-यूपी में परमीशन ना देने पर अखिलेश पर भी साधा निशाना

-यहां भैंस और कुत्ते ढूंढने के लिए है पुलिस

-'मथुरा में जमीनों पर अवैध कब्जा करने की परमीशन, लेकिन आवैसी को खुले में सभा करने की परमीशन नहीं'

LUCKNOW: यूपी में पहली बार सभा करने की इजाजत पाये असदउद्दीन ओवैसी ने शनिवार को प्रदेश सरकार के साथ साथ बसपा कांग्रेस और बीजेपी पर जमकर हमला बोला। किंग जार्ज मेडिकल युनिवर्सिटी के कंवेंशन सेंटर में अपने कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए जमकर जोश भरा। उन्होंने कहा कि आने वाले चुनाव में पार्टी पूरी ताकत के साथ मुकाबला करेगी। उन्होंने कहा कि हम पर इल्जाम लगाया जाता है कि आप कम्युनल हैं। हमें फिरकापरस्त कहने वाले एसपी, बीजेपी, बीएसपी और कांग्रेस आप आपस में पहले यह तय कर के जनता को बताओ कि तुममें से सेक्युलर कौन है?

तीन साल बाद मिली बोलने की परमीशन

ओवैसी ने कहा कि मैं संसद में दलितों के लिए खड़े होकर बोल सकता हूं। संसद में होम मिनिस्टर राजनाथ सिंह की आंख में आंख डालकर सवाल कर सकता हूं, वहां मुझे बोलने की परमीशन है लेकिन उत्तर प्रदेश में मुझे सभा करने की परमीशन नहीं दी जाती। यहां तक कि मथुरा में जमीनों पर अवैध कब्जा करने की परमीशन है। लेकिन ओवैसी को स्पीच देने की इजाजत नहीं है। तीन साल से मैं परमीशन नहीं मिली। उन्होंने कहा कि यह बीजेपी और एसपी के अटूट रिश्ते का नतीजा है जिसकी जड़ें काफी मजबूत है। मेरे बोलने से लोगों को इस लिए परेशानी होती है क्योंकि मुस्लिमों और दलितों के हक के लिए बोलता हूं। उन्होंने सेंसेस बोर्ड के आंकड़े पेश करते हुए बताया कि देश का लिट्रेसी रेट 72 प्रतिशत है। लेकिन मुस्लिमों का लिट्रेसी रेट 64 प्रतिशत है। क्या इसके लिए ओवैसी जिम्मेदार है?

हर थाने पर खास लोगों की पोस्टिंग

ओवैसी ने कहा कि हर मुसलमानों के नाम पर राजनीति करने वालों को सरकार में हिस्सेदारी नहीं मिलती। लेकिन आप जिस भी थाने पर चले जाइये वहां मुख्यमंत्री के करीबी और उनके रिश्तेदार मिलेंगे। प्रदेश में जो सरकार है वह समाजवाद की सरकार नही बल्कि यादव वाद की सरकार है। सपा ने दावा किया था कि एजुकेशन हब बनायेंगे लेकिन वह नजर नहीं आ रहे। जो वादे किये थे वह पूरे नहीं हुए।

मायावती ने नहीं किया मुस्लिमों के लिए कोई काम नहीं किया

ओवैसी ने कहा कि केंद्र सरकार ने प्रदेश मायावती सरकार को 1020 करोड़ रुपये माइनारिटीज की एजुकेशन इम्प्रूव करने के लिए दिया था लेकिन मायावती आधा पैसा भी खर्च नहीं कर सकीं। उन्होंने कहा कि यह पार्टियां नहीं चाहती कि हमारे बच्चे पढ़ाई ना कर सकें। दलित और मुस्लिमों की इन्हें फिक्र नहीं है। यह लोग लूट रहे हैं। मुस्लिम और दलितों के इलाकों में स्कूल नहीं खोले जाते।

तुम्हारे जलसे में अकेले आऊंगा

ओवैसी ने कहा कि मैं चैलेंज करता हूं कि कोई पढ़ा लिखा हो तो आ जाओ बहस करने अगर आप यहां नहीं आ सकते तो जहां कहो लाखों की भीड़ में मैं अकेले आ जाऊंगा। कुछ लोग दुकानें खोलकर बैठे हैं सेक्युलरिज्म और कम्युनलिज्म की।

खाल उतारने वालों की खाल उधेड़ी जा रही

केंद्र सरकार पर हमला करते हुए ओवैसी ने कहा कि जिस प्रदेश को प्रोजेक्ट कर देश की सरकार बनायी गयी वहां गाड़ी में बांध कर मरी गायों से चमड़ा उतारने वालों को मारा गया। उन्होंनें यूपी के दादरी, बुलंदशहर और मथुरा की घटनाओं को जिक्र किया। उन्होंने मुजफ्फरनगर दंगे का भी जिक्र किया।

भैंस तंग आकर आपसे भाग गयी होगी

ओवैसी ने कहा कि यहां पुलिस भैंस और कुत्ते खोजने में ज्यादा दिलचस्पी दिखाती है। उन्होंने कहा कि एक साहब की भैंस गायब हो गयी। आजम खां का नाम लिये बिना कहा कि बड़े साहब वह आपसे तंग आकर भाग गयी होगी, जल्द ही आपसे तंग आकर लोग भी आपका साथ छोड़ देंगे।

आरएसएस और बीजेपी पर भी बोला हमला

ओवैसी ने कहा कि बीजेपी झंडा यात्रा निकाल रही है। क्या यह बात सच नहीं है कि दामोदर सावरकर ने एक बयान दिया था कि यह तिरंगा हमारा नेशनल फ्लैग नहीं हो सकता? बीजेपी वाले सावरकर की सालगिरह क्यों मनाते हैं। झंडे का अपमान किया क्या वह दोष द्रोही नहीं थे? ओवैसी ने कहा कि देश की पहली आतंकवादी घटना गांधी जी की हत्या थी, जिसमें गोडसे को बचाने के लिए श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने पैसे इकट्ठे किये थे और सरदार पटेल ने इसका विरोध किया था।