3 महीने से चल रहा ट्रायल
नाजियों द्वारा किए गयए सबसे बड़े नरसंहार मामले में अब फैसला आ गया है। जर्मन कोर्ट ने 3 महीने तक चले ट्रायल में फॉर्मर नाजी ऑफिसर ओस्कर को सजा सुना दी है। Bookkeeper of Auschwitz नाम से जाने वाले ओस्कर इस समय उम्र के आखिरी पड़ाव में हैं। ओस्कर की उम्र 94 साल है। ऐसे में 4 साल की जेल उनके लिए उम्रैकद के बराबर है। जज फ्रेंज कोमपिश ने कहा कि, ओस्कर को यहूदियों की हत्या का दोषी पाया गया है। इसके लिए उन्हें 4 साल की सजा दी जाती है।

क्या था मामला
आपको बताते चलें कि जुलाई 1944 में ओस्कर Auschwitz कैंप की देखभाल कर रहे थे। तभी उस दौरान कैंप में रह रहे 3 लाख यहूदियों का मर्डर कर दिया गया था। इन्हें या तो जलाकर मारा गया या फिर भूख में तड़पा कर मौत के घाट उतार दिया गया। हालांकि ओस्कर इस बात से इंकार करते आए हैं कि, वह इस नरंसहार में सीधे तौर पर संलिप्त थे। ओस्कर का कहना था कि, वह नाजी गॉर्ड होने के नाते वहां मौजूद थे लेकिन इस हत्या में उनका हाथ नहीं था।

हॉस्पिटल से लाया गया कोर्ट
ओस्कर इस समय शारीरिक रूप से काफी अस्वस्थ हैं। कोर्ट में हियरिंग के दौरान उन्हें हॉस्पिटल से कोर्ट रूम लाया गया। उनकी शाररिक अवस्था को देखकर जज ने उन्हें 4 साल की सजा सुनाई। माना जा रहा है कि, ओस्कर सजा के दौरान ही दुनिया को अलविदा कह देंगे। ऐसे में उनकी सजा वाकई एक बड़ा फैसला साबित हुई है।

Courtesy : www.dailymail.co.uk

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