No time for rest, gear up your preparation for advance 

Patna: इंजीनियरिंग के टॉप इंस्टीच्यूट आईआईटी में एंट्री के दो बैरियर्स बन चुके हैं। जेईई मेन का पहला बैरियर को क्रॉस करने के लिए ऑफलाइन एग्जामिनेशन तो हो चुका और ऑनलाइन एग्जामिनेशन जारी हैं. 

यह सबसे बड़ा कंफ्यूजन है
जेईई मेन का रिजल्ट सात मई को रिलीज होगा और इसमें से 1.5 लाख स्टूडेंट्स दो जून को होने वाले जेईई एडवांस में पार्टिसिपेट करेंगे। लेकिन इस बीच का वक्त स्टूडेंट्स कैसे यूटीलाइज करें, यह सबसे बड़ा कंफ्यूजन है। एक्सपट्र्स की मानें पिछले सालों के मुकाबले ईजी क्वेश्चन थे, तो कट-ऑफ हाई रहेगा। जेनेरल कैटेगरी में 35 परसेंट और ओबीसी-एससी कैटेगरी में 33 और 25 परसेंट के लिए एश्योर स्टूडेंट्स को जेईई एडवांस की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए. 
Advance की तैयारी शुरू करें
जेईई मेन खत्म होने के बाद भी आईआईटी और दूसरे टॉप कॉलेजों के एस्पिरेंट्स को रिलैक्स करने का वक्त नहीं है। एक्सपट्र्स कहते हैं कि आईआईटी एस्पिरेंट्स के लिए बेहतर होगा कि वे जेईई एडवांस की तैयारी में लग जाएं। इसके लिए जरूरी है कि उन्हें यह पता हो कि जेईई एडवांस में सेलेक्शन के लिए कट-ऑफ क्या रहने के आसार हैं। इसके अलावा होप फुल एस्पिरेंट्स आगे की तैयारी कैसे करें, इसकी भी प्लानिंग करनी होगी क्योंकि जेईई एडवांस बिल्कुल नया पैटर्न है. 


Double sitting में practice करें
जेईई एडवांस के लिए अब ज्यादा से ज्यादा प्रैक्टिस पर ध्यान दें। टेस्ट सीरीज के साथ पैटर्न को ध्यान में रखते हुए डबल सीटिंग में प्रैक्टिस करें। ऐसा करना आपको एग्जाम के लिये ज्यादा बेहतर तरीके से तैयार करेगा। जेईई मेनक्र की तरह ही अब नए चैप्टर पर ज्यादा ध्यान ना दें। पढ़े हुए चैप्टर्स और पिछले 20 सालों के ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन रिवाइज कर लें. 

Physically और mentally रहें fit 
यह हर स्टूडेंट के लिए क्रूशियल टाइम है। इस वक्त में फिट रहना बहुत जरूरी है। जहां तक खुद को फिजिकली और मेंटली तैयार करने की बात है तो इसके लिए स्टूडेंट्स रात में जल्दी सोएं और सुबह मॉर्निंग वाक और प्राणायाम शुरू कर दें। साथ ही मौसम को ध्यान में रखते हुए ऐसे फूड लें जो डाइजेस्ट होने में आसान हो. 

सबसे जरूरी है time management
जेईई एडवांस के किसी भी पेपर में टाइम मैनेजमेंट के हिसाब से क्वेश्चन सेलेक्शन जरूरी है। हर पेपर में सिंगल करेक्ट च्वाइस टाइप क्वेश्चन को पहले सॉल्व करें। इसके बाद सिंगल डिजिट आंसर वाले क्वेश्चन सॉल्व करें। इसके बाद पैराग्राफ, मल्टीपल करेक्ट च्वाइस और मैट्रिक्स टाइप क्वेश्चन सॉल्व करें। मैट्रिक्स टाइप क्वेश्चन में गलती की संभावना अधिक होती है. 


