तो ये भी हुए प्रतिबंधित

स्टेशन कमांडर के आदेश पर कैंट बोर्ड ने जो नया बोर्ड लगाया है। इसमें साफ-साफ लिख दिया है कि 'आउट ऑफ बाउंड फोर ऑल रैंक्सÓ। इसका मतलब ये है कि अब कोई भी किसी भी रैंक का सैन्य ऑफिसर्स 22 बी के रिजोर्ट में नहीं जा सकेगा। मौजूदा समय में ही नहीं जो आर्मी ऑफिसर्स किसी भी रैंक्स से रिटायर्ड हुए हों वो भी 22 बी में जाने प्रतिबंधित कर दिए गए हैं। कैंट बोर्ड ये बोर्ड बुधवार को ही लगाया है।

गए थे आर्मी ऑफिसर्स भी

स्टेशन कमांडर के ऑर्डर पर कैंट बोर्ड द्वारा लगाए बोर्ड से ये बात साबित हो चुकी है कि आर्मी ऑफिसर्स इस रिजोर्ट में आयोजित होने वाली पार्टियों में लगातार जाते रहे हैं। जबकि स्टेशन कमांडर ने इस बात को हमेशा से ही नकारा। अगर उन्हें  इस बारे में वाकई जानकारी नहीं थी तो ये भी बड़े ताज्जुब की बात है कि उनके ऑफिसर्स कहां जा रहे है? क्या कर रहे हैं? जानकारी ही नहीं है। जबकि कैंट बोर्ड के साथ रिजोर्ट का विवाद पिछले एक साल ऊपर से चल रहा है। कैंट बोर्ड के अधिकारियों की माने तो उन्हें भी सूचना मिली थी कि पूर्व और मौजूदा समय के आर्मी ऑफिसर्स 22 बी में गए थे।

अब तक सोया था सब एरिया?

इस बोर्ड के लगने के बाद सब एरिया पर एक सवाल उठने लगा है कि इतना सब कुछ होने के बाद भी अधिकारी सोए रहे। सब एरिया को काफी पहले ही ये ऑर्डर दे देना चाहिए था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। आखिर क्यों पब्लिक चेतावनी देने से पहले आर्मी ऑफिसर्स के लिए इस तरह की चेतावनी या ऑर्डर नहीं दिए गए? 22 बी मामले में शुरू से ही कई सवाल खड़े हो चुके हैं। अब इन सवालों का कैंट बोर्ड या सब एरिया ऑफिसर्स किस तरह से जवाब देंगे ये देखने वाली बात होगी।

 

'कैंट बोर्ड ने जो बुधवार को 22 बी के बाहर बोर्ड लगाया है, उसके बाद से कोई भी पूर्व और मौजूदा किसी भी रैंक आर्मी ऑफिसर्स प्रतिबंधित कर दिया गया है.'

- डॉ। डीएन यादव, सीईओ, कैंट बोर्ड