इलाहाबाद संग्रहालय में डॉ। भीमराव अंबेडकर की 126वीं जयंती के अवसर पर चित्रकला प्रदर्शनी का आयोजन

ALLAHABAD: सामाजिक समरसता के अग्रदूत बाबा साहेब डॉ। भीमराव अंबेडकर की 126वीं जयंती पर गुरूवार को इलाहाबाद संग्रहालय में चित्रों की प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि सीडीओ आंद्रे वामसी व विजय प्रकाश ने दीप प्रज्ज्वलित कर प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। सीडीओ ने डॉ। अंबेडकर के सामाजिक एवं सांस्कृतिक अवदान विषय पर हुई गोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि बाबा साहेब सर्व समाज के मसीहा थे। उन्होंने मात्र दलितों के लिए ही नहीं बल्कि समाज के सभी वंचित वर्गो के लिए समान प्रयास किया था।

प्रज्ञान शुक्ला रहे अव्वल

वहीं वक्ता विजय प्रकाश ने कहा कि लिंग भेद पर प्रहार करने वाले और समान नागरिक संहिता की वकालत करने वाले डॉ। अंबेडकर भारतवर्ष के पहले चिंतक थे। इस मौके पर संग्रहालय के प्रभारी निदेशक डॉ। ओंकार आनंद राव वानखेड़े, डॉ। वामन वानखेड़े, डॉ। नगीना राम, डॉ। सुनील शुक्ला, डॉ। राजेश चंद्र मिश्रा आदि मौजूद रहे। संग्रहालय के सभागार में डॉ। अंबेडकर के जीवन से संबंधित चित्रों की प्रदर्शनी में सर्वश्रेष्ठ चित्र बनाकर प्रज्ञान शुक्ला अव्वल रहे।

दलितों की सेवा कर दिया मानवता का संदेश

ज्वाला देवी सरस्वती स्कूल में गुरूवार को आरएसएस अधिवक्ता मिलन शाखा की ओर से डॉ। भीमराव अंबेडकर जयंती की पूर्व संध्या पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें उप्र लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ। केबी पांडेय ने कहा कि बाबा साहब का जीवन त्याग, तपस्या और बलिदान से परिपूर्ण रहा। वहीं ज्वाला देवी सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज गंगापुरी रसूलाबाद में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानाचार्य महरानी दीन ने कहा कि बाबा साहब सामाजिक परिवर्तन के वाहक बने। उन्होंने छुआछूत के विरुद्ध संघर्ष कर दलितों और शोषितों को सामाजिक समानता का अधिकार दिलाया।