इंडियन सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें पिछले महीने इटली में हुए इलेक्शन में मतदान करने के लिए जाने की इजाजत दी थी. इटली फॉरेन मिनिस्ट्री ने कहा कि इस मामले को राजनयिक तरीके से सुलझाने का आग्रह किया गया था, लेकिन इंडिया ने कोई जवाब नहीं दिया. लिहाजा दोनों नौसैनिक इंडिया नहीं लौटेंगे. नई दिल्ली में फॉरेन मिनिस्ट्री ने बताया कि उन्हें मंडे लेट नाइट इटली से मैसेज मिला है, जिसकी जांच की जाएगी.

इटली ने बताया इंटरनेशनल इश्यू

इटली फॉरेन मिनिस्ट्री ने कहा कि अब यह दोनों देशों के बीच समुद्री कानून की संयुक्त राष्ट्र संधि पर औपचारिक विवाद का मसला बन गया है. इंडिया को दोनों देशों के बीच इंटरनेशनल डिस्प्यूट से जुड़ी शुरुआती जानकारियां दी गईं थीं, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. इसलिए नौसैनिक मैसीमिलयानो लैटोर और सैल्वाटोर गिरोन छुट्टियां खत्म होने बाद इटली से नहीं लौटेंगे.

एनरिका लैक्सी के दोनों नाविकों पर आरोप है कि उन्होंने दोनों मछुआरों की गोलीबारी कर मर्डर किया था. नौसैनिकों का कहना है कि उन्होंने मछुआरों को समुद्री लुटेरे समझकर गोलियां चलाई थीं. दोनों नौसैनिकों को पिछले साल भारत में हिरासत में ले लिया गया था.

पहले भी गए थे इटली

इससे पहले दिसंबर 2012 में भी उन्हें क्रिसमस मनाने के लिए इटली जाने की अनुमति मिली थी, जिसके बाद वे इंडिया लौट आए थे. उस समय केरल हाई कोर्ट के निर्देश के अनुसार दोनों ने 6 करोड़ रुपये की बैंक गांरटी के साथ ही 2 हफ्तों में इंडिया लौटने का लिखित आश्वासन दिया था. एक समझौते के तहत इटली की गवर्नमेंट ने मारे गए दोनों मछुआरों के परिजनों को 1-1 करोड़ रुपए का मुआवजा देने की घोषणा की थी.

इटली ने दी थी चेतावनी

पिछले साल इटली के प्राइम मिनिस्टर ने इंडियन प्राइम मिनिस्टर मनमोहन सिंह से चेतावनी भरे लहजे में कहा था कि उनके नौसैनिकों पर मुकदमा न चलाया जाए. इटली का मानना है कि घटना अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा में हुई थी और मामला भारतीय अदालतों के कार्यक्षेत्र से बाहर है, लेकिन भारत इससे सहमत नहीं है.

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