आई शॉकिंग

- बाजार कीमत से करीब 23 लाख ज्यादा क्यों चुकाने जा रहा विभाग?

- स्वास्थ्य विभाग द्वारा 5 रुपए प्रति पैकेट के हिसाब से ओआरएस खरीद का दिया ऑर्डर

- डायरिया कंट्रोल वीक में बच्चों को फ्री बांटा जाना है ओआरएस

DEHRADUN: डायरिया कंट्रोल वीक के लिए स्वास्थ्य महकमे द्वारा क्क् लाख ओआरएस के पैकेट का ऑर्डर सवालों के घेरे में है। यह इसलिए क्योंकि स्वास्थ्य महकमे द्वारा जिस दर पर ओआरएस का ऑर्डर किया गया है वह ओआरएस के बाजार मूल्य से भी ज्यादा है। सवाल यह उठ रहा है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा महंगी दरों पर ओआरएस क्यों खरीदा जा रहा है?

फ्क्.फ्7 लाख की लगेगी चपत!

डायरिया कंट्रोल वीक का मकसद बच्चों को डिहाइड्रेशन से बचाना है, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा बच्चों को फ्री में ओआरएस बांटा जाना है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा बच्चों को बांटने के लिए क्क् लाख पैकेज ओआरएस के ऑर्डर किए गए हैं, लेकिन यह ऑर्डर ओआरएस की दरों का आकलन किए बिना ही जारी कर दिए गए हैं। अन्य राज्यों की तुलना में करीब सवा दो रुपए प्रति पैकेट ज्यादा कीमत पर स्वास्थ्य विभाग ने इतनी बड़ी संख्या में ओआरएस का ऑर्डर किया है। छत्तीसगढ़, बिहार, तमिलनाडु आदि राज्यों समेत जेनरिक ओआरस की कीमतें क्.8ब् रुपये से अधिकतम ख्.ख्9 रुपये के बीच है। इसका अगर औसत निकाला जाए तो औसत कीमत भी ख्.क्क् रुपये प्रति पैकेट आती है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग द्वारा भ् रुपए प्रति पैकेट की दर से ओआरएस ऑर्डर किया गया है। जाहिर है विभाग को इसके लिए करीब ख्फ् लाख रुपये ज्यादा चुकाने होंगे, जो सीधे-सीधे विभाग पर चपत है।

कैग ने भी पकड़ा था घोटाला

स्वास्थ्य विभाग द्वारा दवा खरीद को लेकर पहले ही कैग की रिपोर्ट में सवाल उठाये जा चुके हैं। हाल ही में कैग द्वारा जारी रिपोर्ट में दून हॉस्पिटल और सीएमओ के माध्यम से 7 करोड़ 80 लाख की दवाओं को एमआरपी से ज्यादा कीमत पर खरीदे जाने का मामला सामने आया था। दवाओं की खरीद भ् से ख्0 परसेंट तक ज्यादा कीमत पर की गई थी, जिससे सरकार को क्.0म् करोड़ की चपत लगी। बाकायदा इसका जिक्र कैग की रिपोर्ट में किया गया है। इस घोटाले के बाद स्वास्थ्य महकमा फिर घोटाले की राह पर चलता दिख रहा है।

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ओएआरएस की खरीद निर्धारित पॉलिसी के तहत ही की जा रही है। पॉलिसी में जिन चार कंपनियों का जिक्र है, उन्हीं से ओआरएस खरीदा जा रहा है। इसीलिए इस खरीद का टैंडर भी नहीं किया गया।

-डॉ। डीएस रावत, महानिदेशक(हेल्थ)