उपलब्धि के पीछे पेरेंट्स का हाथ

दून में गोरखपुर, डिफेंस कॉलोनी निवासी रिटायर्ड फौजी विश्वेष कुमार शर्मा की बेटी उन्नति ने महज ढाई साल पहले परेड ग्राउंड स्थित जूडो हॉल में पै्रक्टिस करना शुरू किया था, जहां कोच सतीश शर्मा ने उन्हें इस खेल की बारीकियां सिखाई। उन्नति ने बताया कि देश की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी बनना हर किसी खिलाड़ी का सपना होता है। मेरा भी सपना था जो मणिपुर में पूरा हुआ। लेकिन यह उपलब्धि मेरी अकेली की नहीं है बल्कि इसके पीछे मेरे पापा विश्वेष कुमार शर्मा और मम्मी ममता शर्मा का भी है। जिन्होंने हर कदम पर मेरा हौसला बढ़ाया है। इसके अलावा मेरे खेल को निखारने का श्रेय कोच सतीश शर्मा और पुनीत सर को जाता हैं, जिन्होंने मुझे इस काबिल बनाया है। डिफेंस कॉलोनी स्थित डीएवी में 8वीं क्लास में पढऩे वाली उन्नति शर्मा अपने क्लास के सबसे होनहार स्टूडेंट्स में से है। वह जूडो के लिए जहां प्रतिदिन 6 घंटे अभ्यास करती है, वहीं स्टडी के लिए भी प्रतिदिन 5-6 घंटे का टाइम मैनेज करती हैं। यही कारण है कि खेल व स्टडी दोनों में वह सर्वश्रेष्ठ हैं।

बाकी है अभी मंजिल

मासूम सा फेस और सिर पर दो चोटी बांधने वाली उन्नति को देखकर यह अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है कि यह देश की सर्वश्रेष्ठ जूडो प्लेयर है, लेकिन इस मासूमियत से भरे चेहरे के पीछे एक चैंपियन प्लेयर छुपा हुआ है। प्लस 20 वेट कैटेगरी में खेलने वाली उन्नति बताती हैं कि अभी उनकी मंजिल बाकी है। अभी उनकों वल्र्ड लेवल पर इस गेम में छाप छोडऩी है और ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतना है।