- बीते एक साल में पार्टी कई बार मुश्किलों का करना पड़ा सामना

- तमाम मामलों में कार्रवाई के बावजूद नहीं थम रहा सिलसिला

LUCKNOW: समाजवादी पार्टी के 'अपने' ही मुश्किल दौर में पार्टी को मुसीबत में डाल रहे है। पंचायत चुनाव से शुरू हुआ बगावत का सिलसिला विधानसभा चुनाव नजदीक देखकर फिर ताजा हो गया है। बदायूं के विधायक आबिद रजा ने जिस अंदाज में कद्दावर सांसद धर्मेद्र यादव पर आरोप लगाए, उसके पीछे कोई खास रणनीति होने की संभावना को नकारा नहीं जा सकता। पार्टी ने भले ही उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया हो लेकिन तमाम मामले अभी भी ऐसे हैं जिनमें पार्टी कार्रवाई करने से गुरेज करती रही। शायद यही वजह है कि कभी अपने आपराधिक कृत्यों तो कभी आपत्तिजनक बयानों के जरिए पार्टी की इमेज को चोट पहुंचाने से तमाम नेता नहीं बाज आ रहे है।

बर्खास्त किये जा चुके हैं मंत्री

बेलगाम नेताओं के किस्से तो आये दिन सुनते ही रहते हैं। पिछले तीन महीने में ही सपा के नेताओं ने अपनी गंदी भाषा से ना सिर्फ सरकार को बदनाम किया है बल्कि मुख्यमंत्री की इमेज को भी ठेस पहुंचायी है। जून महीने में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री कुलदीप उज्जवल का ऑडियो वायरल हुआ जिसमें जिला पंचायत राज अधिकारी को वह गालियों से तौल रहे थे। ऑडियो वायरल होने के बाद मुख्यमंत्री ने कुलदीप को बर्खास्त कर दिया था।

इन पर कब होगी कार्रवाई

सपा सरकार में मंत्री राधे श्याम का एक वीडियो भी आजकल चर्चा का विषय बना हुआ है। इस ऑडियो में कुशीनगर से विधायक और मौजूदा सरकार में कृषि और चिकित्सा स्वास्थ विभाग के राज्य मंत्री हैं। उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी को अधिक महत्व दिये जाने पर कुशीनगर जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी को फोन पर ही जमकर गालियां दीं। ऑडियो वायरल होने के बाद भी अब तक राधेश्याम के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गयी है।

नेतृत्व है आ चुका है त्रस्त

सिर्फ दर्जा प्राप्त मंत्री और राज्यमंत्रियों से ही नहीं बल्कि सपा नेतृत्व अपनी पार्टी के विधायकों, चेयरमैन और जिला पंचायत अध्यक्षों के आये दिन के कारनामों से सरकार और पार्टी की मुश्किलें बढ़ाते रहे हैं। शुक्रवार को शाहजहांपुर में सपा के जिलाध्यक्ष तनवीर खां डीएम के चैंबर में घुस गये और डीएम पर नाजायज काम का दबाव बनाने लगे। काम ना करने पर देख लेने की धमकी तक दे डाली। इससे पहले लैकफेड के चेयरमैन तोता राम, रुचिवीरा, रामपाल यादव, भगवान शर्मा उर्फ गुड्डू पंडित, मुकेश शर्मा, झीन बाबू, राम मूर्ति वर्मा, कैलाश चौरसिया समेत कई नेता पार्टी के लिए समय समय पर मुश्किल पैदा करते रहे हैं। इनमें से कई ऐसे हैं जिनपर कार्रवाई की गयी लेकिन अधिकतर ऐसे हैं जिन पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी।

जमीन कब्जा करने पहुंच गये सपा के नेता

प्रदेश के अलग अलग जिलों की बात छोडि़ये राजधानी लखनऊ में ही सपा के पूर्व एमएलसी अन्ना महाराज आरोप है कि वह अपने लाव लश्कर के साथ एक जमीन पर कब्जा करने पहुंचने गये। पीडि़त पक्ष ने थाने पर तहरीर दी, लेकिन दूसरे नेताओं के दबाव में मुकदमा नहीं लिखा गया।