- पिछले साल की तुलना में मिल मालिकों की बढ़ती गयी संख्या

- तीस करोड़ से अधिक घोटालेबाज मिल मालिकों की तादाद है सबसे अधिक

- डिस्ट्रिक्ट वाइज बढ़ता गया है चावल चोरी का मामला

- ग्राउंड लेवल पर गोदाम में सड़ गया तीस करोड़ से अधिक का धान

PATNA : एक मिल मालिक ने पटना सहित बांका, छपरा, दरभंगा और सिवान में कुल क्ख्8भ्8.म्ब् टन धान खरीदा, लेकिन इसमें से एक दाना भी चावल बनाकर फिर बिहार खाद्य निगम को नहीं दिया गया है। इसके बाद भी इस पर डिपार्टमेंट की ओर से हर साल मेहरबानी दिखाई गयी है। यह सिर्फ एक मिल मालिक की बात नहीं है बल्कि ऐसे दर्जनों मिल मालिकों की लिस्ट है जिन्होंने अपने मिल के लिए विभिन्न जगहों से धान तो ले लिया लेकिन चावल बनाकर उसको रिटर्न नहीं किया है। नतीजा यह है कि जिस चावल के इंतजार में कई महीनों से गवर्नमेंट इंतजार कर रही थी। उसका एक दाना भी उससे नहीं मिला है। डिपार्टमेंट को ऐसे मिल मालिकों से बचने की जरूरत थी। लेकिन लूट में यह कहां पीछे रहने वाले हैं। इन लोगों ने अगले साल फिर से हर डिस्ट्रिक्ट के वैसे मिल मालिकों को चुना जो या तो पहले से था या फिर उसके मिल मालिक को दूसरे और तीसरे नाम पर उसकी खपत बढ़ा कर दे दी गयी जिसे उस मिल मालिकों ने पहले साल की तुलना में दुबारा उस धान का एक दाना भी वापस नहीं किया। आरटीआई एक्टिविस्ट शिव प्रकाश राय ने बताया कि सीएजी की रिपोर्ट में ख्0क्0-क्क् में ब्फ्फ्.ब्9 करोड़ का मामला सामने आया है। इस साल का जोड़ इससे कहीं अधिक है।

करोड़ों में बेचा, लाखों में खा रहे मुनाफा

दरअसल डिपार्टमेंट हर साल लापरवाही करता चला गया। औरंगाबाद में ख्0क्0-क्क् में क्म् मिल मालिकों ने ही एक करोड़ से अधिक का धान घोटाला किया था। वहां पर अगले साल भी इन्हीं घोटालेबाजों को जगह दी गयी साथ ही नए क्म्ख् मिल मालिकों को भी शामिल कर लिया गया। यही हाल गया का भी था। यहां पर पहले जहां पांच मिल मालिकों ने करोड़ा का माल इधर उधर किया था। वहां पर अगले साल के लिए क्9क् मिल मालिकों को इसकी बागडोर दे दी गयी है। मजेदार बात है कि करोड़ों का धान घोटाला करके ही शांत नहीं हुए बल्कि नए और बाहर से आने वाले चावल का भंडारण करके भी इन लोगों ने लाखों का मुनाफा कमाया है। इसका खामियाजा आम पब्लिक को भुगतना पड़ रहा है, जो आए दिन चावलों की कीमतों में आ रहे उछाल की चपेट में फंसता जा रहा है।

फ्फ् करोड़ का धान हो गया खराब

धान की चोरी के साथ-साथ लापरवाही भी जमकर की गई है। ख्8 डिस्ट्रिक्ट के गोदाम में ख्,म्0,000 क्विंटल धान जैसे-तैसे सड़ रहा है, जबकि अगर इस धान की कुटाई होती तो इससे क्7ब्ख्00 क्विंटल चावल आता और उसका बाजार मूल्य फ्फ्क्भ्ख्भ्ख्ब्म्.00 रुपए के आसपास होती।

लूट की जानकारी मिलते ही हर साल बढ़ाया गया लुटेरा

डिस्ट्रिक्ट - ख्0क्0-क्क् - ख्0क्ख्-क्फ्

पटना - क्ब् ----------- ब्फ्

मधेपुरा - क्म् -------- क्8

औरंगाबाद - क्म् ------ क्म्ख्

नालंदा - ख्फ् ---------- भ्ब्

गया - भ् ----------- क्9क्

गोपालगंज - 0भ् ------------ 07

समस्तीपुर - क्ख् ----------- 00

कैमूर भभुआ - क्ब्क् -------- 00

रोहतास - 7भ् ---------- क्0म्

सीतामढ़ी - क्ब् --------- फ्ब्

जमुई - 0क् ------------- 07

बेतिया - 07 ------------ 7क्

सुपौल - क्म् ------------- ख्म्

सहरसा - 8 ------------ क्9

मुजफ्फरपुर - 0भ् --------- ख्भ्

दरभंगा - 0म् -------------- क्9

कटिहार - 0ख् ------------ 0भ्

वैशाली - क्0 ------------- क्ब्

शेखपुरा - 0फ् --------------- क्भ्

लखीसराय - 0क् ------------ फ्ख्

सारण - 0भ् ------------- क्क्

मोतिहारी - क्म् ------------ ब्9

खगडि़या - 0ब् ----------- 0म्

मधुबनी - क्भ् ------------ ख्0

भोजपुर - 09 ------------- 0भ्

बांका - ख्7 ------------------- ब्भ्

सीवान - 0म् ------------------ 08

भागलपुर - 0क् ----------------- क्0