2008 में शुरू हुआ चौक शिकारपुर एरिया में ओवर ब्रिज का कंस्ट्रक्शन अब तक अधूरा

सुविधा तो बाद की बात अभी हो रही फजीहत

- 6 साल हो गए कंस्ट्रक्शन वर्क स्टार्ट किए, पर अब तक नहीं हुआ पूरा

- हर आने-जाने वाले लोग और लोकल पब्लिक सभी हैं परेशान

PATNA CITY : चौक शिकारपुर एरिया में बनाए जा रहे रोड ओवर ब्रिज के वर्क से लोगों को काफी परेशानी होने लगी है। जॉब करने वाले लोग, महिलाएं और स्टूडेंट सभी को आने-जाने में काफी दिक्कत हो रही है। चौक शिकारपुर और नाला पर एरिया के रास्ते लोग आने-जाने से कतराने लगे हैं, लेकिन कोई दूसरा विकल्प नहीं होने की वजह से गड्ढे भरे रास्ते से आना-जाना मजबूरी बन गई है। एनएच-फ्0 से पटना सिटी को जोड़ने के लिए रोड ओवर ब्रिज का कंस्ट्रक्शन का वर्क चल रहा है। ब्रिज का कंस्ट्रक्शन इतनी धीमी गति से चल रहा है कि म् साल बीतने के बाद भी पुल बन कर तैयार नहीं हुआ। इस ब्रिज के कंस्ट्रक्शन की नींव साल ख्008 में रखी गई थी। उस टाइम पटना सिटी के लोकल एमएलए नंद किशोर यादव स्टेट के एनडीए गवर्नमेंट में रोड कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट मिनिस्टर थे। ब्रिज बनाने का वर्क उस टाइम काफी जोर-शोर से स्टार्ट हुआ था, पर बाद में ऐसा ग्रहण लगा कि वर्क की गति काफी धीमी हो गई। कंस्ट्रक्शन वर्क की गति देख ऐसा लगता है कि इस साल के अंत तक भी बनकर तैयार नहीं हो पाएगा।

सड़क का मिटा नामो निशान

इस ओवर ब्रिज को साल ख्0क्क् में ही बन कर तैयार हो जाना था, लेकिन तय समय से ढाई साल अधिक बीतने के बाद भी ओवर ब्रिज काकंस्ट्रक्शन वर्क आधा भी नहीं हो सका है। इस वजह से पटना साहिब स्टेशन के मालगोदाम से लेकर नाला पर और वहां से चौक शिकारपुर एरिया तक सड़क का नामों निशान मिट गया है। सड़क की जगह हर कदम पर गड्ढे ही दिखते हैं। करीब दो साल से सड़क की जगह गड्ढों के बीच गाडि़यों का आना-जाना हो रहा है।

लोकल पब्लिक परेशान

ब्रिज कंस्ट्रक्शन की लेट लतिफी का शिकार चौक शिकारपुर एरिया की पब्लिक हो गई है। सड़क पर पैदल चलना भी दुभर हो गया है। लोकल पब्लिक की परेशानी उस समय दोगुनी हो जाती है, जब बारिश होती है। बारिश होने की वजह से पूरे एरिया में पानी भर जाता है। पानी जमा होने की वजह से गड्ढों का पता नहीं चल पाता है। कई दफा गड्ढों में गिरने से भी लोग हादसे का शिकार हो गए। पब्लिक की इस परेशानी की सुध स्टेट गवर्नमेंट या एडमिनिस्ट्रेशन के अधिकारियों ने अब तक नहीं ली है।

इस परेशानी को झेलते हुए काफी लंबा टाइम हो गया है। गरीब लोगों की परेशानियों को कौन देखता है। यहां तो सब अपनी मस्ती में रहते हैं।

- विनोद वर्मा, दुन्दी बाजार आखाड़ा।

यहां सड़क के नाम पर गड्ढे रह गए हैं। ऐसे में कई बार स्कूल या कॉलेज से आते-जाते बच्चे हादसे का शिकार होने से बचे हैं।

- उषा अग्रहरी, दुन्दी बाजार, चौक शिकारपुर।

स्कूल के लिए डेली ऑटो से गुलजारबाग जाना होता है। कंस्ट्रक्शन वर्क से नाला पर का बड़ा एरिया कंजस्टेड हो गया है। जाम लगा होता है।

- अवनीत कुमार, स्टूडेंट, नाला पर।

पटना साहिब स्टेशन आने-जाने में काफी परेशानी होती है। हरिमंदिर गली से नाला पर के रास्ते स्टेशन जाना आसान है, पर जब से सड़क खराब हुई है, मुर्चा रोड से घूमकर जाते हैं।

- हरनाम कौर लांबा, हरिमंदिर गली।