जेल की हवा खा रहे

एक नहीं कई प्लान बनाया मगर सफल नहीं हुए। बाइक चोरी की एक घटना को अंजाम तो दिया, लेकिन तीन दिन बाद ही उसी बाइक के साथ पकड़ लिए गए। फिलहाल जेल की हवा खा रहे हैं। यह कहानी तीन दोस्तों की है, जो खुद को इंजीनियर बनाने के लिए क्राइम के दलदल में उतर गए।

पहले किडनैपिंग का प्लान

औरंगाबाद का जयेश कुमार उर्फ सोनी, लखीसराय का आनंद कुमार और जहानाबाद का अमित कुमार तीनों गहरे दोस्त हैं। एक साथ कोचिंग करते थे। हॉस्टल में भी साथ रहते थे। घरवालों ने इंजीनियर बनाने का सपना देखा था, इसलिए रुपये खर्च कर तैयारी करने को भेजा। मगर अपनी औकात तीनों जान रहे थे। पता था कि सेलेक्शन होगा नहीं।

मोटी रकम की जरूरत

अगर कहीं से डोनेशन का इंतजाम हो जाये तो इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन हो जाएगा। इसके लिए मोटी रकम की जरूरत होगी। तीनों ने पहले एक बच्चे की किडनैपिंग का प्लान बनाया। हॉस्टल के ही बगल में एक अपार्टमेंट के बच्चे को निशाने पर रखा, मगर सफल नहीं हो सके।

चाभी चोरी कर उड़ाई बाइक

किडनैपिंग के प्लान में फेल होने के बाद तीनों ने बाइक चोरी की प्लानिंग की। लेकिन चाभी कहां से लाए, इस प्रॉब्लम के साथ बहादुरपुर पुल के नीचे एक चाभी बनाने वाले के यहां पहुंचे। रुपये नहीं थे सो वहां से भी चाभी चुरानी पड़ी। चाभी लेकर पहले डाकबंगला चौराहा के दक्षिण में लगी एक बाइक को खोला लेकिन उस चाभी से नहीं खुल सकी। उसके बाद मौर्यालोक परिसर के पश्चिम में बाइक को खोलना चाहा वहां भी सफल नहीं हो सके। अंत में पीआरडी ऑफिस के बाहर एक बाइक उस चाभी से खुल गयी और तीनों उसे लेकर भाग निकले। घटना 21 जून की है।

कई दिनों बाद आये हाथ

तीनों कम उम्र के हैं। कुछ दिनों तक बाइक से खूब मस्ती की। लेकिन पहली बार बाइक चोरी की थी ऐसे में उन्हें खरीदार ढंूढऩे में भी मुश्किल हो रही थी। आखिरकार जीपीओ के पास बाइक के साथ दबोच लिये गये। कोतवाली पुलिस ने उन्हें चेंकिग के दौरान गिरफ्तार कर लिया। सबने अपनी करतूतों की कहनी पुलिस को सुनाई। इस तरह इंजीनियर बनने की चाहत में गलत रास्ते को अपनाया और बेऊर जेल पहुंच गये।