Auto के कारण हो रही है ज्यादा problem
ऑटो वाले सबसे ज्यादा प्रॉलम क्रियेट कर रहे हैं। उसमें सिक्योरिटी की कमी तो होती ही है, दूसरे वे ऑटो में 14-15 बच्चों को बैठा लेते हैं। कई बार बच्चों को लटक कर जाते हुए देखा जा सकता है। स्कूल बैग को ऑटो से बाहर लटका दिया जाता है, जिससे हर वक्त एक्सीडेंट का भी खतरा बना रहता है। कई बार ऑटो से बच्चे गिर भी चुके हैैं और ऑटो के पलटने की घटनाएं भी कई बार सामने आ चुकी है। इसके बावजूद ऑटो ड्राइवर्स द्वारा सिक्योरिटी पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। पुलिस व एडमिनिस्ट्रेशन का भी मानना है कि वैन की अपेक्षा ऑटोज ज्यादा अनसेफ हैं
सिचुएशन जस की तस
जमशेदपुर अभिभावक संघ के प्रेसिडेंट डॉ उमेश कुमार कहते हैैं कि पिछले दिनों हुई वार्ता में स्कूल व्हीकल ड्राइवर्स ने ओवरलोडिंग न करने की हामी भरी थी और इसके लिए कुछ दिनों का समय भी मांगा था। इसके बावजूद इनके द्वारा इस दिशा में कोई स्टेप नहीं लिया गया। इस कारण सिचुएशन जस की तस है। हद तो तब हो जाती है जब ओवरलोडिंग न करने की बात पर वे पैरेंट्स पर दबाव बनाकर किराया भी बढ़वा लेते हैैं और कुछ समय बाद फिर से ओवरलोडिंग करने लगते हैं।
'ओवरलोडिंग के खिलाफ डीसी के आदेश पर अभियान चलाया जा रहा है। इस दौरान ट्यूजडे को टेल्को में 18 व्हीकल्स जत किए गए हैं। जब तक ओवरलोडिंग नहीं रूकेगी, यह अभियान चलाया जाता रहेगा.'
-राकेश मोहन सिन्हा, डीएसपी, ट्रैफिक
'रांची में एनसीपीसीआर व एससीपीसीआर की हुई मीटिंग में स्कूल वैन व ऑटो की ओवरलोडिंग से संबंधित मामले को भी उठाया गया था। एनसीपीसीआर द्वारा कहा गया कि एडमिनिस्ट्रेशन के ओवरलोडिंग के खिलाफ चल रहे अभियान में कंटिन्यूटी होनी जाहिए। मैं इस पर नजर रख रहा हूं और इसकी रिपोर्ट एनसीपीसीआर को दी जाएगी.'
-डॉ उमेश कुमार, प्रेसिडेंट, जमशेदपुर अभिभावक संघ
Report by: jamshedpur@inext.co.in
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