारी थी। जिसके कारण उनका लिवर ट्रांसप्लांट सम्भव नहीं हो सका। जबकि किडनी और कार्निया से तीन मरीजों को जीवनदान मिला है। तीनों मरीजों की हालत स्थिर है। केजीएमयू और पीजीआई के डॉक्टर्स की संयुक्त टीम के प्रयास में यह ब्रेन डेड मरीजों का चौथा ट्रांसप्लांट है। हर बार केजीएमयू के शताब्दी हॉस्पिटल में अंगों को निकालकर पीजीआई ले जाया गया जहां मरीजों में उनका ट्रांसप्लांट किया गया।