केस 1
11 नवम्बर। चन्द्रलोक कालोनी के पास एक मारुति कार से राजभवन में तैनात समीक्षा अधिकारी की बेटी का सनसनीखेज तरीके  से दिनदहाड़े अपहरण कर लिया जाता है।

केस 2
करीब एक महीने पहले गाजीपुर में एक स्टूडेंट को कोचिंग से वापस लौटते समय बाइक सवार दो युवक जबरन लड़की को रोकते हैं और  गोमतीनगर में उसका रेप करते है।

केस 3

ट्रांसगोमती में भी कुछ ऐसा ही होता है। एक तरफा प्यार में एक लड़का अपनी प्रेमिका को जबरन उठा ले जाता है और उसका रेप करने के बाद उसे छोड़ देता है।

यह तीन केस हैं। जो यह साबित करते हैं कि किस तरह राजधानी में अपराध बढ़ता जा रहा है। दिनदहाड़े अपराध हो रहे हैं। गैंगरेप भी आम हो गया है। लेकिन जब इन केस की तह तक पुलिस पहुंची तो दो मिनट में सच सामने आ गया। फिल्मी ड्रामा की तरह स्कूल और कोचिंग जाने वाली लड़कियां अपने पैरेन्ट्स और पुलिस को धोखा दे रही हैं। अपने फ्यूचर के साथ वह खिलवाड़ कर रही हैं। आइए देखते हैं इन कहानियों का सच

चली गई ब्वायफ्रेंड के साथ
राजभवन में तैनात अलीगंज में रहने वाले एक समीक्षा अधिकारी की बेटी 11 नवम्बर को रहस्मय तरीके से स्कूल जाते समय रास्ते से गायब हो गयी। प्रियंका (बदला हुआ नाम) अपनी मां के साथ 11 नवम्बर को दिन में 12 बजे निकली थी। प्रियंका की मां नगर निगम में कर्मचारी है, वह अपने आफिस गयी और प्रियंका अपने स्कूल जाने के लिए कह कर निकली लेकिन स्कूल नहीं पहुंची। मां को आफिस जाने के बाद प्रियंका ने अपने ब्वाय फ्रेंड को काल किया और उसके साथ निकल गयी घूमने। इस दौरान मां ने किसी काम से प्रियंका को फोन किया तो प्रियंका ने फोन रिसीव नहीं किया। तीन घंटे तक प्रियंका के घर वाले परेशान होते रहे लेकिन पुलिस को खबर नहीं दी। आखिरकार प्रियंका साढ़े तीन बजे अपने घर वापस आ गयी और उसने किडनैपिंग की कहानी घर वालों को बतायी तो घर वालों के होश उड़ गये।

तुरंत लिखाया मुकदमा
प्रियंका के पिता भी इस दौरान आफिस से लौटे और सोच विचार करने के बाद अलीगंज थाने में एफआईआर लॉज करा दी। मामला राजभवन से जुड़ा था इस लिए पुलिस ने भी आनन फानन में तहरीर मिलते ही केस रजिस्टर कर जांच शुरु की। प्रियंका के अनुसार वह स्कूल जा रही थी इसी दौरान ब्लैक कलर की मारुति वैन से दो नकाबपोश महिलाओं ने उसका अपहरण कर लिया। इसके बाद उसे सहारागंज के पास ले जाया गया। कुछ देर के बाद उसे कैसरबाग के मकबरा के पास ले जाया गया। प्रियंका ने बताया था कि एक स्थान पर पार्किंग में गाड़ी खड़ी कर दी गयी तो वह खिड़की के सहारे किसी सूरत से निकल कर भाग कर घर पहुंची।

नाटक साबित हुई प्रियंका की कहानी

पुलिस ने शुरुआती जांच में पाया कि यह पूरी घटना प्रियंका की तरफ से मनगढंत थी। सूत्रों की मानें तो प्रियंका का मोहल्ले के ही एक लड़के से अफेयर चल रहा था। दोनों की बात मैसेज के थ्रू घटना वाले दिन भी हो रही थी और जब प्रियंका ने अपनी मां को नगर निगम आफिस के पास छोड़ा उसके बाद प्रियंका ने अपने ब्वाय फ्रेंड को दोपहर साढ़े बारह बजे काल करके बुला लिया। दोनों पहले महानगर गये। महानगर में आधे घंटे रहने के बाद वापस चंद्रलोक कालोनी पहुंचे और फिर फौरन ही हजरतगंज के लिए निकल गये। लगभग डेढ़ बजे दोनों हजरतगंज पहुंच गये।

इसी दौरान प्रियंका के घर वालों की एक के बाद एक काल आने लगी। लेकिन प्रियंका अपने घर वालों की किसी काल को रिसीव नहीं कर रही थी। बाकी सभी से इसकी बात लगातार हो रही थी। इसके बाद गोलागंज, कैसरबाग और हजरतगंज के चक्कर लगाते रहे और फिर दोनों ने लगभग एक घंटा सहारा गंज में मौज मस्ती की। फिर वापस दोनों चंद्रलोक कालोनी पहुंचे और लड़की ने अपने घर जा कर किडनैपिंग की फर्जी कहानी गढ़ कर बता दी। कुल मिलाकर घर वालों से बचने के लिए प्रियंका ने न सिर्फ अपने घर वालों को परेशान किया बल्कि पुलिस को भी हलकान किया। अब प्रियंका के घर वाले लड़की की बदनामी की डर से किसी भी तरह का एक्शन लेने से मना कर रहे हैं।

किडनैपिंग का आरोप
गाजीपुर में एक स्टूडेंट सोनी (बदला हुआ नाम) कोचिंग के लिए निकली थी। देर रात जब वह लौटी तो उसने भी इसी तरह की मनगढं़त कहानी बताई तो आधी रात में सीओ गोमतीनगर और एसपी ट्रांसगोमती नितिन तिवारी भी थाने पहुंचे और लड़की से पूछताछ शुरु की। लड़की का आरोप था कि दो लड़के उसे अपनी बाइक पर सरेशाम इंदिरानगर से किडनैप कर ले गये और गोमतीनगर इलाके में ले जाकर रेप किया। यह कहानी किसी के भी गले नहीं उतरी कि दो बाइक सवार किसी को सरेशाम किडनैप कर ले जाएं और किसी को पता न चले यह संभव नहीं था। पुलिस जांच में पता चला कि यहां भी लड़की की ओर से गलत बयानी की जा रही है क्यों कि जिस कोचिंग से निकल कर घर जाने की बात सोनी द्वारा की जा रही थी उस दिन वह कोचिंग सेंटर बंद था। एक पुलिस अधिकारी की मानें तो लड़की अपनी मर्जी से गयी थी। हालांकि अभी जांच चल रही है और कोई भी पुलिस अधिकारी इसमें खुलकर बोलने को तैयार नहीं है।

डीएनए टेस्ट में निकला सच

आईजी टेक्निकल सर्विसेज अरुण कुमार की मानें तो ट्रांसगोमती इलाके में कुछ महीने पहले एक लड़की ने एक लड़के पर रेप का आरोप लगाया था। लड़के को पुलिस ने अरेस्ट भी किया था। बाद में डीएनए टेस्ट में लड़का निर्दोष साबित हुआ और उसे रिहा कर दिया गया। इसी तरह ठाकुरगंज थाने में ऐसे कई केस रजिस्टर हुए जिसमें घर वालों ने रंगरेलियां मनाते हुए पकड़ा और रेप का केस रजिस्टर करा दिया। मामला रेप का होने के कारण पुलिस भी आरोपी को जेल भेजने में ही अपनी भलाई समझी।