यूं होगा JEE mains का result 
जेनरल कैटेगरी - लगभग 76 हजार
ओबीसी कैटेगरी - लगभग 41 हजार
एससी और एसटी कैटेगरी - लगभग 34 हजार 

Paddle your preparations for JEE advance 

यह सबसे बड़ा कंफ्यूजन है
जेईई मेन का रिजल्ट सात मई को रिलीज होगा और इसमें से 1.5 लाख स्टूडेंट्स दो जून को होने वाले जेईई एडवांस में पार्टिसिपेट करेंगे। लेकिन इस बीच का वक्त स्टूडेंट्स कैसे यूटीलाइज करें, यह सबसे बड़ा कंफ्यूजन है। एक्सपट्र्स की मानें पिछले सालों के मुकाबले ईजी क्वेश्चन थे, तो कट-ऑफ हाई रहेगा। जेनेरल कैटेगरी में 35 परसेंट और ओबीसी-एससी कैटेगरी में 33 और 25 परसेंट के लिए एश्योर स्टूडेंट्स को जेईई एडवांस की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए. 

Advance की तैयारी शुरू करें
जेईई मेन खत्म होने के बाद भी आईआईटी और दूसरे टॉप कॉलेजों के एस्पिरेंट्स को रिलैक्स करने का वक्त नहीं है। एक्सपट्र्स कहते हैं कि आईआईटी एस्पिरेंट्स के लिए बेहतर होगा कि वे जेईई एडवांस की तैयारी में लग जाएं। इसके लिए जरूरी है कि उन्हें यह पता हो कि जेईई एडवांस में सेलेक्शन के लिए कट-ऑफ क्या रहने के आसार हैं। इसके अलावा होप फुल एस्पिरेंट्स आगे की तैयारी कैसे करें, इसकी भी प्लानिंग करनी होगी क्योंकि जेईई एडवांस बिल्कुल नया पैटर्न है. 

Double sitting में practice करें
जेईई एडवांस के लिए अब ज्यादा से ज्यादा प्रैक्टिस पर ध्यान दें। टेस्ट सीरीज के साथ पैटर्न को ध्यान में रखते हुए डबल सीटिंग में प्रैक्टिस करें। ऐसा करना आपको एग्जाम के लिये ज्यादा बेहतर तरीके से तैयार करेगा। जेईई मेनक्र की तरह ही अब नए चैप्टर पर ज्यादा ध्यान ना दें। पढ़े हुए चैप्टर्स और पिछले 20 सालों के ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन रिवाइज कर लें. 

Physically और mentally रहें fit 
यह हर स्टूडेंट के लिए क्रूशियल टाइम है। इस वक्त में फिट रहना बहुत जरूरी है। जहां तक खुद को फिजिकली और मेंटली तैयार करने की बात है तो इसके लिए स्टूडेंट्स रात में जल्दी सोएं और सुबह मॉर्निंग वाक और प्राणायाम शुरू कर दें। साथ ही मौसम को ध्यान में रखते हुए ऐसे फूड लें जो डाइजेस्ट होने में आसान हो. 

सबसे जरूरी है time management
जेईई एडवांस के किसी भी पेपर में टाइम मैनेजमेंट के हिसाब से क्वेश्चन सेलेक्शन जरूरी है। हर पेपर में सिंगल करेक्ट च्वाइस टाइप क्वेश्चन को पहले सॉल्व करें। इसके बाद सिंगल डिजिट आंसर वाले क्वेश्चन सॉल्व करें। इसके बाद पैराग्राफ, मल्टीपल करेक्ट च्वाइस और मैट्रिक्स टाइप क्वेश्चन सॉल्व करें। मैट्रिक्स टाइप क्वेश्चन में गलती की संभावना अधिक होती है. 

Nano info
यूं होगा JEE mains का result
जेनरल कैटेगरी - लगभग 76 हजार
ओबीसी कैटेगरी - लगभग 41 हजार
एससी और एसटी कैटेगरी - लगभग 34 हजार 

 

 

 

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