हिन्दुस्तानी एकेडेमी में भोजपुरी रचना पाठ का आयोजन एक-एक रचनाओं की प्रस्तुति पर झूमे श्रोता allahabad@inext.co.in ALLAHABAD: हिन्दुस्तानी एकेडेमी की ओर से शनिवार को क्षेत्रीय भाषाओं के संव‌र्द्धन के क्रम में भोजपुरी रचना पाठ का आयोजन किया गया। एकेडेमी के सचिव रवीन्द्र कुमार ने भोजपुरी भाषा के रचनाकारों हरि राम द्विवेदी, डॉ। कमलेश राय, ओम धीरज, हरि नारायण सिंह व रंजना राय को शॉल व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इसके बाद शुरू हुआ भोजपुरी रचना पाठ। रचनाकारों की एक-एक प्रस्तुति पर उपस्थित श्रोताओं ने जमकर तालियां बजाई। रंजना राय ने 'गईया मड़ईया बछरूवा ओसारे, आजी दलानी में बाबा दुआरे। भजनियां भोर हरी लगलैं सुनावै, भरल भोर चिरई लगली जगावे' पंक्तियां सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। पवन बेनियां डोलावे डॉ। कमलेश राय ने 'नाहीं ओकरा जुरे झिंगुलिया ना पावें पैजनियां, नाहीं गरे चनरमा ओकरा ना रुन झुन कर धनिया' पंक्तियां पढ़ी। हरि राम द्विवेदी ने 'पवना बेनियां डोलावे, बदरा रस बरसावे' पंक्तियां सुनाई। ओम धीरज ने 'सुरसा जस मुंह शहर पसारे, अब का होई भाय' सुनाकर समां बांधा। हरि नारायण सिंह ने 'कइसे चली पांव थक गइल छांह जोहत-जोहत' व 'कबले जरी सुबहा का आगी में राम के सीता' सुनाकर वाहवाही बटोरी। एकेडेमी के कोषाध्यक्ष रवि नंदन सिंह ने रचनाकारों का स्वागत किया। इस मौके पर हरिमोहन मालवीय, रमाकांत शर्मा, कैलाश नाथ पांडेय, शिवमूर्ति सिंह, डॉ। वीरेन्द्र कुमार तिवारी, विवेक सत्यांशु, स्नेह मधुर, डॉ। किरण शर्मा, डॉ। सविता कुमारी श्रीवास्तव, शिवराम उपाध्याय आदि मौजूद रहे।