- जांच बैठाने से पहले फॉरेस्ट मिनिस्टर ने कही पूरा 'होमवर्क' करने की बात
- अधिकारियों की बैठक बुलाकर सारे मामले की जानकारी लेंगे फॉरेस्ट मिनिस्टर
- जानकारी की जाएगी कि किसी एनजीओ या आदमी ने पहले शिकायत की थी या नहीं
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DEHRADUN : पैसेफिक हिल अपार्टमेंट बनने से पहले इस प्लॉट पर सैकड़ों की संख्या में खड़े पेड़ों को काटने का मामला गरमा गया है। फॉरेस्ट मिनिस्टर दिनेश अग्रवाल ने इस मामले की जांच कराने से पहले पूरा 'होमवर्क' करने की बात कही है यानि कोई भी कार्रवाई शुरू करने से पहले मिनिस्टर कागजी प्रक्रिया को पूरी करते हुए सरकारी पक्ष को मजबूत कर लेना चाह रहे हैं।
बदल गई डायवर्जन की तस्वीर
दून सिटी में राजपुर रोड से मसूरी जाने वाले रास्ते को अलग करने वाले डायवर्जन की तस्वीर पांच साल में ही बदल गई है। पांच साल पहले यानि ख्0क्0 में यहां बिल्डिंग्स के निर्माण शुरू होने से पहले जो इलाका घनी हरियाली से भरा हुआ था। पांच साल बाद यानि ख्0क्भ् में वहां कंक्रीट का जंगल बन गया है। फॉरेस्ट मिनिस्टर ने इस हरियाली को खत्म करने की इजाजत देने की प्रक्रिया की जांच की तैयारी की है।
मिनिस्टर बुलाएंगे बैठक
फॉरेस्ट मिनिस्टर ने पैसेफिक हिल मामले में बहुत सारे कानूनी विवादों को देखते हुए कोई भी जांच या अन्य कार्रवाई शुरू करने से पहले कागजी प्रक्रिया को मजबूत करने का निर्णय लिया है। इसके लिए उन्होंने इस मसले पर फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के अधिकारियों की बैठक बुलाने की तैयारी की है। फिलहाल मिनिस्टर स्टेट से बाहर हैं और उनके वापस लौटते ही यह बैठक बुलाई जाएगी।
दे सकते हैं शिकायत भी
पैसेफिक हिल की हरियाली के मामले में फॉरेस्ट मिनिस्टर सामाजिक संगठनों की शिकायतों की भी छानबीन कराने जा रहे हैं। इस संबंध में उन्हें कोई भी शिकायत दी जा सकती है।
यह होंगे बैठक के मुख्य बिंदु
- अपार्टमेंट बनने से पहले फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के आंकड़ों के अनुसार वहां कितने पेड़ खड़े हुए थे।
- इन पेड़ों में से कितने पेड़ विभागीय रिकॉर्ड के अनुसार न काटने वाली श्रेणी के थे।
- इन पेड़ों को काटने के लिए कौन से स्तर से प्रक्रिया शुरू की गई और किस अधिकारी ने अंत में हरी झंडी दी।
- इन पेड़ों को काटने के खिलाफ क्या किसी संगठन ने कोई आपत्ति दी। यदि दी थी तो उस पर क्या कार्रवाई की गई।
यह मामला बेहद संवेदनशील है और इसमें सीधे जांच नहीं की जा सकती है। मैं पहले विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक करने जा रहा हूं। बैठक के बाद ही जांच कमेटी बनाई जाएगी।
- दिनेश अग्रवाल, फॉरेस्ट मिनिस्टर,
उत्तराखंड